‘एक नई आस्था –  प्रियंका सक्सेना

New Project 56

प्यार के दो शब्दों के लिए तरस गई थी वह लेकिन इस घर में मानो किसी को उसकी जरूरत ही नहीं थी सब अपने आप में व्यस्त रहते हैं। कतरा कतरा होकर बिखर चुका था उसका आत्मविश्वास और आत्मसम्मान… स्वाभिमान किसे कहते हैं उसे तो शायद मालूम ही नहीं है! सासु माॅ॑ रमोला जी का … Read more

सोने का  मंगलसूत्र – प्रियंका सक्सेना

New Project 41

 “माँ, तुम  काला धागा गले में क्यों पहनती हो?” मीरा ने पूछा. “बेटा, ये मंगलसूत्र है, सभी औरतें पहनती हैं।” कांता ने बर्तन साफ करते-करते बेटी को बताया. तभी रसोई घर में विभा आ गई, मीरा को देखकर कहा, “अरे! आज मीरा भी आई है, कांता तुम्हारे संग।” “जी मेमसाब, इसके स्कूल में छुट्टी चल … Read more

चिर स्वाभिमानी बेटी – प्रियंका सक्सेना

New Project 2024 05 05T225422.575

“अम्मा, मैं जा रही हूं पीछे से खाना खा लेना। मेरी चिंता मत करना मैं दोपहर में समय से आ जाऊंगी।” सुधा ने अम्मा से कहा “बिटिया, तुमने नाश्ता कर लिया?” अम्मा ने विद्यालय जाती सुधा से पूछा “अम्मा, इंटरवल में कैंटीन से कुछ मंगा लूंगी। अभी देर हो जाएगी फिर प्रिंसिपल सर की डांट … Read more

भरोसा माॅ॑ का! – प्रियंका सक्सेना

New Project 36

“तुम्हें कुछ खबर भी है, कहां जाता है तुम्हारा बेटा?” रामेश्वर जी ने शांता जी से कहा ” अरे,आप क्यों परेशान हो रहे हैं। आता ही होगा। गया होगा किसी दोस्त से मिलने। अरे हाॅ॑! याद आया ग्रुप प्रोजेक्ट कर रहें हैं साथ में बच्चे।” शांता जी बोली ” समझा करो शांता। रोहन बड़ा हो … Read more

उम्मीद रखो पर स्वार्थी ना बनो! – प्रियंका सक्सेना

New Project 46

“आ जाओ ना माॅ॑ !भाभी को गर्मी में लू लग गई है, जरा सा बुखार ही तो है भाभी को और आप इस चक्कर में मेरी महीने ‌भर में एक बार होने‌ वाली किटी पार्टी बिगाड़ने पर तुली हो।”मालिनी ने बड़े अधिकार पूर्वक अपनी माॅ॑ से कहा, उसे पता है कि उसकी माॅ॑ गर्मी- सर्दी … Read more

बहू का नामकरण कहां तक उचित है? – प्रियंका सक्सेना

New Project 100

आज सुबह की छटा ही निराली है।  शांति सदन फूलों की माला से सजा जगमगा रहा था, खूबसूरत लाइटों की रंग बिरंगी रोशनी में रौनक देखते ही बनती  है। मुख्य द्वार पर बड़ी सी रंगोली शोभा को द्विगुणित कर रही थी। अनीता जी और दिवाकर जी के बेटे अमित की शादी मौली से होने जा … Read more

तलाक हमेशा बुरा नहीं होता है’ – प्रियंका सक्सेना

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पड़ोस के घर से आती रोज़ रोज़ की मार-पीट चीखने रोने की आवाज़ों से गरिमा बहुत परेशान हो चुकी थी। माॅ॑ के मना करने पर भी आज उसने पड़ोसियों का दरवाजा खटखटा दिया। गरिमा के पापा का स्थानांतरण इस शहर में हुआ है। कुछ ही दिन हुए हैं उन लोगों को इस घर में शिफ्ट … Read more

मिष्ठी’ – प्रियंका सक्सेना

New Project 100

दादी आज फिर परेशान हो गई।‌ मिष्ठी उनकी हालत देखकर दुखी हो गई। आइए मिष्ठी और उसके परिवार से आपका परिचय कराती हूॅ॑। मिष्ठी ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक मेधावी छात्रा है। विज्ञान उसका पसंदीदा विषय है। घर में मिष्ठी, दादी, मम्मी आशा और पापा अजीत ही रहते हैं। दादी में मिष्ठी की जान … Read more

मर्यादा की वेदी पर कुर्बान’ – प्रियंका सक्सेना

New Project 35

सुधा की खबर आते ही घर में मातम छा गया…अम्मा छाती पीट पीट कर विलाप करते हुए सुधा की ससुराल वालों को कोसने लगीं, “कीड़े पड़े उन लोभियों को। मार डाला मेरी बिटिया को। हाय मेरी सुधा, मेरी बिटिया!  गार्गी से जब सहन नहीं हुआ तो वह आँगन में आकर बोली, “अम्मा दीदी को उन … Read more

मर्यादा के नाम पर…. संगीता त्रिपाठी

New Project 86

 लल्ला को जी भर कर कूटने के बाद भी पिता रामप्रसाद का जी नहीं भरा, पैरों से धकेल एक घूँसा और जड़ दिया। बचाने आई पत्नी और बड़ी बेटी तन्वी को भी कई हाथ पड़ गये। लल्ला के आँसू सूख गये, आखिर किस बात पर पिता ने उसे मारा, क्या कसूर था उसका। क्या बहन … Read more

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