बेरोजगार (भाग-4) – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

****आगे पढ़ें***** दो दिन बाद छोटे की शादी थी…. मोहल्ले में शादी का पूरा माहौल बन गया था….. गाजे , बाजे , मेहमान ,संगीत चहल पहल कुछ ज्यादा ही नजर आने लगी थी….। मां ने कहा था…. तरुण को भी बारात में शामिल होने… इस बात के लिए उसकी मां से थोड़ी बहस भी हो … Read more

बेरोजगार (भाग-3) – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

****आगे की कहानी**** …..तभी फोन के रिंग होने से तरुण का ध्यान टूटा… अनुज का फोन था… खैरियत पूछने के बाद अनुज ने कहा…” भैया फोन रिचार्ज कर दिया है, देख लो… हुआ ना…. तरुण अनमना सा बोला… “ओह कर दिया, तुम्हें याद था…. हां! पिछले बार भी तो तुमने ही किया था…. थैंक यू … Read more

बेरोजगार (भाग-2) – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

बेरोजगार तरुण की आगे की कहानी… कुछ देर यहां वहां फांके करने के बाद…. तरुण घूम कर वापस घर आ गया…. स्वागत दरवाजे पर निशा ने किया…. निशा पड़ोस में रहने वाले अंकल सिंह जी की बेटी थी…” अरे भैया छोटे की शादी है अगले हफ्ते ,जरूर आइएगा… मैं कार्ड देने ही आई थी…” सुनकर … Read more

बेरोजगार (भाग-1) – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

तरुण ने चलते-चलते एक पत्थर को जोर से लात मारा… पत्थर उछलते हुए पेड़ के नीचे खड़े कुत्ते की दुम पर जाकर लगा… कुत्ता कें कें करता हुआ दूर भागा…. और तरुण फक्क की हंसी हंस पड़ा….! यह हंसी कुत्ते को पत्थर मारने की नहीं थी…. उसे लगा जैसे उसकी भी स्थिति उस कुत्ते की … Read more

क्या इसे खुशी कहते हैं – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

” हमारे बीच अब कुछ नहीं बचा… सड़ गया है हमारा रिश्ता… अंदर ही अंदर खोखला… सड़ा हुआ… इस रिश्ते को और कितना निभाऊं …बोलो दीदी… कला और मैं अब कभी नॉर्मल हस्बैंड वाइफ नहीं हो सकते…!” ” पर अनूप… क्या इस तरह बीच राह में एक लड़की का हाथ छोड़ दोगे मेरे भाई… क्या … Read more

आत्मसम्मान… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

एक लंबे चौड़े घर के अलावा कोई भी जायदाद अपने पीछे छोड़कर नहीं गए थे दीनानाथ जी… भरा पूरा परिवार था… तीन बेटे, तीन बहुएं, पांच पोते पोतियां… सबको हंसता खेलता छोड़ खुशी-खुशी…धर्म पत्नी रमा जी के गुजरने के 6 महीने के भीतर ही दीनानाथ जी भी चल बसे…  तीन बेटे बहू के संयुक्त परिवार … Read more

बाबुल का आंगन – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“आज तक कौन सा सुख पाया मेरी बेटी ने… अपने बाबुल के घर में… जो उसे यहां की याद आएगी… क्यों आएगी…!” बोलकर रविंद्र जी एक ठंडी आह भरकर बिस्तर पर लेट गए…  पूरे एक साल हो गए थे वसुधा के ब्याह को… मगर इन एक सालों में कभी घूम कर वह बाबुल के आंगन … Read more

खुशी के आंसू… – रश्मि झा मिश्रा   : Moral Stories in Hindi

आज फिर सुबह से घर में सन्नाटा पसरा हुआ था… राजू मां के कमरे में गया तो मां गठरी बनी कोने में तकिया लगाए पड़ी थी…  पिताजी बगल में कुर्सी पर बैठे खिड़की के पास अखबार देख रहे थे… राजू मां के पास झुक कर मां को थोड़ा हिलाते हुए बोला…” क्या हुआ मां अब … Read more

बहन… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“देखिए मिस्टर सेन… मैं आपको किसी भुलावे में नहीं रखना चाहता… आपकी दोनों किडनी फेल हो गई है खाना पीना सब छोड़ना होगा… हफ्ते में दो दिन डायलिसिस करवाना होगा…!”  थोड़ी देर के लिए कमरे में खामोशी छा गई… फिर डॉक्टर के सामने बैठे मिस्टर सेन ने टेबल पर हाथ रखते हुए कहा…” यह क्या … Read more

असली बहन – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

बंटी दुकान पर जाकर बोला…” अंकल ₹50 की एक चॉकलेट दीजिए…!” ” पर बेटा ₹50 की तो नहीं है मेरे पास…!” ” अच्छा ₹40 की है…!” ” नहीं बेटा ₹20 की है…!” ” अच्छा तो दो दे दीजिए…!”  चॉकलेट हाथ में लेकर बंटी बिना पैसे वापस लिए निकल गया… उसके पीछे से रीना आई…” चाचा … Read more

error: Content is protected !!