चार पैसे हाथ मे होते – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi
“ सुमिता बहू तुने सोच समझ कर फ़ैसला लिया है ना…कहीं ऐसा ना हो बात इतनी बढ़ जाए कि…।” सुलोचना जी ने बहू से कहा “आप जरा भी फ़िक्र ना करें अम्मा जी … जो आज ना किया तो फिर कभी नहीं कर पाऊँगी…. बहुत हिम्मत कर के ये कदम उठाया है बस अब आप … Read more