काम ज्यादा है – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

अरे रोशनी तू तो इस नाटक में अभिनय करने को लेकर सीरियस हो रही है। ये, सीरियस क्यों ‌नही होगी , हीरो सुरेश जो है। बबिता ने रोशनी की तरफ देखते हुए कहा। नहीं , नहीं ऐसी कोई बात नहीं। बस इसमें रोल अहम है सोचा काम कर ही लूं। कुछ भी हो, सुरेश इसका … Read more

नागिनी के कांटे – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

आज फिर आफिस से निकलने में लेट हो गया, अभी सब्जी भी खरीदनी है नहीं ‌तो रात क्या कल आफिस में क्या बना कर ले जाऊंगी। रेहू के दिमाग में आफिस से निकलते समय यही चल रहा था।  तभी सड़क पर वह ‌किसी से टकराते टकराते बची। सोरी, मैं —जब रेहू ने आंख उठाकर सामने … Read more

भुगतान – पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi

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 प्रगति आज बेहद खुश थी। दो सालों के बाद आज सुकेश अपने दोनों हाथों से ठीक होने जा रहा था। अब वह अपाहिज की श्रेणी से बाहर आ कर अपने सारे काम कर पाएगा। उसका सपना पूरा होने को है कि वह सुकेश को स्वस्थ कर पाएगी। मैं सारे बिल सबमिट कर बिल क्लीयर कर … Read more

अनमोल रिश्ते -पूनम भटनागर । : Moral Stories in Hindi

सिया तुम सुबह से इस काम में लगी हो , इस सब को छोड़ कर पहले कुछ खा लो तुमने सुबह से कुछ नहीं खाया , कहते हुए रमेश ने सिया के हाथ से ब्रश ले लिया। अरे यह क्या कर रहे हैं , चाचा जी थोड़ी ही तो यह चादर रह गई है, पूरी … Read more

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