मनमुटाव – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi
आज पांच दिनों बाद… कुसुम घर से निकलने को हुई तो पीछे से पापा की गरजती आवाज ने… उसके अंतर को हिला कर रख दिया… ” सोच लो कुसुम… आखिरी बार… एक बार उस दिशा में कदम बढाकर… वापस घर आने की सोचना भी नहीं… समझो घर के रास्ते बंद हो गए…!” कुसुम के पैर … Read more