आधी हकीकत-आधा फसाना – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

  ‘मैं उम्मीद करता हूँ, कि आपने मेरी चिट्ठी को पढ़कर, सोच समझ कर निर्णय लिया होगा, मैं चाहता था आपसे मिलकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दूं, मगर हमारे परिवार के लोगों की दकियानूसी सोच ने यह होने नहीं दिया। बहुत कोशीश की, बड़ी मुश्किल से आपकी माँ को पत्र लिखकर दे पाया। और उन्होंने जब … Read more

*आत्मसम्मान का पाठ* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

शील कुमार कमरे में बैठे अखबार पढ़ रहै थे। उनके कान में अपनी पत्नी वीणा और बेटी राधा की आवाजे जोर जोर से आ रही थी। उनका ध्यान पेपर से हटकर उन दोनों की बातों की तरफ मुड़ गया। राधा की बातें सुनकर ऐसा लगा जैसे उनके दिल की आवाज को हूबहू वो अपनी माँ … Read more

एक नाराजी मौन भरी – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 किससे नाराज हो? क्यों नाराज हो? समझ में ही नहीं आता सब ही तो अपने है । माँ -पापा ने कभी कुछ कहा तो मेरे भले के लिए ही कहा होगा, सोचकर कभी उनसे नाराज नहीं हुई। घर के बाहर अपनी हम उम्र बच्चों के साथ खेलती, कभी-कभी किसी बात पर बुरा लगता,तो उसे दिल … Read more

* परिवार का सुख* – पुष्पा जोशी   : Moral Stories in Hindi

मोहन बाबू गॉंव में खेती किसानी का काम करते थे। अच्छी खासी फसल होती थी। खेत पर ट्यूब वेल था। पानी का संकट नहीं था। खेतों के पास  दो कमरे भी बने हुए थे ,जहाँ खेतों में काम करते समय  तेज ऑंधी पानी आ जाने पर मोहन बाबू और उनके बेटे वहाँ रूक जाते थे। … Read more

*कलंक धुल गया* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

  ‘यह क्या पूनम जब देखो या तो कुछ लिखती रहती हो या पढ़ती दिखती हो। पता है……तुम अच्छी लेखिका हो,कहानीकार हो पर ……भाई हम भी तुम्हारे कुछ लगते है..  कुछ हमारा भी ध्यान रखा करो।’ एक मुस्कान बिखेरते हुए अमर ने घर में प्रवेश किया, उसे पूनम को चिढ़ाने में मजा आता था, और जब … Read more

*और शिकायत घुल गई* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी। एक मध्यम वर्गीय परिवार की आम कहानी है। एक बच्चे की किताबों से उसके छोटे भाई बहिन पढ़ाई  करते ही हैं। बड़ी बहिन के कपड़े छोटे होने पर छोटी बहिन पहने ऐसा होता है। मगर यह बात बिन्दिया को हमेशा अखरती थी, कि उसकी बढ़ी बहिन अनिता की नई … Read more

* मन का मैल धुल गया* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

  दीपा, कल अपने पड़ौसी वर्मा जी के यहाँ भजन में गई थी । उनके छोटे बेटे की शादी के बाद बहू के आने की खुशी में उन्होंने भजन का कार्यक्रम रखा था। सुलभा जी और उनकी दैवरानी, जिठानी आपस में बहुत प्रेम से बातें कर रही थी, मिलजुल कर सारे काम कर रही थी। भजन … Read more

मन की खुशी – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 ‘माँ !वह राधा इतनी खुश कैसे रह सकती है? दिन भर खेतों में मजदूरी करती है। सुबह विद्यालय में पढ़ने जाती है, वहाँ भी हमेशा प्रसन्नचित्त, उत्साह से भरी दिखती है। उसके चेहरे पर उदासी का लेशमात्र भी दिखाई देता है। विद्यालय में सब उससे बहुत खुश रहते हैं। जिसे देखो उसकी तारीफ ही करता … Read more

नये जीवन की शुरुआत – पुष्पा जोशी Moral Stories in Hindi

रंजन एक समृद्ध परिवार का खूबसूरत पढ़ा लिखा लड़का था। अभी सात माह पूर्व एक कंपनी में उसकी बढ़िया नौकरी लग गई। माँ की इच्छा थी कि अब जल्दी से बहू घर पर आ जाए। बहुत अच्छे घरों से उसके लिए रिश्ते आ रहै थे। कुछ लड़कियाँ तो पढ़ी लिखी होने के साथ बेहद खूबसूरत … Read more

एक बुढ़ापा ऐसा भी – पुष्पा जोशी Moral Stories in Hindi

 ‘अरी रजनी  यह क्या चाय में कितनी शक्कर डाली है, तुम्हारा तो दिमाग ही फिर गया है। साठ साल की हो गई हो, थोड़ा सठिया गई हो।’  रजनी कपड़े सुखा रही थी। उन्हें सुखाना छोड़कर आई और बोली ‘अच्छा जी, मैं सठिया गई हूँ, और आपका दिमाग तो बिलकुल सही है कल चश्मा ऑंखों पर … Read more

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