एक बार फिर (आखिरी भाग ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

राजशेखर वेड्स प्रिया( शादी स्पेशल) राजशेखर और प्रिया की हल्दी की रस्म हो चुकी थी। पूजा के बाद दी ने उसे आराम करने को कहा वो रूम में आ गई अब आगे – उसने आंखें मूंद लीं कि तभी उसका फोन बज उठा। शेखर का फोन था। हेलो! मेरी जान प्रिया मुस्कराई पर चुप रही। … Read more

एक बार फिर (भाग 44 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

राजशेखर वेड्स प्रिया हल्दी स्पेशल अगले दिन सुबह सब हल्दी की रस्म की तैयारियां कर रहे थे। दी दोनों बच्चों को तैयार करके प्रिया के पास आ गई। प्रिया को देख कर उनको गुस्सा आ गया। प्रिया तुम अभी तक तैयार नहीं हु‌ई हल्दी मेरी है या तुम्हारी???? आपको देख कर तो लग रहा है … Read more

बेवफाई- एक दंश – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुनो! तुम्हारा ये माया नाम मुझ पर जादू सा कर देता है। तुम्हारी ये हंसी तुम्हारे गालों में पड़ते गड्ढे और ये कंचन काया सच कहूं ! तो तुम्हारे आगे मुझे कुछ दिखता ही नहीं ऐसा कह कर अविनाश उसे अपने बाहुपाश में बांध चुके थे। सुबह-सुबह गीले बालों की … Read more

तलाक -रिश्ते का अंत,या फिर से शुरुआत (भाग 2)- रचना कंडवाल

वो धीरे से बोला कि सब कुछ तो तुम ले गयी नींद,चैन,खुशी सब कुछ। अच्छा चलती हूं। मयंक ने कहा थोड़ी देर बैठ सकती हो?  आस्था उसे देख रही थी,कि जब से वो आयी थी मयंक ने एक बार भी उस से नजरें नहीं हटायी थी। वो बीमार सा लग रहा था वो बैठ गई … Read more

तलाक -रिश्ते का अंत,या फिर से शुरुआत (भाग 1)- रचना कंडवाल

आस्था कोर्ट से वापस लौटी तो बहुत उदास थी आज कागज के एक टुकड़े पर एक साइन ने उसे और मयंक को हमेशा के लिए लिए अलग कर दिया था।थके कदमों से अपने कमरे में जाकर बेड पर बैठ गई। भैय्या और मां भी उसके पीछे पीछे आ गये। मां तो खामोश थीं, पर भैय्या … Read more

एक बार फिर (भाग 43 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

“राजशेखर वेड्स प्रिया” शेखर और प्रिया की शादी के लिए दोनों परिवार जोधपुर में उम्मेद भवन पैलेस पहुंच चुके थे। मेहंदी में प्रिया ने बेहद ख़ूबसूरत आरेंज कलर का लहंगा पहना हुआ था हुस्न और नजाकत जैसे आसमान से प्रिया का रूप लेकर उतर चुकी थी। शेखर ने उसे देखा तो बस देखता ही रह … Read more

एक बार फिर (भाग 42 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

 शादी की तैयारियों के बीच प्रिया दी के घर चली जाती है। शेखर दी के घर जाता है और वहां पर ‌प्रिया के जीजा जी और शेखर शादी के बारे में डिस्कस करते हैं अब आगे डिनर के बाद जब शेखर निकलता है तो प्रिया उसे सी ऑफ करने आती है तभी उसे एक फोन … Read more

एक बार फिर (भाग 41 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

प्रिया शेखर को फोन पर बात करते हुए सुन कर डिस्टर्ब हो जाती है, पर शेखर उसे चिढ़ाते हुए बात को खत्म कर देता है प्रिया के जीजा जी को उसे लेने आना है अब आगे – शेखर के ऑफिस जाने के बाद प्रिया दादी और मम्मी के पास बैठ गई। राजेश तुम्हें लेने साढ़े … Read more

एक बार फिर (भाग 40 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

शेखर प्रिया को नाइट ड्रेस गिफ्ट करता है प्रिया रिवीलिंग ड्रेस देख कर कहती है मैं इसे नहीं पहनूंगी जिससे शेखर नाराज हो जाता है। प्रिया उसका उखड़ा हुआ मूड देखकर ड्रेस पहन लेती है। वह बाहर आ कर चुपके से ब्लैंकेट ओढ़ कर लेट जाती है शेखर फोन पर किसी से बात कर रहा … Read more

सफर (लिहाज से तल्ख लहजे तक का) – रचना कंडवाल   : hindi stories with moral

hindi stories with moral : रागिनी की शादी को बीस साल हो चुके हैं। बीस साल पहले जब वो इस घर में दुल्हन बन कर आई थी तो घर में उसे बहू का दर्जा नाम का मिला।असल में एक निम्न मध्यमवर्गीय बड़े परिवार परिवार की बेटी को बहू बनाने के पीछे का जो असली कारण … Read more

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