बीमार होने से फर्क पड़ता है… रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi
“अरे मां…! कितनी बार कहा है… इतनी सुबह मत नहाया करो.. तुम हो कि तुम्हें कुछ सुनाई ही नहीं देता… क्या जरूरत है.. ठंडी में इतनी सुबह हड़़बड़ हड़़बड़ करने की… आराम से सब चले जाएं.. तब नहा लो.. धूप निकलने दो.. तब नहाओ….!” आदर्श अपनी मां रमा जी को लगभग डांटते हुए ही.. इतना … Read more