चार पैसे हाथ मे होते – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुमिता बहू तुने सोच समझ कर फ़ैसला लिया है ना…कहीं ऐसा ना हो बात इतनी बढ़ जाए कि…।” सुलोचना जी ने बहू से कहा “आप जरा भी फ़िक्र ना करें अम्मा जी … जो आज ना किया तो फिर कभी नहीं कर पाऊँगी…. बहुत हिम्मत कर के ये कदम उठाया है बस अब आप … Read more

Categories Uncategorized

छोटी बहू या ज़िम्मेदारियों की पोटली – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ बेटा तू अब तक तैयार नहीं हुई…लड़की वाले तिलक करने आ गए.. सब तुम्हें खोज रहे हैं…. और तुम यहाँ सामानों के बीच में उलझी पड़ी हो।“ सुमिता जी ने बेटी से कहा जो स्टोर में सासु माँ के कहने पर पूजा के लिए परात और ना जानें क्या क्या सामान खोजने में व्यस्त … Read more

Categories Uncategorized

” माँ हम क्यों नुकसान सहें – रश्मि प्रकाश   : Moral Stories in Hindi

“ यार नौ बज गए जल्दी से फोन हाथ में ले लो… माँ का फोन आने वाला है… हम सभी भाई बहन से उसने एक ही वक़्त पर ऑनलाइन आने कहा है।” पत्नी निशिता से कहते हुए रितेश ने जल्दी से फोन निकाल सामने रख लिया ठीक नौ बजे सुमिता जी ने अपने तीनों बच्चों … Read more

Categories Uncategorized

इज़्ज़त सिर पर पल्लू रखने से नहीं दिल से दी जाती है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

पढ़ी लिखी सुमन की शादी बहुत धूमधाम से पढ़े लिखे सुमेर से कर माँ बाप ख़ुशी से उसे ससुराल भेज दिए। नये घर में बहुरानी का स्वागत किया गया । सब रस्मों रिवाज के बाद सुमन को एक कमरे में छोड़कर सब चले गये। सुमन ने सर से भारी पल्लू हटाकर थोड़ा सुस्ताने का सोच … Read more

Categories Uncategorized

जिम्मेदारियों में कैसा गुड न्यूज़ – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“अच्छा सुनो एक गुड न्यूज़ है… भैया की बेटे की शादी तय हो गई है दो दिन बाद सगाई है हमें जाना है।”निकुंज ने राशि को ऑफिस से फोन कर गुड न्यूज़ दे पैकिंग करने को कह दिया. राशि कुछ कहती इससे पहले निकुंज ने फ़ोन रख दिया. शाम को जब निकुंज ऑफिस से घर … Read more

काश समझ पाते तेरी आहट का इंतज़ार रहता है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ बहू निकुंज कब तक आएगा … कब से तुम कह रही हो वो आ रहा है वो आ रहा है… दस बजने वाले है.. अब कब आएगा?” सुनंदा जी बहू राशि से पूछे जा रही थी “ माँ आप कब तक उनका इंतज़ार करेगी…खाना खा कर सो जाइए…उनके आने का कोई वक्त तय नहीं … Read more

अच्छा है तुम मायके ही चली जाओ – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

सुनंदा जी बहुत दिनों से देख रही थी बेटा बहू हर बात पर तकरार करने लगे हैं… ढाई साल ही तो हुए हैं शादी के उपर से तीन महीने की दीया के साथ राशि एकदम परेशान हो जा रही है और निकुंज बात बात पर राशि पर भड़कने लगा है… कितनी बार राशि ने कहा … Read more

माँ बोझ हो गई इसलिए छोड़ कर जाना चाहते हो? – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“मैं कह रही हूँ ना तुम लोगों से मुझे खाना नहीं खाना…. ले जाओ ये खाना यहाँ से….. चार पैसे क्या कमाने लगे हैं खुद को बहुत होशियार समझने लगे हैं… माँ की तो कोई फ़िक्र ही नहीं है… बस बीबी बच्चा यही इनकी दुनिया है।” सुनंदा जी ग़ुस्से में धमकियाते हुए बेटा बहू से … Read more

क्या अकेली माँ कन्यादान नहीं कर सकती – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

सुहानी बेटा देख ये साड़ियां कैसी है? कहती हुई उसकी मॉं ने चार पांच साड़ियां उसके सामने फैला दी। बेटा तुम्हारी शादी है और तुम ही मुंह फुलाकर बैठी हो? घर में सबकुछ मुझे ही देखना है ना बेटा तेरे भाई भी अभी छोटे हैं । तुम मदद नहीं करोगी तो मैं अकेले कैसे संभालूं? … Read more

जाना ना बाबूजी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

घर का ग़मगीन माहौल एहसास करवा रहा था कि आज फिर माँ अपने बाबुल की घर की गलियों को याद कर रही है…उनका अपने बाबूजी से प्रेम मैं बचपन से देखती आ रही थी और आज वो अपने बाबूजी को याद कर कर के रो रही है….आज नाना जी की पहली बरसी है। माँ सुबह … Read more

error: Content is protected !!