सही फैसला…. रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

prerak kahani

सूनी सड़क पर.. भरी दोपहरी में.. बाइक उड़ाता कार्तिक.. पता नहीं किस दिशा में चला जा रहा था…!  सुबह से बिना कुछ खाए पिए… खुन्नस में और दिमाग काम नहीं कर रहा था…!  बाइक को सड़क पर दौड़ाता काफी दूर निकल गया… पहले 2 घंटे तो यूं ही गुजर गए.. दिमाग में अनेकों विचार.. द्वंद … Read more

तुम पर सिर्फ मेरा अधिकार है…. रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

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मोनू भाग कर दादी के पीछे छुप गया…” दादी बचा लीजिए.. दादी बचा लीजिए…! पीछे से सिया गुस्से मे आई तो मोनू डरते हुए बोला…” दादी प्लीज दादी.. मम्मी से बचा लीजिए…!” दादी उसे समेट कर आगे ले आई.. फिर हंसते हुए बोली…” पर हुआ क्या.. यह तो बताओ..!”  सिया खीझ कर बोली..” एक भी … Read more

दायित्व – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

आंगन के बाहर बने… बरगद के चबूतरे पर… नन्ही रिया बैठी चुपचाप अंदर हो रहे घमासान को देख रही थी….!  उसकी आंखों के आंसू सूख चुके थे… चेहरा पीला पड़ गया था…. आंगन में उसके पिता की लाश पड़ी थी…. मां तो उसे जन्म देते ही गुजर गई थी… और यह पिता जिन्होंने 10 सालों … Read more

जो मेरे साथ हुआ….. रश्मि झा मिश्रा   : Moral stories in hindi

नेहा के पापा सरकारी महकमे में.. उच्च पदस्थ अधिकारी थे… उनका घर.. लेकिन किसी बड़े शहर में न होकर… एक छोटे कस्बे में था… जहां उच्च शिक्षा की… बेहतर सुविधाएं.. उपलब्ध नहीं थी….। अपनी 12वीं की परीक्षा संपन्न करने के बाद.. आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए… नेहा को घर से हॉस्टल भेजना पड़ा…! … Read more

अहमियत किसकी – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

प्रभा जी ने कमर में खोंसी हुई.. चाबी का गुच्छा निकाला… भंडार घर खोलकर… श्वेता को आवाज़ लगाई…” लो जी कहां है बर्तन… किस में डालूं चावल… ऐसा नहीं होता कि बर्तन लेकर आए… फरमाइश चला दी.. की अम्मा दाल चावल निकाल दीजिए… सर पर निकालूं क्या…!”  तभी श्वेता भागती हुई… दो बर्तन लेकर… भंडार … Read more

गिन गिन कर पैर रखना….. – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 84

“अरे रूपा…. आजकल तेरे आंचल की छोड़ में क्या बांधे रहती है… रोज देखती हूं…..!”  “ओ मेमसाब… कुछ नहीं…. घर से आती है ना… जो मिल जाता…. नीचे गिर पड़ा…. सिक्का.. पैसा.. सब बांध लेती है…. कुछ नहीं इसमें… अभी तो ये… फालतू कागज बंधा है…! ” बोलकर आंचल की छोड़ को…. कमर के अंदर … Read more

जमाना बदल रहा है -रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

नमिता ने घर पहुंच सौरभ को मां की गोद में दिया… बैग रखे… मां पापा के पैर छूकर… सीधा अपने कमरे में घुस गई….!  मां ने आवाज लगाया….” क्या हुआ नम्मो… इतनी जल्दी में क्यों है…. चाय बनाऊं …! नमिता बोली…. “नहीं मां… रुको… आती हूं….”  थोड़ी देर बाद एक ढीला ढाला गाउन डाले अंदर … Read more

किस्मत का खेल…(भाग 2)- रश्मि झा मिश्रा:Moral stories in hindi

ट्रेन स्टेशन पर रुकी तो अंधेरा हो चुका था…. नरोत्तम जी बच्ची का हाथ पकड़ घर की तरफ बढ़े… अंधेरे में कदम बढ़ाते उन्होंने कहा…” अरे बेटा तुम्हारा नाम तो पूछा ही नहीं… क्या नाम है तुम्हारा…”  लड़की ने चेहरा उठाकर नरोत्तम जी की तरफ देखते हुए कहा…” मालूम नहीं….. नई मां तो कलमूंही ही … Read more

किस्मत का खेल….. – रश्मि झा मिश्रा:Moral stories in hindi

नरोत्तम जी की पत्नी का देहांत हुए 2 साल हो चुके थे…। बेचारी बड़ी धर्म परायणा पतिव्रता स्त्री थी…. समय रहते परलोक भी सिधार गई…. वरना अधिक उम्र तक जीना तो एक अपराध ही है आज की वास्तविकता….।  भरा पूरा परिवार था… दो बेटे, एक बेटी, सब की शादी हो चुकी थी…. सभी दायित्वों का … Read more

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