बहन… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 66

“देखिए मिस्टर सेन… मैं आपको किसी भुलावे में नहीं रखना चाहता… आपकी दोनों किडनी फेल हो गई है खाना पीना सब छोड़ना होगा… हफ्ते में दो दिन डायलिसिस करवाना होगा…!”  थोड़ी देर के लिए कमरे में खामोशी छा गई… फिर डॉक्टर के सामने बैठे मिस्टर सेन ने टेबल पर हाथ रखते हुए कहा…” यह क्या … Read more

असली बहन – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 44

बंटी दुकान पर जाकर बोला…” अंकल ₹50 की एक चॉकलेट दीजिए…!” ” पर बेटा ₹50 की तो नहीं है मेरे पास…!” ” अच्छा ₹40 की है…!” ” नहीं बेटा ₹20 की है…!” ” अच्छा तो दो दे दीजिए…!”  चॉकलेट हाथ में लेकर बंटी बिना पैसे वापस लिए निकल गया… उसके पीछे से रीना आई…” चाचा … Read more

प्रेम का हक… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 69

“बरसात आ गई… आप इस बार भी छत की मरम्मत नहीं करवा सके… बताइए जिस पानी के लिए लोग तरसते हैं… उसी पानी को देखकर मेरी आंखों में पानी आ जाता है…!”  रीमा का घर काफी पुराना हो गया था… छत का जो हिस्सा उसे मिला था… उसकी मरम्मत बनने के बाद से कभी नहीं … Read more

अपना घर… – रश्मि झा मिश्रा   : Moral Stories in Hindi

New Project 80

“मां अपना जरूरी सामान सब देखकर रख लेना… दवाइयां ध्यान से ले लेना… एक महीना तो कम से कम रहना ही पड़ेगा ना…!”  “अरे चारू… बेटा मुझे मत बुला इतने दिनों के लिए… तेरी सासू मां तो हैं ही… उनका स्वभाव मुझसे नहीं मिल पाता… तू तो जानती है बेटा… पिछली बार कितनी परेशानी उठानी … Read more

खानदान की इज्जत… – रश्मि झा मिश्रा   : Moral Stories in Hindi

New Project 39

“दुनिया में और कोई काम नहीं बचा… कोई कोर्स नहीं रह गया करने को… ले देकर तुम लोगों की सुई वहीं अटक जाती है… अरे भाई कुछ नाम कमाने वाला हुनर सीखो ना… सिखना ही है अगर तो… नहीं तो बैठो घर… पढ़ाई लिखाई खत्म हो गई… ब्याह की जिम्मेदारी मेरी है… मैं ढूंढ रहा … Read more

अशांत… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 37

“दीदी अब मुझसे नहीं होगा… तुम्हें आना ही पड़ेगा…!” ” पर आकाश… मैं कैसे आऊंगी… दोनों बच्चों का क्या करूं… कहां छोड़ूं… कुछ तो सोचो…!” ” यही सब सोच सोच कर तो… इतने दिनों से अकेला सब झेल रहा हूं… पर अब नहीं… मुझे भी अपना घर देखना है… दो महीने हो गए… अस्पताल के … Read more

झुलौना बाबा – रश्मि झा मिश्रा .   : Moral Stories in Hindi

New Project 44

सब इंस्पेक्टर से रिटायर्ड हुए थे… रुद्र के झुलौना बाबा… इतना मस्त आकर्षक व्यक्तित्व… गठा हुआ शरीर… अभी भी लगता की चालीस पैंतालीस साल के ही हैं… पर उम्र का क्या… अब रिटायर हुए 7 साल हो चुके थे… रूद्र जब भी अपनी नानी के घर आता… दूर से ही बाबा को देखकर खुशी से … Read more

धूप – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 42

गांव के मोड़ पर जब बस जाकर लगी… तब तक अंधेरा हो चुका था… केडी (कुंजबिहारी दास) तो यह सोचकर बस पर चढ़ा था कि… अंधेरा होने से पहले पहुंच जाऊंगा… पर बरसात के दिनों में… कब समय से पहले अंधेरा कर दे… क्या भरोसा…ऊपर से बस का सफर… समय आगे पीछे हो ही जाता … Read more

नई शुरुआत… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

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“कैसी सीमा रेखा अतुल… आप कहना क्या चाहते हैं…? क्या इतने सालों बाद भी ऐसी बात आपको शोभा देती है… बीस साल हो गए हमारी शादी को… इतने बड़े-बड़े बच्चे हैं… अगर उन्हें पता चला की मां पापा में किस बात की बहस चल रही है तो वह क्या समझेंगे…?” ” सुनने दो और समझने … Read more

छोटी खुशियां – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 48

हवा में उड़ती गेंद आई और छत पर एक कोने में रखी… अचार की बरनी में इस तरह टकराई की बरनी दीवार से जा लगी… देखते-देखते उसमें से ताजा अचार की खुशबू के साथ-साथ सरसों का तेल बह निकला…  अम्मा अभी-अभी अचार को डब्बे में डालकर हाथ ही सुखा रही थी… आवाज सुन भागी आई… … Read more

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