विषबेल- पूनम अरोड़ा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : पाँच महीने हो गए थे शुभि और मानव की शादी को। बहुत  खुश था नवविवाहित युगल ।मानव तो रूप रंग में  बस सामान्य ही था लेकिन शुभि  किसी अप्सरा  से कम नहीं थी। गौर वर्ण ,तीखे नैन नक्श ,लंबा कद ,छरहरी देहयष्टि,माडर्न लुक ऊपर से  परिष्कृत  रूचि से  चयन  किए … Read more

बेटी का अधिकार- पूनम अरोड़ा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : अमित और पीहू के पिता आपस में  घनिष्ट मित्र थे। अमित इंजीनियरिंग  के आखिरी वर्ष में था तभी पीहू के पिता ने अमित के पिता से उसके लिए पीहू का रिश्ता माँग लिया था।यह तो विदित ही था कि कोर्स के बाद जाॅब मिल ही जाएगी और तब तक इंतजार … Read more

अपेक्षा और उपेक्षा – पूनम अरोड़ा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : कल आलोक जी का रिटायरमेन्ट है।आलोक जी और उनकी पत्नी  दोनों  ही बहुत उत्साहित  और प्रफुल्लित हैं । आलोक जी तो इसलिए कि उन्हें  कल से इस आपाधापी ,भागदौड़  की मशीनी  जिन्दगी  से मुक्ति  मिलेगी ,जीवन की इस सांध्य बेला में  कुछ पल सुकून से, अपने अनुसार, अपनी खुशी के … Read more

अपने लिए : पूनम अरोड़ा : Moral in Hindi

आज सौम्या की जिन्दगी का यादगार दिन था , बरसों  से घुटते संजोए सपने को यथार्थ के धरातल की स्वर्णिम  आभा मिल रही थी ।कभी सोचा भी न था कि  खाली समय में  ऐसे ही मन के उद्गारों को कागज पर उकेरते उकेरते खेल खेल में  एक दिन पत्रिका में  प्रकाशित होने भेज दिया था … Read more

बैरंग लिफाफा:Short Story In Hindi

 जबसे  समर की माँ की मृत्यु हो गई  थी ,तब से उसकी हँसती खेलती जिन्दगी को मानो ग्रहण लग गया था। उनका शहजादा प्यार के एक बोल, एक झप्पी  के लिए तरस के रह गया ।पहले पिता कुछ केयर करते भी थी उसकी लेकिन नई माँ  के आने के और उनके गर्भवती होने के बाद … Read more

एक निर्णय ऐसा भी  – पूनम अरोड़ा

“आज सौजन्य  आ रहा है” —— प्रोफेसर गरिमा को उसके आने का इंतज़ार तो था ही, साथ ही इस बात की व्यग्रता भी कम नहीं  थी कि  वह उसके समक्ष अपने जीवन के इस नए अध्याय को कैसे अनावृत करेगी ——- जानने के बाद उसकी प्रतिक्रिया कैसी होगी—–  सबसे ज्यादा  महत्वपूर्ण  कि उसका निर्णय  क्या … Read more

मायके की महक – पूनम अरोड़ा 

शादी के बाद जब भी मायके जाती मम्मी, पापा, भाई सभी लोग स्टेशन पे लेने आते, हुड़क के गले लगते। घर पर मेरे मनपसन्द व्यंजन बने होते, सब चाव से खातिरदारी में जुटे रहते। शाम को चाय के समय कभी पापा बाजा़र से खस्ता, कभी समोसे ले आते तो कभी मम्मी पकौडे़ तल लेती। रात … Read more

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