गुमशुदा – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

एक मन हुआ कि पार्क में बैठी उसकी हमउम्र सहेलियों से पूछ ले कि.. “आखिर दो दिनों से वह कहां गुम हो गई है?” फिर रुक गया यह सोचकर कि कहीं मेरी इस जिज्ञासा का कोई गलत मतलब ना निकाल ले। उम्र की ढलान पर ही सही लेकिन है तो औरतें ही,.और उसका उससे कोई  … Read more

कमाई – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

“आज भी रसोई में कोई सब्जी नहीं बनी है क्या?” अपने सामने रखी भोजन की थाली में केवल दाल रोटी देखकर राजेश ने अपनी पत्नी रश्मि से पूछ लिया। रश्मि अभी कुछ कहती उससे पहले ही राजेश की मांँ सुनैना बोल पड़ी.. “बेटा मैंने कितनी बार तुमसे कहा है कि,.चार लोगों का परिवार एक अकेले … Read more

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सलाह – पुष्पा कुमारी “पुष्प”   : Moral Stories in Hindi

“बेटा!.मेरे चश्मे का शीशा टूट गया है,.इसे रख लो! दफ्तर जाते वक्त बनवा देना!” राजिव की मांँ अंजना जी अपना चश्मा वहीं टेबल पर रख कर अपने कमरे के भीतर चली गई। दफ्तर जाने के लिए तैयार हो रहा राजीव अपनी मांँ का टूटा हुआ चश्मा उठाकर अपनी शर्ट की ऊपर वाली जेब में रख … Read more

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