मन की खुशी – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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 ‘माँ !वह राधा इतनी खुश कैसे रह सकती है? दिन भर खेतों में मजदूरी करती है। सुबह विद्यालय में पढ़ने जाती है, वहाँ भी हमेशा प्रसन्नचित्त, उत्साह से भरी दिखती है। उसके चेहरे पर उदासी का लेशमात्र भी दिखाई देता है। विद्यालय में सब उससे बहुत खुश रहते हैं। जिसे देखो उसकी तारीफ ही करता … Read more

नये जीवन की शुरुआत – पुष्पा जोशी Moral Stories in Hindi

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रंजन एक समृद्ध परिवार का खूबसूरत पढ़ा लिखा लड़का था। अभी सात माह पूर्व एक कंपनी में उसकी बढ़िया नौकरी लग गई। माँ की इच्छा थी कि अब जल्दी से बहू घर पर आ जाए। बहुत अच्छे घरों से उसके लिए रिश्ते आ रहै थे। कुछ लड़कियाँ तो पढ़ी लिखी होने के साथ बेहद खूबसूरत … Read more

एक बुढ़ापा ऐसा भी – पुष्पा जोशी Moral Stories in Hindi

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 ‘अरी रजनी  यह क्या चाय में कितनी शक्कर डाली है, तुम्हारा तो दिमाग ही फिर गया है। साठ साल की हो गई हो, थोड़ा सठिया गई हो।’  रजनी कपड़े सुखा रही थी। उन्हें सुखाना छोड़कर आई और बोली ‘अच्छा जी, मैं सठिया गई हूँ, और आपका दिमाग तो बिलकुल सही है कल चश्मा ऑंखों पर … Read more

सच्चे हमसफर -पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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  हमसफर, कितना प्यारा शब्द है। जो यात्रा में साथ चले‌ वह सहयात्री, हम सफर। यह जीवन भी एक यात्रा है ,और जो जिन्दगी के सफर में हरदम साथ दे, वह हमसफर। जिसके साथ हम अपने सुख-दु:ख साझा कर सके। ये चाहे पति-पत्नी हो, प्रेमी -प्रेमिका हो या कुछ ओर। कई रिश्ते ऐसे देखे गए है … Read more

दिल से दिल तक-पुष्पा जोशी Moral stories in hindi

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सुशीला माई घर का काम करके जा चुकी थी। माधवी ने अपने ऑंसू बड़ी मुश्किल से रोक रखे थे, वह जानती थी कि अगर सुशीला माई ने उसकी ऑंखों में ऑंसू  देखे तो उन्हें बहुत दु:ख होगा। वह सुशीला माई को दु:खी करना नहीं चाहती थी। दूसरी बात यह कि वह सुशीला माई के आगे, … Read more

हर बीमारी का इलाज सिर्फ दवा नहीं होती- पुष्पा जोशी । Moral stories in hindi

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माँ आपने फिर दवा नहीं ली, ऐसे कैसे चलेगा? मैं और मोना तो ९ बजे से नौकरी पर निकल जाते हैं। अनुपम और शैली भी अपनी पढ़ाई के लिए अक्सर बाहर रहते हैं। आप को कुछ हो जाएगा तो क्या करेंगे। अपना ध्यान आपको खुद रखना पढ़ेगा, कितने डॉक्टर का इलाज चल रहा है।एक डायबिटीज … Read more

तूने…यह क्या कह दिया मानू – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

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 “तूने…. यह क्या कह दिया मानू?”   निचोड़ कर रख दी, मेरी समूची आत्मा। लग रहा है अब…..कुछ भी शेष नहीं है। फिर ये सॉंसें क्यों चल रही है? तेरे शब्दों के बाण तो मैं फिर भी झेल लेती मानू, बचपन से अभ्यस्त हूँ, इन व्यंग बाणों की। फिर तू तो मेरे दिल में धड़कती … Read more

अंगूठी खो गई – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

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सुमी के हाथ से आज बड़ा नुकसान हो गया था, उसे बहुत दु:ख हो रहा था। वह घबरा रही थी,उसका रोना रूक नहीं रहा था, घर में कोई था भी नहीं जो उसे दिलासा देता। उसके हाथ से दो तोले की सोने की अंगूठी कहीं गुम गई थी।अभी छ महिने पूर्व ही उसका विवाह विवेक … Read more

आशा की किरण – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

New Project 97

     आज रीना अन्यमनस्क सी बैठी थी, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे।अपनी परेशानी किससे कहें चारों तरफ अंधेरा नजर आ रहा था, लग रहा था कि उसके सारे सपने बिखर गए हैं।कितना अरमान था उसका कि पढ़ लिखकर आत्मनिर्भर बनेगी। लेकिन बी.ए.द्वितीय वर्ष के बाद ही ऐसी स्थिति … Read more

स्त्री धर्म – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

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आज न्यायालय में एक तलाक के कैस की सुनवाई थी। विरेंद्र और ज्योति का विवाह हुए ,अभी तीन ही वर्ष हुए थे। मगर तीन वर्षों में दोनों के रिश्तों में ऐसा क्या हुआ की तलाक की नौबत आ गई।  अब यह जानने के लिए विरेंद्र के परिवार और ज्योति के परिवार के बारे में कुछ … Read more

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