मातृत्व सुख – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

आज अन्वी फिर से उदास थी। वो जब भी बाहर पार्क से आती है , उसका यही हाल होता है।एक अनकहा दर्द उसे अंदर ही अंदर खाए जा रहा था। वो किसी से कुछ न कहती पर प्रीत उसका पति उसके चेहरे को देखकर ही समझ जाता कि आज कुछ हुआ है और आज भी … Read more

ढलती सांझ और ये जिम्मेदारियां – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

“बधाई हो शशि जी अब तो तीनों बच्चों की शादी हो गई, सारी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गई आप। “ “देखते हैं सुलोचना जी जिम्मेदारी से मुक्त हुई हूं या जिम्मेदारी बढ़ेगी समय के साथ…” “अरे भाग्यवान अब कौनसी जिम्मेदारी बढ़ेगी तुम्हारी? अब तो ढलती सांझ है हमारी जिंदगी पता नहीं कब भगवान से घर … Read more

मै भी तो एक बेटी हूं – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

अरे रश्मि बेटा आज भी इतनी जल्दी उठ गई, आज तो रविवार है , आराम से उठ जाती। रोज़ तो पांच बजे उठती हो बच्चों के स्कूल की वजह से, रश्मि की सास आशा जी बोली मम्मी आपको और पापाजी को उठते ही चाय और गर्म पानी चाहिए इसलिए मैं उठ गई । आज सर्दी … Read more

अपमान बना वरदान – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

“पापा कल पीटीएम में आप मेरे साथ चलोगे। मम्मी को इंग्लिश बोलना आता नही है और जब हिंदी में बात करती हैं तो मुझे अच्छा नहीं लगता। मेरी सभी सहेलियों की मम्मी इंग्लिश में बात करती है तो मुझे अपमान सा महसूस होता है” पाखी बेरुखी से बोली दरवाजे के बाहर खड़ी सौम्या ने सब … Read more

किस्मतवाली बहु – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

ससुराल में बहु से बेटी बनने का सफर जिन्दगी के उन खुशनुमा और यादगार पलों की एक किताब है जिसके पन्ने जब भी शुचि पलटती चेहरे पर अनायास ही मुस्कुराहट आ जाती । एक लड़की को शादी के बाद ससुराल में दो महत्त्वपूर्ण लोग (पतिदेव और सासू मां)यदि अच्छे मिल जाए यानी कि उसके मन … Read more

वेस्टिंग मनी वाला सरप्राइज़ – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

दिवाली के चार पांच दिनो पहले  ” दीदी इस बार कितने कितने पैसे मिलाएंगे पटाखे लाने के लिए पॉकेट मनी से?” ईशान ने बड़ी बहन सिया से पूछा “अरे उतने ही जितने हर बार मिलाते हैं 500तू और 500मैं” सिया बोली पास ही बैठी उनकी मम्मी दिशा सारी बातें सुनकर बोली ” नही इस बार … Read more

अपनों का साथ कितना ज़रूरी – निशा  जैन : Moral Stories in Hindi

प्रकाश और मुकेश दोनो भाई के स्वभाव में बहुत अंतर था। प्रकाश जहां दिखावे में रहना पसंद करता वहीं मुकेश सादा जीवन उच्च विचार वाला व्यक्ति था। प्रकाश रिश्ते नाते में विश्वास नहीं करता और अपने उग्र स्वभाव के चलते सबसे दूरियां बना लेता था वहीं मुकेश के मधुर स्वभाव से लोग उसके करीब आना … Read more

जो समझदार , वही जिम्मेदार – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

ट्रिन… ट्रिन…. ट्रिन…. ट्रिन….  नंदिनी _ हैलो   दीदी, कैसी हो आप? बहुत दिनों बाद याद आई अपनी छोटी भाभी की। आप लोकल ही रहती हो पर कभी ये नही कि मिलने आ जाओ  रश्मि_ अरे घर के काम ही खतम नही होते ,सोचती हूं आने का तो कुछ न कुछ काम आ ही जाता है … Read more

Categories Uncategorized

नाराज़गी भरी सीख – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

मम्मी ,मम्मी थोड़ी देर के लिए आपका फोन देना …..  क्यों क्या काम है? और ये पढ़ते पढ़ते तुझे फोन की याद क्यों आ जाती है? तूने तो बोला 1 घंटे से पहले मैं कमरे के बाहर नही आऊंगी और अभी तो आधा घंटा भी नही हुआ कनक की मां रुचि बोली   अरे मम्मी कल … Read more

बात मेरे स्वाभिमान की है – निशा जैन  : Moral Stories in Hindi

सुमेधा, सुमेधा …. मेरी येलो शर्ट कहां है , मिल नही रही अरे मुझे क्या पता  ? मैं तो कब से कपड़े नही संभाली हूं। ये आपकी छुटकी हुई है तब से मैं इसी में व्यस्त रहती हूं और मम्मी ने कहा है तुम्हारी अभी अभी जचगी हुई है, आराम करो  बाकी के काम मैं … Read more

error: Content is protected !!