एक अनूठी प्रेमकथा (भाग 2 )- डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अब ससुराल केवल शनिवार-रविवार को ही जाना होता। अब सप्ताह के पांच दिन उसके अपने होते। इसी बीच शिखा को एक नए जीवन के आगमन का एहसास अपने अंदर हुआ।उसकी तबियत ठीक नहीं रहती थी। कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती थी। वो बहुत ही भावनात्मक परिवर्तन से गुजर … Read more

मां की पाती – डॉ.पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  रीति के पास पापा का फोन आया कि मां तीन दिन से हॉस्पिटल में भर्ती है और उनकी हालत ठीक नहीं है। रीति की पांच दिन से मां से कोई बात भी नहीं हुई थी। उनकी गंभीर हालत का सुनकर वो अपनी दो साल की बेटी को सास के पास … Read more

दंश – डॉ. पारुल अग्रवाल: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज दिव्या के भाई ने अपने नए घर का निमंत्रण भेजा था। उसने फोन भी करने की कोशिश की थी। दिव्या ने निमंत्रण पत्र देखा पर उसके मन में कोई खुशी नहीं थी। यहां तक कि भाई का फोन भी उठाने का उसका मन नहीं किया। आज उसको बहुत कुछ … Read more

दंश (भाग 1)- डॉ. पारुल अग्रवाल: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज दिव्या के भाई ने अपने नए घर का निमंत्रण भेजा था। उसने फोन भी करने की कोशिश की थी। दिव्या ने निमंत्रण पत्र देखा पर उसके मन में कोई खुशी नहीं थी। यहां तक कि भाई का फोन भी उठाने का उसका मन नहीं किया। आज उसको बहुत कुछ … Read more

मोहर – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज रेवती की नवजात बेटी का नामकरण संस्कार होना था।उसकी बेटी ने उसकी दुनिया में कदम रखकर मानों सही मायने में रेवती को भी नवजीवन दिया था। कहते हैं कि आने वाला बच्चा अपने साथ बहुत बदलाव लेकर आता है,आज इस बात पर रेवती को यकीन हो गया था। रेवती … Read more

मेरे घर आना ज़िंदगी – डा. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज करवाचौथ है,साथ ही साथ गरिमा और अंशुल की शादी की दसवीं सालगिरह है। अंशुल से मिलने के बाद ही उसने जाना था कि कुछ रिश्तें खून के रिश्तों से भी बढ़कर होते हैं। वो चांद के निकलने का इंतज़ार कर रही थी। आज पहली बार था जो अंशुल करवाचौथ … Read more

याचक – डा. पारुल अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पापा के जाने के बाद परिवार में भाइयों में संपत्ति के विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि वो मां को भी तभी रखने को तैयार थे जब नूतन अपने हिस्से को भी भाइयों के नाम कर दे। नूतन को अपना हिस्सा देने में भी कोई समस्या नहीं थी पर … Read more

बंटवारे की नींव – डॉ. पारुल अग्रवाल

अंजलि के देवर पराग की शादी तय हो गई थी। उसके पति नीलेश के एक भाई और एक बहन थी। बहन की शादी हो चुकी थी। अंजलि और उसके पति दोनों नौकरी में थे इसलिए दूसरे शहर में रहते थे जबकि देवर ससुर जी के साथ ही व्यवसाय में था इसलिए सास-ससुर के साथ रहता … Read more

मेरी दुनिया है तुझ में कहीं – डॉ. पारुल अग्रवाल

 कंपनी की तरफ से नव वर्ष की पूर्व संध्या पर पार्टी थी,सभी कर्मचारी आमंत्रित थे। डीजे पर सबका ही पसंदीदा गाना ” जब कोई बात बिगड़ जाए” बजाकर सभी को कपल डांस के लिए स्टेज़ पर बुलाया गया था। इसी  बहाने समय बिताने के लिए बेस्ट डांसिंग कपल भी चुना जाना था। तन्वी और उसके … Read more

अति सर्वत्र वर्जयेत् – डा.पारुल अग्रवाल: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज मनोहर जी के पास यूएस(अमेरिका) से नीलेश की मां का फोन आया था वो चित्रा का हाथ अपने बेटे के लिए मांग रही थी।नीलेश बहुत ही व्यवहारकुशल लड़का था पर चित्रा तो यूएस या विदेश जाने की बात सुनकर ही सिहर उठती थी। यूएस से आने के बाद चित्रा … Read more

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