अभागन… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

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वट वृक्ष के नीचे महिलाओं की लंबी कतार लगी थी… सभी अपनी बारी का इंतजार करतीं… हाथों में पूजा की थाल लिए… आगे पीछे बैठी थीं… तभी एक छोटी सी डलिया हाथ में लिए… किसी के आते ही पूजा कर रही महिलाओं के बीच दबी जुबान में अलग-अलग बातें बनने शुरू हो गए… एक बोली…” … Read more

मनमुटाव – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 35

आज पांच दिनों बाद… कुसुम घर से निकलने को हुई तो पीछे से पापा की गरजती आवाज ने… उसके अंतर को हिला कर रख दिया… ” सोच लो कुसुम… आखिरी बार… एक बार उस दिशा में कदम बढाकर… वापस घर आने की सोचना भी नहीं… समझो घर के रास्ते बंद हो गए…!”  कुसुम के पैर … Read more

पाप या पुण्य… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 86

धम्म से गिरने की आवाज सुनते ही… प्रभा उठकर लपकी तो अम्मा बीच में आ गई…” नहीं तुझे नहीं जाना… लता जाएगी… लता देख तो…!”  “जी अम्मा…!” ” नहीं मां… भास्कर मेरी राह देख रहा होगा…!” ” बोला ना नहीं… सिर्फ भास्कर ही नहीं यह चार दिन की नन्ही जान भी तेरी राह देख रहा … Read more

सरप्राइज – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

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“मना किया था तुम्हें… मत लादो इतना सामान… पर तुम्हारी तो जैसे कुछ समझ में ही नहीं आता… अब उठाओ तो अपना बैग… उठा पाओगी… कहां आया तुम्हारा बेटा… बड़ी शान से बोल रही थी… आपको नहीं उठाना पड़ेगा… मेरा बेटा खुद उठा कर ले जाएगा… अब क्या हुआ…?” ” सामान क्या… वह तो मुझे … Read more

मेरे गुरूर – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 47

“क्या बात है… रोज तो सुबह अलार्म की भी तुझे जरूरत नहीं पड़ती… आज इतनी देर तक कैसे पड़ी है… वंदना उठ… उठ बेटा…!”  मां ने हिलाया तो वंदना चादर को और कसकर पकड़ते हुए जैसे रुंधे गले से बोली…” नहीं मां… नहीं जाना…!” ” नहीं जाना… पर बेटा आज तो तनख्वाह मिलने वाली है … Read more

बेजा बोझ… -रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 100

“लो माधवी… हो गई रिटायर्ड तुम…!”  रमेश जी जमीन पर निर्जीव पड़ी अपनी पत्नी के पास बैठ उसका सर सहलाते हुए आंखों में आंसू भरे रुंधे गले से बोले…” तुम्हें बैठकर रहना पसंद नहीं था ना… लेकिन रिटायर होना था… इस बुढ़ापे में मुझे अकेला छोड़… मेरी जिम्मेदारियों का त्याग कर… हो गई रिटायर्ड तुम…!” … Read more

चलो घर चलें -रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 38

“आज क्या सत्यानाश कर दिया तुमने खाने का… एक चीज में स्वाद नहीं है… कच्ची अधपकी रोटियां… बेस्वाद सब्जी… एक सलाद तक ढंग से नहीं काट पाई…!” ” अरे यह क्या बात हुई… एक ही रट लगाए हुए हैं आप… मैंने कहा ना आज मेरा मूड नहीं था खाना बनाने का… तो बिगड़े मूड में … Read more

सच्चा हमसफर।-रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 57

“हां संध्या… मैं तलाकशुदा हूं… और यह भी सच है कि मैंने यह बात सबसे छुपाई है… पर इसका कारण जाने बिना तुम कोई फैसला नहीं लेना… प्लीज संध्या…!” ” संध्या बुत बनी खड़ी रही… फिर पास ही पड़े एक आराम कुर्सी को अपनी तरफ खींच… उस पर बैठ गई… और बोली…” बोलो राकेश… क्या … Read more

पति से पंगा – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 11

“कुछ दिनों से ऐसा लगता है सब काम गलत ही हो रहा है… जिस काम में हाथ डालो… वही उल्टा पड़ जाती है… क्या करूं कुछ समझ में ही नहीं आ रहा…!” सुमति जी ने अपनी मां के बाल बनाते हुए कहा…  सुमति जी की मां अभी दो दिन हुए उनके पास आई थी… मां … Read more

दिल का रिश्ता -रश्मि झा मिश्रा Moral stories in hindi

New Project 94

“नीलिमा नाम है ना तुम्हारा… तुम ही आई थी ना काम के लिए…!” ” हां साब… नीलिमा ही है… मेरी बेटी है… अब अकेले से नहीं होता मुझसे… इसलिए सोचा इसे भी लगा दूं काम पर…!” ” वह तो ठीक है… पर मुझे दिन भर वाली बाई चाहिए…!” मिलिंद बाबू ने पूछते हुए कहा…” यह … Read more

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