अपनों का साथ कितना ज़रूरी – निशा  जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 37

प्रकाश और मुकेश दोनो भाई के स्वभाव में बहुत अंतर था। प्रकाश जहां दिखावे में रहना पसंद करता वहीं मुकेश सादा जीवन उच्च विचार वाला व्यक्ति था। प्रकाश रिश्ते नाते में विश्वास नहीं करता और अपने उग्र स्वभाव के चलते सबसे दूरियां बना लेता था वहीं मुकेश के मधुर स्वभाव से लोग उसके करीब आना … Read more

जो समझदार , वही जिम्मेदार – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 35

ट्रिन… ट्रिन…. ट्रिन…. ट्रिन….  नंदिनी _ हैलो   दीदी, कैसी हो आप? बहुत दिनों बाद याद आई अपनी छोटी भाभी की। आप लोकल ही रहती हो पर कभी ये नही कि मिलने आ जाओ  रश्मि_ अरे घर के काम ही खतम नही होते ,सोचती हूं आने का तो कुछ न कुछ काम आ ही जाता है … Read more

नाराज़गी भरी सीख – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

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मम्मी ,मम्मी थोड़ी देर के लिए आपका फोन देना …..  क्यों क्या काम है? और ये पढ़ते पढ़ते तुझे फोन की याद क्यों आ जाती है? तूने तो बोला 1 घंटे से पहले मैं कमरे के बाहर नही आऊंगी और अभी तो आधा घंटा भी नही हुआ कनक की मां रुचि बोली   अरे मम्मी कल … Read more

बात मेरे स्वाभिमान की है – निशा जैन  : Moral Stories in Hindi

New Project 89

सुमेधा, सुमेधा …. मेरी येलो शर्ट कहां है , मिल नही रही अरे मुझे क्या पता  ? मैं तो कब से कपड़े नही संभाली हूं। ये आपकी छुटकी हुई है तब से मैं इसी में व्यस्त रहती हूं और मम्मी ने कहा है तुम्हारी अभी अभी जचगी हुई है, आराम करो  बाकी के काम मैं … Read more

खानदान की इज्जत – निशा जैन   : Moral Stories in Hindi

New Project 57

सेजल घर से बाहर जाती तो काॅलोनी की औरतें कहती कैसी बहू ले आए कपड़े पहनने का ढंग ही नहीं, साड़ी पहनना तो दूर, सूट का दुपट्टा भी सिर पर नहीं रखती। शर्मा जी की बहू खानदान की इज्जत मिट्टी में मिलाने में कोई कमी नही रखती। सेजल जब भी अपने काम पर जाती तो … Read more

स्वाद के खातिर सेहत से समझौता नही – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 59

ये क्या मम्मी..आपने फिर वही घिसी पिटी तोरई की सब्जी बना दी, मुझे नही खानी ये मरीजों वाली सब्जी…तान्या चिढ़ते हुए मां से बोली बेटा तुम लोग पिछले दो दिनों से फास्ट फूड खा रहे हो । और लगभग हर वीकेंड पर तुम्हारे लिए बर्गर या पिज्जा बनता है या बाहर से ऑर्डर होता है … Read more

गुरूर -निशा जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 48

अरे छोटी  .. आओ … आज तो बहुत दिनो बाद याद आई अपनी दीदी की… रंभा ने राम्या (अपनी देवरानी) को बोला जो आज पूरे एक महीने बाद अपनी जेठानी के घर आई थी। हां दीदी बच्चों के एग्जाम चल रहे थे तो थोड़ी बिज़ी थी .. आज कुछ काम से बाजार आई थी तो … Read more

क्या बुढ़ापा ऐसा भी होता है – निशा जैन: Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T215107.227

आज घर में एक तरफ जहां सब घर की लाडली बेटी की शादी में व्यस्त थे वहीं दूसरी तरफ घर की मुखिया जानकी जी अपने कमरे में बैठी अपने भाग्य को कोस रही थी और आंसू बहा रही थी यही सोचकर कि ऐसी जिंदगी देने से तो अच्छा है भगवान उठा ले। तभी उनके पति … Read more

वो खुश तो मैं भी खुश- निशा जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 11

एक लड़की के लिए शादी के बाद यदि हमसफ़र उसकी हां में हां मिलाने वाला मिल जाए तो जिंदगी में मजे ही मजे  पर मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखती क्योंकि मेरे साथ बिलकुल उल्टा है जहां मैं उत्तर तो मेरे हमसफर दक्षिण में जाना पसंद करते हैं। और मेरी जिंदगी में सजा नही मजा ही … Read more

टीवी रिश्तों को जोड़ने का जरिया – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 2

आज जब राखी टीवी पर रामायण देख रही  थी तो सहसा अपने बचपन  में चली गई   जब सब मोहल्ले वाले  साथ  में शटर वाली टीवी पर रामायण, महाभारत, रंगोली, चित्रहार और फिल्में देखते तो त्यौहार जैसा माहौल हो जाता था। जब  सब मिलकर हंसते, बोलते,खाते ,पीते हुए टीवी का आनंद लेते थे बहुत मजा आता … Read more

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