मैं भी तो किसी की बेटी हूं – निशा जैन : Moral stories in hindi

अरे रश्मि बेटा आज भी इतनी जल्दी उठ गई, आज तो रविवार है , आराम से उठ जाती। रोज़ तो पांच बजे उठती हो बच्चों के स्कूल की वजह से, रश्मि की सास आशा जी बोली मम्मी आपको और पापाजी को उठते ही चाय और गर्म पानी चाहिए इसलिए मैं उठ गई । आज सर्दी … Read more

फ़ैसला – निशा जैन : Moral stories in hindi

“पिताजी मैं कितनी बार कह चुकी हूं मुझे अभी शादी नहीं करनी, मैने फैसला कर लिया है कि मैं  आगे पढ़ना चाहती हूं ,अपने पैरों पर खड़ी होने की योग्यता हासिल करना  चाहती हूं। क्या पता भविष्य में कब जरूरत पड़ जाए इस योग्यता की, कम से कम डिग्री तो रहेगी मेरे पास जो मेरे … Read more

कभी कभी प्यार और सम्मान अलग रहकर बेहतर व्यक्त किया जा सकता है – निशा जैन : Moral stories in hindi

समीरा मैने तुमसे कितनी बार कहा है तुम पर सिर्फ मेरा अधिकार है फिर तुम अपने घरवालों से बार बार सलाह क्यों लेती हो कि नौकरी करूं या नही करूं।  मैने बोला ना तुम्हे नौकरी की कोई जरूरत नहीं है। बच्चे बड़े हो रहे हैं अब इन्हें सम्हालो पर सृजन बच्चे और घर सब आराम … Read more

अपना अपना दायित्व – निशा जैन : Moral stories in hindi

मां जी अब आप ही समझाइए अपनी प्यारी पोत बहु को , शादी हुए पूरा महीना हो गया  पर घर के तौर तरीके सीखी नही अभी तक। रोज़ रोज़ टोकना मुझे अच्छा नहीं लगता। कितनी बार कह चुकी हूं  सुबह जल्दी उठा कर, साड़ी पहन लिया करो , अच्छे से तैयार होकर रहा करो , … Read more

बूंद बूंद से घड़ा भरता है – निशा जैन: Moral stories in hindi

अरे सुषमा मैं जब से आई हूं तब से देख रही हूं तेरे घर के ग्लास पर ये क्या लिखा हुआ है किसी पर एम, किसी पर एन, ई, एस, जे ये टैंट के ग्लास हैं क्या अरे नही जीजी ये मेरी बहु की कारिस्तानी है और  पानी और खाने की क्या अहमियत है ये … Read more

गुड टच ,बैड टच – निशा जैन : Moral stories in hindi

पीहू… पीहू कहां है बेटा  कितना तंग करती है अपनी मम्मी को कहां छुप गई मेरी परी? जल्दी आ ,देख मैने तेरे पसंद की मैगी बनाई है। मैगी का नाम सुनते ही परदे के पीछे छुपी पीहू झट से मम्मी की गोद में आकर बैठ गई और झट से मैगी चट कर गई। पीहू को … Read more

जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होंगी बस समय को चुराना पड़ेगा – निशा जैन  : Moral stories in hindi

बधाई हो शशि जी अब तो तीनों बच्चों की शादी हो गई,( दो बेटा और एक बेटी) सारी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गई आप। देखते हैं सुलोचना जी जिम्मेदारी से मुक्त हुई हूं या जिम्मेदारी बढ़ेगी समय के साथ… अरे भाग्यवान अब कौनसी जिम्मेदारी बढ़ेगी तुम्हारी? अब तो मेरे साथ चारधाम की यात्रा पर चलो…. … Read more

बेटी के जन्म की दुगुनी खुशियां मनानी चाहिए – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जानकी जी अपने पति कैलाश जी से बोली सुनिए जी इस बार कहे देती हूं हमारे आकाश और आरती के बच्चे के जन्म की बहुत बड़ी दावत देंगे हम सबको, भगवान  बड़ी मुश्किल से चार सालों बाद हमे दादा दादी बनने का सुख देने जा  रहे हैं। हां हां क्यों … Read more

हर बीमारी का इलाज सिर्फ दवा नही होती ( भाग 1) – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : श्रुति की शादी हुए अभी चार महीने ही हुए थे पर उसके चेहरे की रौनक जाती जा रही थी।  शादी से पहले श्रुति गोरी चिट्टी सुंदर, गुलाबी गाल उस पर पड़ते डिंपल उसके रूप में और चार चांद लगा देते पर अब उसका रूप बिखरता जा रहा था। उसकी शादी … Read more

बोनस पर सिर्फ सासू मां का हक ( भाग 2) – निशा जैन   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मां क्या  आप  जानती हैं कि मैं शादी से पहले नौकरी करती जरूर थी पर सिर्फ अपने टाइम पास और जेब खर्च के लिए पर अब मैं नौकरी करती हूं अपनी पहचान बनाने के लिए और उसके लिए हिम्मत मुझे आपसे मिली है। जब आपने मुझे ये कहकर समझाया कि … Read more

error: Content is protected !!