काश…रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

रीवा को लगा कोई उसके बालों पर हौले से हाथ रखे है… उसने झटक कर पीछे देखा… तो सासु मां कांता जी थीं… उनका हाथ रीवा के सर पर था…  कांता जी ने प्यार से बाल सहलाते हुए कहा…” मैं हूं बेटा… क्या हुआ… विनय अभी तक नहीं आया ना…!” ” नहीं मां उन्हींका तो … Read more

भाभी मां… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“हम सिर्फ तीन नहीं… चार भाई बहन हैं… दो बहनों को तो तुम जानती ही हो… दोनों दीदियों की शादी हो चुकी है… पर मैं अकेला भाई नहीं हूं… मेरे एक भैया भी थे…  सात साल पहले उनका निधन हो गया…!” ” मगर यह सब तुम अब क्यों बता रहे हो…!” ” सुन लो वसुधा… … Read more

घर की इज्जत… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

तिवारी जी के बेटे कौस्तुभ ने… इंजीनियरिंग फिर एमबीए करने के बाद… बढ़िया कंपनी में… लाखों के मासिक पैकेज पर नौकरी ज्वाइन की…  विवाह के लिए रिश्तों की लाइन लग गई… तिवारी जी फूले नहीं समा रहे थे…  रिश्तेदारों से लेकर पड़ोसी… बिरादरी के लोग.… एक से एक मुंह मांगी दहेज के साथ… लड़कियों की … Read more

मन का रिश्ता – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

अनजाने माहौल में… घर से हजारों किलोमीटर की दूरी पर… अनुराधा अपने पति का हाथ थामे… शादी के बंधन में बंधी… पहुंच गई…  गांव से शहर आने का जोश… एक अलग होता है… पर यहां उसे शहर की चकाचौंध छोड़… गांव में आना पड़ा…  शिवम की पोस्टिंग… तमिलनाडु के छोटे से कस्बे में हो गई … Read more

घर के संस्कार.… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

शैलजा जी अपनी होने वाली समधन के घर गई थीं… विवाह की तैयारियों के बारे में बैठकर बातें करने… घर दो घंटे की दूरी पर था…आज कुछ काम के सिलसिले में उधर निकलना हुआ… तो फोन पर बातें करने से अच्छा उन्होंने सोचा कि… एक बार घर जाकर ही विवेक की मां और भाभी से … Read more

दिखावा जरूरी है… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…”देखो रवि सारी हमारी पसंद की चीजें हैं… मां हमसे कितना प्यार करती है…  मैंने उससे तुम्हारी पसंद के बारे में… एक बार जिक्र भर किया था.… उसने तो लगता है सबका सब रट डाला…!”  रवि ने पैकेट में से एक सोंठ का लड्डू उठाकर… अपने मुंह में रखा और अनमने ढंग से चलते हुए … Read more

बीमार होने का बहाना… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“तुम्हारा तो रोज का हो गया है… कभी कमर दर्द… कभी पेट… कभी हाथ… आज कुछ नहीं मिला तो घुटना लेकर बैठ गई… अब मुझे तो और कोई काम बचा नहीं लगता है…  अच्छा बताओ… कितना दवा ही खाओगी…  मां… तुम ही से बोल रहा हूं… कुछ तो बोलो…!”  मां गिरिजा देवी कुछ नहीं बोलीं… … Read more

किस्मत… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

चॉकलेट का बड़ा डब्बा… हाथ में लेकर भागती रोहिणी… घर में बिखरे सामानों से टकरा गई…  डब्बा गिर गया… सारे बड़े-बड़े मंहगे चॉकलेट पूरे घर में इधर-उधर फैल गए…  माया ललचाई आंखों से खड़ी होकर यह सब देख रही थी…  रोहिणी यहां वहां से चुनकर सब वापस डब्बे में डाल चुकी… पर फिर भी कुछ … Read more

खुशियों की दिवाली – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

मां सुमित्रा काकी के पास गई थी… दही लाने…  घर में कहां से होगा…  अनुज ने एक दो बार मां को मना करने की कोशिश की…  लेकिन वह भी जानता था… कि वह नहीं रूकेगी…  इसलिए… वह मां का इंतजार किए बिना ही…  घर से निकल गया…  निकलते हुए ही एक बार जोर से आवाज … Read more

सिंदूर… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…दरवाजा अम्मा ने ही खोला था…  धड़ाम से दरवाजा बंद होने की आवाज सुन… काजल ने सिया की तरफ घूर कर देखा… ” बोला था ना… दरवाजा खोल दो… रीता आ रही होगी…!” ‘ सॉरी मां… पर क्या हुआ…!” ” कुछ नहीं… तुम जाओ… स्कूल जाओ…!”   काजल ने टिफिन का ढक्कन बंद कर… उसके बैग … Read more

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