बेटा ऐसे तोहफ़े मँगवाना अच्छा नहीं है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

दरवाज़े की घंटी बजते राशि ने जैसे ही दरवाजा खोला…“ मैम मिस राशि के नाम का कुरिअर है।” डिलीवरी बॉय ने राशि से ही कहा ” हाँ दीजिए ।” मुस्कुराते हुए राशि ने कहा और पैकेट लेकर दरवाज़ा बंद कर दिया “ ये फिर तूने क्या मँगवाया है बेटा?” सुमिता जी ने राशि से पूछा … Read more

रिश्तों पर पड़ीं धुंधली परत…. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“आइने गुज़रा हुआ वक़्त नहीं बताया करते सुमन….हम उसको पकड़ कर बैठे रहते हैं… जो हो गया जो बीत गया बस वो हमारे मानस पटल पर ऐसे अंकित हो जाते हैं कि हम चाहकर भी उनसे अलग नहीं हों पाते हैं ….देखो ना तुम आज भी छोटी के व्यवहार को लेकर दुखी होकर बैठ गई … Read more

बेटा मैं तो तेरा भला ही चाहती हूँ – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ बधाई हो, सुमिता तेरे बेटे की नौकरी लग गई अब तुम्हें किसी की कोई बात सुनने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी ।” वीरेन बाबू ने पत्नी से कहा और मिठाई का डिब्बा उसकी ओर बढ़ा दिया “ आप ख़ुश हो?” आश्चर्य से सुमिता ने कहा “हाँ सुमिता आख़िर हमारा बेटा है अपने पैरों पर खड़ा … Read more

बहू तुम ये सब क्या कर रही हो – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ अरे अरे बीबी जी ये आप क्या कर रही हो….अभी अम्मा जी देख लेती आपको ऐसे तो समझो मेरी शामत ही आई थी…!” कमली राशि को झाड़ू पकड़ जाले साफ करते देख बोली “ कुछ नहीं होगा तू बाकी काम निपटा ये मैं फटाफट कर दूँगी फिर तू झाड़ू पोंछा कर लेना।” कहते हुए … Read more

बड़ी बहू ये कोई बीमार पड़ने का समय नहीं है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ बड़ी बहू जल्दी जल्दी हाथ चलाओ.. शादी का घर है सौ काम पड़े हैं….और तुम हो कि आराम आराम से सब कर रही हो।” सुनंदा जी ने बड़ी बहू रति से कहा. “ कर रही हूँ माँ जी आज तबियत थोड़ी सुस्त लग रही है इसलिए जल्दी जल्दी नहीं हो पा रहा।” सफ़ेद धोतियों … Read more

बहू ये लड्डू भेजें है तेरी माँ ने – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

” बहू ये तेरी माँ ने क्या भिजवाया है तेरे साथ… लड्डुओं का डिब्बा तो इनमें से एक भी नहीं है…माँ बेटी दोनों झूठ बोलने में माहिर हैं… कैसे कह रही थी तेरी माँ समधन जी यहाँ के खालिस घी के मावा लड्डू बनवा कर भिजवा रहे हैं बेटी के साथ आपको जहाँ बाँटना हो … Read more

बहू ये रख लो काम आएँगे – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ माँ तब से देख रही हूँ आप कभी इस दराज मे तो कभी उस दराज में.. तो तो कभी अलमारियों में पेपर के नीचे , तो अपनी साड़ियों के तह में तब से कुछ खोजने में व्यस्त है …. आख़िर बात क्या है? निशिता सासु माँ सुमिता जी से पूछी “ यह एक राज … Read more

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कमाल के हैं सैयां हमारे – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“अम्मा जी आपने देवर जी को सब कुछ सिखाया पर बड़े बेटे को क्यों कुछ भी नहीं सिखाया।”ये बातें हर दिन सुनने को मिलती। जी मैं राशि ये बातें अकसर मेरे पति के लिए ही कही जाती,जो शादी के पच्चीस साल से सुनती आ रही हूँ । मेरे पति के बड़े भाई साहब घर के … Read more

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तुम ऐसे तो ना थे – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

घड़ी की सुइयों के साथ साथ आज अवन्ति के हाथ भी जल्दी जल्दी काम कर रहे थे ।काम ख़त्म कर घर से निकलते हुए अपनी माँ से बोली ,”मैंने सब कुछ तैयार कर दिया है , तुम और पापा वक़्त पर खाना खा लेना और दवाइयाँ भी याद से ले लेना।” तभी माँ ने आवाज़ … Read more

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चाभियों का गुच्छा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ ये क्या कर रही है सुनंदा बहू… अभी आते ही घर की ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की बड़ी जल्दी है तुम्हें जो अपनी तिजोरी की चाभियों का गुच्छा राशि को सौंप रही है।” चाची सास की आवाज़ सुन सुनंदा जी सकपका गई “ क्या हुआ चाची जी हमारे घर की ही तो परम्परा निभा … Read more

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