काश समय रहते अपनी  माँ का सम्मान करने लगते… – रश्मि प्रकाश 

“ माँ बहुत दिन हो गए चलो ना नानी से मिल आते हैं ।” इस बार जब राशि मायके आई तो माँ सुमिता जी से बार बार बोल रही थी पर सुमिताजी टाले जा रही थी  “ बेटा अब तेरी नानी बहुत बीमार रहती हैं.. कभी-कभी तो किसी को पहचानती तक नहीं है… तुम्हें नहीं … Read more

अच्छी बहू बाज़ार में नहीं मिलती – रश्मि प्रकाश

‘बधाई हो सुमिता तेरी बेटी की शादी तय हो गई….तेरी राशि है बड़ी क़िस्मत वाली जो बहुत जल्दी उसका रिश्ता तय हो गया….अब तोबेटी ससुराल चली जायेंगी….देखना कही उसकी सास रति की सास जैसी नहीं हो….बेचारी रति का जीना दुश्वार कर दिया है उसकीसास ने।“सुमन अपने लय में सुमिता से कहे जा रही थी सुमिता … Read more

अब कभी झगड़ा नहीं करूँगी…. – रश्मि प्रकाश

“ जी आप मिसेज़ सिंह बोल रही है… आपके पति का रोड एक्सीडेंट हो गया है ।” कहते हुए उस अनजान से नम्बर ने एक अस्पताल का पता बता रम्या से  जल्दी आने को कह फोन काट दिया  रम्या घबराते हुए पति को फ़ोन लगाने लगी पर ये क्या फोन लग ही नहीं रहा था…. … Read more

घर के बच्चों में भेदभाव कैसा? – रश्मि प्रकाश 

राशि जब से ब्याह कर अपने ससुराल आई कुछ बातों को देखकर उसका मन बहुत विचलित हो जाता था पर वो नई होने के नाते कुछ बोल नहीं पाती थी… उपर से उसकी बड़ी जेठानी रचिता वो तो बच्चों के सामने ही भेदभाव कर दिया करती थी… पर आज जो राशि ने देखा उसे लग … Read more

सासु माँ और सीसी टीवी – रश्मि प्रकाश

“भाभी ये लो फोन मम्मी को कुश को दिखा दो।” कहते हुए ननद नित्या ने फ़ोन राशि की तरफ़ घुमा दिया  “ अरे बहू से क्या खिला रही है मेरे राजकुमार को… अरे कुछ अच्छा बना कर खिलाया कर.. ये नहीं जरा कुछ घर में पका कर बनाले..जब देखो ये मार्केट की चीजें ले आती … Read more

परिवार का हिस्सा – रश्मि प्रकाश 

“ बड़ी अम्मा आज रात आप क्या खाएँगी.. बता दीजिए तो वही बना देंगे ।” खाना बनाने वाली सरला ने लीलावती जी से पूछा  “ क्यों आज क्या स्पेशल है जो मुझसे पूछने आई है… हर दिन जो बनता है वो ही बना दे… जो सब खाएँगे वहीं मैं भी खा लूँगी ।” लीलावती जी … Read more

शक की सुई  –  रश्मि प्रकाश

“ यार तुम अपना सामान क्यों पैक कर रही हो बताओ तो सही हुआ क्या है…. हमने एक दूसरे से वादा किया था ना हम हमेशा एक दूसरेसे सब शेयर करेंगे फिर अचानक आज तुम्हें क्या हो गया……राशि क्या बात है तुम क्यों ऐसे व्यवहार कर रही हो…. यार कुछ तोबोलो…..मेरी गलती तो बताओ……मैंने ऐसा … Read more

इन्हें भी इज़्ज़त से जीने दो… – रश्मि प्रकाश 

“ लो आ गई महारानी… जग हंसाई करवा कर.. पूरे मोहल्ले में हमारी इज़्ज़त मिट्टी में मिला कर रख दिया है इसने.. जब देखो तब बसइसकी शिकायतें सुनने को मिलती हैं … घर में बैठ कर पल भर ना रह सकती ।” अपने कमरे से दादी सुनंदा जी की आवाज़ सुन बारहसाल की दीया राशि … Read more

माता-पिता बच्चों पर बोझ क्यों हो जाते…. – रश्मि प्रकाश

“ अरे अरे ये क्या कर रहे हैं जी आप…. सामान क्यों बाँध रहे हैं…?” सुनंदा जी ने रामशरण जी से पूछा  “ हम अपने घर जा रहे हैं… अब यहाँ एक पल भी नहीं रूकना..समझी तुम ।” डपटते हुए रामशरण जी ने कहा  “ अरे धीरे बोलिए ना…बेटा बहू सुन लेंगे ।“ सुनंदा जी … Read more

इज़्ज़त पाने के लिए इज़्ज़त देना भी पड़ता हैं….. – रश्मि प्रकाश 

“देखा तुमने सुनंदा की बहू यहाँ से शहर क्या गई पूरी शहरी हो गई है …यहाँ थी तो साड़ी पहनती थी और सिर से पल्लू जरा ना सरकता था चार महीने में देखो क्या रंग रूप बदल गए उसके।” सुनंदा जी की पडोसन मालती ने एक पड़ोसन विमला से कहा “जाने दे ना … तुम्हें … Read more

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