तूफानों से उबरना – *पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi

New Project 99

बड़ी ही सराहा रात्रि थी। निमेष अंधेरे में बैठा ये सोच रहा था कि आखिर वह करें तो क्या करें।सब कुछ तबाह होने के बाद किस तरफ का रूख करें। क्या नहीं था उसके पास , एक हंसता-खेलता परिवार। अच्छी नौकरी, घर परिवार । पर न जाने किस की नजर लग गई। उसके आफिस में … Read more

भगवान है, पर कौशिश स्वयं करो। – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

New Project 45

सावित्री देवी एक जीवट महिला थी।‌वह सुखनपुर गांव में रहतीं। जैसा कि गांव में होता है लकड़ी काट कर लाओ तब चूल्हा जले हालांकि अब तो गांवों में भी ईंधन की सुविधा हो गई है । पर जवानी में उन्होंने काफी श्रम किया । सुबह अंगीठी जलाकर खाना पकाना दो छोटे बच्चे , पति कारखाने … Read more

मैं तेरे सदके – *पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

New Project 67 1

  पीहू और निमू दोनों बहनें हैं। दोनों का नाम असल में पीषिमा और निमिषा है पर दोनों पीहू और नीमू नाम से ही जानी जाती हैं। दोनों दो बदन एक जान बन कर रहतीं। दोनों में एक साल का अंतर था। इसलिए दोनों बहनें तो थी ही पर सहेलियां भी बहुत पक्की थी। दोनों राजेन्द्र … Read more

हरे पत्ते – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

New Project 86

  कामिनी बेटी, जोया की दुल्हन की साड़ी ले आईं, रूक्मिणी देवी ने  कमरे के अंदर से ही आवाज लगाई। मांजी ले तो पहले ही आए थे , मैं और रोशनी पर आज तैयारी के लिए दुकान में दी थी, कामिनी ने कमरे की देहरी पर आते हुए कहा। तो अब जा कर ले आओ, रुक्मणी … Read more

चीनी घुली चाय – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

New Project 80

सोनल अपनी नई ड्रेस जो कि उसे सासू मां ने दी है , निकाल कर निहारे जा रही थी। तभी फोन घनघना उठा , उसकी छोटी बहन का था, उसने फोन उठा कर हेलो की ,कि छोटी बहन रेखा का रूदन सुनाई दिया, अरे रेखा क्या हुआ ,तू रो क्यों रही है, उसने बैचेनी से … Read more

बदलाव – * पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T215107.227

सीमा आज तुमने फिर मेरे कपड़े प्रेस नहीं कराए , आज चार दिन हो गए कहते हुए , मुझे आज की मीटिंग में वही नीली शर्ट पहन कर जानी थी , सौरभ ने चिल्लाते हुए कहा मैं भी तो घर में नहीं थी सीमा ने उससे ज्यादा जोर से चिल्लाते हुए कहा। तुम सुबह से … Read more

अब तो कह ही दो – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

New Project 44

सुवर्णा , कहां हो तुम , ये पेपर साइन करने थे, मीटिंग के लिए देर हो रही है,। सोमेश्वर , मैंने कहा था न,कि अब मेरे साइन की जरूरत नहीं है, तुम स्वयं ही सब देख लिया करो। मैंने भी कहा था न, सुवर्णा, तुम अगर मेरी बात नहीं मानोगी, तो मैं यह कैसे कर … Read more

काम ज्यादा है – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

New Project 94

अरे रोशनी तू तो इस नाटक में अभिनय करने को लेकर सीरियस हो रही है। ये, सीरियस क्यों ‌नही होगी , हीरो सुरेश जो है। बबिता ने रोशनी की तरफ देखते हुए कहा। नहीं , नहीं ऐसी कोई बात नहीं। बस इसमें रोल अहम है सोचा काम कर ही लूं। कुछ भी हो, सुरेश इसका … Read more

नागिनी के कांटे – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

New Project 11

आज फिर आफिस से निकलने में लेट हो गया, अभी सब्जी भी खरीदनी है नहीं ‌तो रात क्या कल आफिस में क्या बना कर ले जाऊंगी। रेहू के दिमाग में आफिस से निकलते समय यही चल रहा था।  तभी सड़क पर वह ‌किसी से टकराते टकराते बची। सोरी, मैं —जब रेहू ने आंख उठाकर सामने … Read more

भुगतान – पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi

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 प्रगति आज बेहद खुश थी। दो सालों के बाद आज सुकेश अपने दोनों हाथों से ठीक होने जा रहा था। अब वह अपाहिज की श्रेणी से बाहर आ कर अपने सारे काम कर पाएगा। उसका सपना पूरा होने को है कि वह सुकेश को स्वस्थ कर पाएगी। मैं सारे बिल सबमिट कर बिल क्लीयर कर … Read more

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