ऊपर की कमाई – नेकराम : Moral Stories in Hindi

सन 2018 मई का महीना था उसी अस्पताल में आज मेरा दूसरा दिन था कल की तरह समय पर आ पहुंचा था गेट पर राकेश जी मिल गए और मीठा मुंह करने की बात कही राकेश जी : ने मुस्कुराते हुए कहा कल तो खूब कमाई की होगी तुमने ,, ऊपर की मेरे सामने एक … Read more

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ऊपर की कमाई – नेकराम : Moral Stories in Hindi

पत्नी काफी दिनों से मेरे पीछे पड़ी हुई थी तुम कारखाने की नौकरी छोड़ दो और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करो आजकल सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी में ऊपर की कमाई बहुत है हमारे पड़ोसी राकेश अंकल अस्पताल में काम करते है बहुत पैसा इकट्ठा कर लिया है उन्होंने मैं आपकी नौकरी की भी बात उनसे … Read more

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दो जुड़वा बहने – नेकराम   : Moral Stories in Hindi

अम्मा ने हम दोनों भाइयों को पास बुलाकर कहा देखो अब तुम दोनों शादी लायक हो चुके हो मैं चाहती हूं अब तुम दोनों की शादी कर देनी चाहिए तुम दोनों तो जानते ही हो शहर में यह 100 गज का घर तुम्हारे पिताजी ने कड़ी मेहनत करके तीन मंजिला बनवाया था ताकि तुम्हारी बहुएं … Read more

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ठेले वाले के बर्गर – नेकराम : Moral Stories in Hindi

हर मोहल्ले में कोई ना कोई एक व्यक्ति ऐसा जरूर होता है जो हमेशा फोकट का खाना चाहता है कहने का अर्थ है उसे फ्री का सामान चाहिए हमारे ही मोहल्ले की बात है नाम तो उसका शंकरलाल था लेकिन लोग उसे पेटू के नाम से पुकारा करते थे पेट फूल कर उसका गुब्बारा हो … Read more

घमंड का सर नीचा – — नेकराम   : Moral Stories in Hindi

सुंदर हूं तो अपनी सुंदरता दिखाती हूं ,, तुझे क्यों जलन हो रही है ,, तू भी आधे कपड़े पहन ले ,, तुझे किसने रोका है रीता ने अपनी बहन छबीली से थोड़ा ऊंचे लहजे में कहा — रीता और छबीली 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली के विश्वविद्यालय करोड़ीमल कॉलेज में … Read more

एक परिवार ऐसा भी – नेकराम : Moral Stories in Hindi

शिल्पा की शादी को 2 वर्ष बीत चुके थे देखने में एकदम सुंदर सुशील और गुणवान थी अपने घर के कामकाजों से फुर्सत पाने के बाद थोड़ा बहुत साहित्य पढ़ लिया करती थी शिल्पा की एक बर्ष की बेटी राधिका जो अभी चलना सीख रही थी उसकी प्यारी सी मुस्कान से घर महक जाता था … Read more

एक महान पुरुष की गाथा – नेकराम : Moral Stories in Hindi

भैया राजौरी गार्डन जाने वाली बस कौन से नंबर की है और किस बस स्टैंड से मिलेगी सड़क किनारे खड़े गुब्बारे बेचने वाले एक अधेड़ से व्यक्ति से मिस्टर अभिषेक ने पूछा मिस्टर अभिषेक का राजौरी गार्डन के बैंक में मैनेजर के पद पर आज पहला दिन था बड़ी मुश्किल और संघर्षों के बाद उसे … Read more

गुमनाम वसीयतनामा — नेकराम : Moral Stories in Hindi

अंजली की शादी होने के बाद हम दोनों बहन भाई बहुत खुश थे लेकिन मन मुताबिक नौकरी न मिलने के कारण मैं वापस अपनी अम्मा के पास अपने घर लौट आया समय अपनी रफ्तार से आगे बढ़ता चला गया करीब चार महीने बीतने के बाद — रात के 10:00 बज गए कौन दरवाजा खटखटा रहा … Read more

पड़ोसन से लिया बदला – नेकराम : Moral Stories in Hindi

दिल्ली के पीतमपुरा में बड़े भाई की शादी को एक महीना बीत चुका था भाभी को लेने के लिए मुझे ही भेजा गया अम्मा ने कहा अपने रिवाज में देवर ही भाभी को उसके मायके से ससुराल लेकर आता है पहले तो मैं आनाकानी करने लगा यह कैसा रिवाज है बड़े भैया को जाना चाहिए … Read more

जैसी करनी वैसी भरनी – नेकराम : Moral Stories in Hindi

दुल्हन बनकर जब मैं पहली बार अपने ससुराल आई थी तब अपनी पढ़ाई लिखाई और अपनी सुंदरता पर मुझे बड़ा घमंड था ससुराल में काम करने पर मुझे शर्म महसूस होती थी सारा दिन टीवी से चिपकी रहती थी सासू मां ही घर का सारा काम करती थी — पति तो मेरा मेरी उंगलियों में … Read more

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