****झाड़ू-पोंचा-बर्तन**** – रमन शांडिल्य : Moral Stories in Hindi

हमारे घर झाड़ू पोंचा करने वाली, कामवाली बाई कल किसी लड़के के साथ नौ दो ग्यारह हो गई । मतलब भाग गई । मतलब प्यार निभाने की कसमों पर खरा उतरी । लेकिन हमारे घर की पूरी व्यवस्था चरमरा गई । और फलस्वरूप मेरी पत्नी की आंखों से नए पुराने सभी दर्द कुछ इस तरह … Read more

बड़ी बहन – रमन शांडिल्य  : Moral Stories in Hindi

बात यही कोई 25 वर्ष पुरानी है ।  मोबाइल रहित जमाना था । ऑनलाइन कुछ भी नहीं होता था । केवल हार्डकॉपी, हार्डवर्क और हार्डकैश से ही सारे काम चलते थे ।  नवंबर के हल्की ठंड वाले छोटे दिन थे और मैं किसी काम से करनाल गया था । मुझे दो दिन करनाल रुकना था … Read more

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