दस्तक दूरियों की – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

अभी अभी जो कुछ अवनी ने अपनी भाभी के मुँह से सुना उससे उसका जी खट्टा हो गया ….क्या सोच कर वो मायके आई थी और यहाँ वो उसकी भाभी के लिए बोझ बन रही थी… आख़िर उसे रहना ही कितने दिन था मायके में…बमुश्किल एक सप्ताह भी तो नहीं … पर आज तो दूसरा … Read more

मुझे जलन क्यों हो रही ….. – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज जब से वो कुरिअर गरिमा को मिला वो परेशान सी घर में चहलक़दमी कर रही थी…मुझे गार्गी से आज जलन क्यों हो रही है….. माँ पापा दोनों ने हम दोनों को हमेशा एक जैसा ही समझा…. जहाँ  हमने पसंद किया वहाँ ही शादी भी करवा दी पर आज क्यों … Read more

बंटवारा – रश्मि प्रकाश : short story with moral

Moral Stories in Hindi : माँ अब हमें साथ में नहीं रहना… हम दोनों भाइयों में बंटवारा कर दो … हम अपने हिस्से में आराम से रहना चाहते हैं ।” महेश ने थोड़े ग़ुस्से में कहा “ पर बेटा अभी तेरी शादी को दो महीने भी ना हुए और तू अलग होने की बात करने … Read more

दरकते रिश्ते – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “ माँ बुआ का फ़ोन है … तुमसे बात करना चाहती है ।” मोह की आवाज़ सुन चारू अपना काम छोड़कर झट से फोन हाथ में ले ली “हाँ कनु बोलो क्या बात है…घर पर सब ठीक तो है ना?” चारू ने पूछा  “भाभी अब आप जया के लिए फ़िक्रमंद … Read more

इल्ज़ाम :~ रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “ मैडम जी हमें आपसे कुछ बात करनी है ।” दरवाज़े की घंटी बजते जैसे ही रति ने दरवाज़ा खोला सामने सोसायटी में काम करने वाली दो ( कला और सविता) महिलाओं ने कहा  “हाँ बोलो।” रति ने कहा  “क्या हम अंदर आ जाए?” उनमें से एक ने कहा जिसका … Read more

इल्ज़ाम :~ सही या ग़लत – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ मैडम जी हमें आपसे कुछ बात करनी है ।” दरवाज़े की घंटी बजते जैसे ही रति ने दरवाज़ा खोला सामने सोसायटी में काम करने वाली दो ( कला और सविता) महिलाओं ने कहा  “हाँ बोलो।” रति ने कहा  “क्या हम अंदर आ जाए?” उनमें से एक ने कहा जिसका नाम कला था  “ हाँ … Read more

काश ! माँ बाबूजी ज़िन्दा होते – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : दरवाज़े पर लगी घंटी बजी… सुनते ही रसोई में काम करती प्रज्ञा ने ननद राशि को दरवाज़ा खोलने को कहा जो वही सोफे पर बैठ मजे से टीवी देख रही थी । “ क्या भाभी मेरा इतना अच्छा प्रोग्राम चल रहा है और…. ।” भुनभुनाती हुई राशि दरवाज़ा खोल कर … Read more

अरमान :- बेटी का ब्याह –  रश्मि प्रकाश    : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :“ मम्मी पापा की पच्चीसवीं सालगिरह आ रही है.. क्यों ना हम सब कुछ वैसे ही करवाए जैसा सबकी शादियों में होता है… हमारे मम्मी पापा की शादी की एक भी तस्वीर हमने नहीं देखी.. और तो और क्यों ना इस बार हम लोग नाना नानी से जाकर बात करें और … Read more

अपना सम्मान अपने हाथ – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ देखो इसको कैसे बेशर्म की तरह अभी भी इस घर में पड़ी हुई है… ये नहीं कि अब यहाँ से चली जाए… भगवान बचाएँ ऐसी बहू से।” कहने को तो अक्षरशः यही शब्द कहे थे जमना चाची ने सुकृति को और संजोग देखो वही शब्द आज उनकी बेटी के लिए उसकी सास कह कर … Read more

अपना सम्मान अपने हाथ – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: “ देखो इसको कैसे बेशर्म की तरह अभी भी इस घर में पड़ी हुई है… ये नहीं कि अब यहाँ से चली जाए… भगवान बचाएँ ऐसी बहू से।” कहने को तो अक्षरशः यही शब्द कहे थे जमना चाची ने सुकृति को और संजोग देखो वही शब्द आज उनकी बेटी के लिए … Read more

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