संजीवनी—– कंचन श्रीवास्तव
सारे मेहमानों के जाने के बाद अब आखिर में बचा सभी की अदायगी हां भाई जिस जिस को सहेजा था सभी एक ज़वान पर आए,क्या गेस्ट हाउस वाला और क्या रोज़ के नौकर चाकर किसी ने भर शादी मुंह नहीं खोला। यही वजह है कि रमा का हाथ और खुल गया।और बेटे की शादी के … Read more