नीलांजना ( भाग-3 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…पिछले 24 सालों में… कई बार अलग-अलग तरीकों से उसने अम्मा और अर्जुन को तैयार करने की कोशिश की… कि चलिए एक बार घूम कर आते हैं… पर सासू मां का तो बस एक ही कहना था… ” मेरे चारों धाम, तीर्थ, व्रत सब मेरे घर में ही हैं… मुझे कहीं भीड़ भाड़ में नहीं … Read more

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नीलांजना ( भाग-2 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

अंकिता और शांभवी दोनों बहने हॉस्टल में थीं… बीस साल की अंकिता इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी… बेंगलुरु में… और शांभवी 15 साल की अभी 11वीं की छात्रा थी… घर में एक बूढी दादी थी… उन्हें दीन दुनिया से कोई मतलब नहीं था… केवल खाना खाया… दवाई ली… और अपने कमरे में रिमोट हाथ … Read more

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नीलांजना ( भाग-1 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…अभिनव दत्ता ने कार को पार्क के पास रोका… उतरकर दरवाजे को धक्का दे… मोबाइल हाथ में लेकर फटाफट में दो-चार मैसेजेस किए… फोन पर तुरंत ही रिप्लाई आ गया… वह एक दिशा में आगे बढ़ गया… बेंच पर नागार्जुन राय बैठे दूर से ही नजर आ रहे थे… दत्ता बेंच की तरफ बढ़ा… नागार्जुन … Read more

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मासी नहीं मम्मा… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…”कुहू… ना मेरी गुड़िया… वहां मत जा…!” ” मम्मा जाना…!” ” नहीं बेटा… अभी नहीं…!” ” नहीं… मम्मा जाना…!”  कुहू एक ही रट लगाए बैठी थी…  पर मम्मा जाने के लिए… मां को होना भी तो चाहिए…  सुमन ने खींचकर उसे सीने से लगा लिया… ” मैं हूं ना बेटा… मासी… मैं ही तेरी मम्मा … Read more

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सुख नहीं रहा तो दुख भी नहीं रहेगा…रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…आज कई सालों बाद प्रियंवदा जी ने अपनी पुरानी संदूक खोली थी…  पुराने कपड़े लत्ते… कागज पुर्जों के बीच… एक पीतल का बड़ा कलसा चमक उठा…  अपने कांपते हाथों से कलसे को उठाने की कोशिश करने लगीं… लेकिन वह इतना भारी था कि निकाल नहीं पाईं… फिर उन्होंने उस पर पड़ा ढक्कन हटाया….  उसके भीतर … Read more

बेरोजगार (भाग-9) अंतिम भाग – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

शाम की ट्रेन से तरुण घर की तरफ निकल गया… घर पहुंचा तो अनुज की शादी हो चुकी थी… घर नए वर वधू के इंतजार में सज कर तैयार था… रात होते-होते प्रमिला बहू बनकर अनुज के घर आ गई…. स्वागत- सत्कार सभी रस्म रिवाज निपट गए…! धीरे-धीरे सभी रिश्तेदार भी चले गए… अब घर … Read more

बेरोजगार (भाग-8) – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

आगे की कहानी***** कानपुर जाने के लिए तरुण बनारस जंक्शन पर बैठा हुआ था… उसके दिमाग में चल क्या रहा था… वह इससे खुद अनजान था… उसके प्यारे… इकलौते.. दुलारे भाई… की कल शादी थी… और वह यहां ऐसे बैठा था जैसे वह कोई अजनबी हो….! वह बार-बार अपना मन अपनी परीक्षा की तरफ खींचने … Read more

बेरोजगार (भाग-7) – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

आगे की कहानी****** अनुज चुपचाप सोचता रहा कि.. भैया क्या कहेंगे… कुछ कहेंगे या नहीं… पर तरुण कुछ नहीं बोला… दूसरे दिन सुबह… वह घर के लिए निकल गया… घर पहुंचा तो मां ने सवालों की झड़ी लगा दी… कैसा है अनुज…? खाता पीता है कि नहीं.. ठीक से…तू इतनी जल्दी क्यों आ गया… कुछ … Read more

बेरोजगार (भाग-6) – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

****आगे की कहानी**** तरुण घर से निकल गया…. वापस आया तो लड़कियां जा चुकी थीं…. वह अनुज के पास गया… अनुज एक मैगजीन पर सर गड़ाए बैठा था…. तरुण ने उसे दवाइयां दी… और यूं ही कुछ पूछने को हुआ… कि अनुज बोल उठा…” भैया वह मेरी फ्रेंड थी… यही जानना था ना आपको…” तरुण … Read more

बेरोजगार (भाग-5) – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

***आगे की कहानी**** बारात का स्वागत बड़े ही शानदार तरीके से किया गया…. वहां जाकर तरुण को अच्छा महसूस हुआ…. वह अभी इधर-उधर की बातें कर ही रहा था कि…. निशा ने जोर से कहा…” लता दीदी… आप” तरुण ने एक बार ही पलट कर देखा… एक करीने से सजी… खूबसूरत महिला… अपने भरे पूरे … Read more

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