सुख दुख का साथी- रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: कारवां पर गाना बज रहा था… दिन महीने साल गुजरते जाएँगे हम ….सुन कर कामिनी जी उसके साथ साथ गुनगुनाने लगी ..अधरों पर एक मुस्कान आ गई… जैसे ही ये पैराग्राफ़ आया …  दुख सुख का साथी हा जी तुम्हें बनाया है … सुनते ही बरबस उनकी आँखों से आँसू की … Read more

बंटवारा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ माँ अब हमें साथ में नहीं रहना… हम दोनों भाइयों में बंटवारा कर दो … हम अपने हिस्से में आराम से रहना चाहते हैं ।” महेश ने थोड़े ग़ुस्से में कहा  “ पर बेटा अभी तेरी शादी को दो महीने भी ना हुए और तू अलग होने की बात करने लगा…जरा सोच कर तो … Read more

प्यार समर्पण ही माँगे ज़रूरी नहीं – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi : कभी कभी ज़िंदगी इंसान को इस कदर उलझा देती हैं कि वो समझ ही नहीं पाता क्या करें और जब ज़रूरत हो को कम्बख़्त फोन भी नहीं लगता और जब लगे कोई उठाता नहीं तो दिल और बेचैन हो जाता है ऐसा ही कुछ हाल अभी काव्या का हो रहा … Read more

परवाह – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: सुभद्रा जी के चेहरे पर आज सालों बाद एक स्मित मुस्कान तैर रही थी….वो कभी अपनी सास की तरफ़ देखती कभी बेटे तो कभी पति की ओर… आज सालों बाद उन्हें परिवार के समर्पण का नज़राना बेटे की बदौलत हासिल हुआ था । चलिए आपको बताते हैं ऐसा क्या हुआ जिसकी … Read more

बस थोड़ सा वक़्त – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

गायत्री निवास में रहने वाली गायत्री देवी को भगवान ने सभी सुखों से नवाज़ा हुआ था..उनका एकलौता बेटा रजत अपने काम मे अतिव्यस्त रहता था ..बहू रोहिणी भी नौकरी करती ….उनके दो पोते मंयक , मानस और दो पोती मानसी और मेघा अपने कालेज में व्यस्त रहते।पैसो की घर में कोई कमी नहीं थी।गायत्री जी … Read more

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भटकाव – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ इमरती क्या बात है तू इतना खोई खोई क्यों है… और तेरी रानी किधर है ससुराल से तो आ गई है ना फिर हमसे मिलने क्यों नहीं आई?” कल्याणी जी ने काम करती इमरती से पूछा  “ क्या कहें माँ जी हमारे तो करम ही फूट गए जो ऐसी बेटी जनी…जा कर कहीं डूब … Read more

दूजे घर ना जाना- रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “ लो आज फिर तुम्हारी लाडली ने सगाई तुड़वा ली।” शाम को ऑफिस से घर आए नवल जी को उनकी पत्नी माधुरी ने जब ये कहा तो वो चुपचाप अपना बैग एक नौकर को थमाते हुए वही सोफे पर बैठ गए  “ मैं कहती थी इतना सिर मत चढ़ा बेटी … Read more

मुझे कोई मलाल नहीं… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“माँ जल्दी से अस्पताल आ जाओ… दादी की तबियत बहुत ख़राब है… वो बार बार तुम्हें याद कर रही है ।”वंशिका ने जैसे ही फ़ोन पर येकहा मानसी  जल्दी से अपना मोबाइल और बैग हाथ में लेकर वंशिका के अस्पताल की ओर भागी अस्पताल के बिस्तर पर मनोरमा जी असहाय नज़र आ रही थी… क्षमा … Read more

अंतिम यात्रा या उत्सव – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आज दोपहर को माँ का फोन आया,‘‘हैलो बेटा, जानती है वो पड़ोस वाली माया चाची थी ना रात को दिल का दौरा पड़ने से चली गई ,सुरेश चाचा के पास।उनके दोनों बेटों को देख कर लग ही नहीं रहा था उन्हें उनके जाने का कोई दुख हैं, उनको शमशान घाट … Read more

जैसा करोगे वैसा भरोगे – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

अपने पैंसठवे जन्मदिन पर सुभद्रा जी उस शहर के एक वृद्धाश्रम में जाकर कुछ कपड़े और मिठाई बाँटना चाहती थी…  उन्होंने जब अपने बेटे से कहा तो वो बोला ,“ माँ नई जगह पर आप ये सब करने को कह रही हो मैं तो खुद यहाँ दो महीने पहले आया हूँपता कर बताता हूँ फिर … Read more

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