पूत कपूत तो क्या धन संचै?,पूत सपूत तो क्या धन संचै! –  पूर्णिमा सोनी: Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : “विमला काम पूरा हो गया हो तो,चल चाय बना लो, यहीं बाहर लेकर आ जाना ”  सुशीला जी ने आवाज देते हुए विमला से कहा। # बस लाई दीदी”, दरअसल चाय तो उसने आंगन की धुलाई करते समय ही धीमी आंच पर चढ़ा दिया था। ये रोज का ही काम … Read more

प्यार का कोई मोल नहीं – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : और छन्न से अंगूठी आंगन में गिर चुकी थी। विशाल ने भाग कर आंगन में घूमती हुई अंगूठी को उठा लिया। ये मात्र एक अंगूठी नहीं थी…. उसने कितने प्यार से खरीदा था। अपने दोस्त राहुल के साथ प्रदर्शनी में गया था। राहुल ने अपनी पत्नी के लिए एक सेट … Read more

और अंधेरा मिट गया – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : प्रिया अपना टिफिन रख लो… देखो तुम्हारी प्रैक्टिस फाइल बाहर ड्राइंग रूम में टेबल पर ही पड़ी है… तुम टीवी देखते – देखते डायग्राम बना रही थी ना… रख लो वरना भूल जाओगी।  नीरज आपने अपना बैग देखा.. देखिए ये फाइलें अभी भी बाहर पड़ी हैं… फिर आप भूल जाएंगे … Read more

पर उपदेश कुशल बहुतेरे- पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : पूर्वी ,चौके में जल्दी जल्दी हाथ चला रही थी… सब्जी, दाल, रायता… सब कुछ तैयार था.. बस अब पतिदेव के आने का इंतजार था… उधर फोन की रिंग लगातार बज रही थी… भागकर उठाया तो रश्मि दीदी का फोन था।  अभी  व्यस्त हो तो थोड़ी देर बाद बात करूं.. रश्मि … Read more

सुगना : पूर्णिमा सोनी  : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : सुगना, देखो सबके नाश्ता करने के बाद ये( बचा हुआ) नाश्ता मिट्ठू को बुला कर खिला देना…. कहते हुए बड़ी ताई जी निकल गई अरे और कहां, अपने मोहल्ले की सहेलियों के साथ गप – शप करने   बड़ी ठसक थी ताई जी की घर और मोहल्ले सब जगह और हो … Read more

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