मान का तो पान ही बहुत होता है – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

होली का दिन एक-एक कर नजदीक आता जा रहा था। उसी के साथ पूनम की परेशानी बढ़ती जा रही थी कि भैया-भाभी अभी तक उसकी होली की कोथली लेकर क्यों नहीं आए? जबकि उसकी अन्य तीनों बहनों की कोथली समय पर दे आए थे। पूछूँ या नहीं। पूनम की समझ में नहीं आ रहा था … Read more

एक फैसला आत्मसम्मान के लिए  : Moral Stories in Hindi

  बहू  कल मेरा नाश्ता भी नितिन के साथ ही बना देना। मैं भी उसके साथ दुकान पर जाऊँगा। बहुत दिन हो गए घर में आराम करते हुए। घर से बाहर जाऊँगा तो सबसे मिलना-जुलना भी हो जाएगा। जी पापा जी ठीक है, उनकी बहू मिताली ने कहा। रात को जब सारा काम निपटाकर वह कमरे … Read more

बड़ी बहू – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

ओ बड़ी बहू मेरे लिए एक कप चाय बना दे। सर बड़ा भारी सा हो रहा है। राधा जी अपनी बहू मानसी को बड़ी बहू कहकर ही बुलाती थी। मानसी भी उनकी एक आवाज पर दौडी चली आती थी। मानसी चाहे उनकी कितनी सेवा कर ले पर राधा जी अपनी बड़ी बहू से कभी खुश … Read more

टूटे रिश्ते जुड़ने लगे – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

अजी बताइए ना, आपके कौन-कौन से कपड़े रखूं? सुधा जी अपने पति सोमेश जी से बोली। उनकी खुशी उनकी आवाज में झलक रही थी। कोई से भी रख लो, क्या फर्क पड़ता है। मैं तो तुम्हारा मन रखने के लिए वहाँ जा रहा हूँ। वर्ना ऐसा नहीं है कि मैंने पीयूष को माफ कर दिया … Read more

पैसे का गुरुर – नीलम शर्मा  : Moral Stories in Hindi

तनु देख ना मैंने ये सूट लिया है। कैसा लग रहा है। तनु ने मनु को फोटो भेजी तो उधर से मनु का फोन ही आ गया। क्या दीदी अब तो जीजा जी कुछ ठीक से कमाने लगे होंगे। देखने में ही बिल्कुल सस्ता लग रहा है। ऊपर से काला रंग। हंसते हुए बोली…..कैसा लगेगा … Read more

अनकहा दर्द – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

सिया क्या हमने इसीलिए प्यार मोहब्बत की कसमें खाई थी कि अगर हमारे परिवार वाले हमारी शादी के लिए तैयार नहीं होंगे, तो हम एक दूसरे को भूल जाएंगे। यह तो हमें पहले से ही पता था ना कि हमारी समान जाति न होने के कारण हमारे घरवाले हमारे रिश्ते को स्वीकार नहीं करेंगे। अब … Read more

ढलती सांझ – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

रिया मेरा टिफिन तैयार हो तो जल्दी दो मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है। रिया…क्या आज भी आप पापा से मिले बिना ही ऑफिस चले जाओगे। वह आपके पापा हैं, अगर उन्होंने आपको कुछ कह भी दिया तो क्या हुआ। लेकिन रवि रिया की बात का कुछ भी जवाब दिए बिना चुपचाप घर … Read more

बड़ा दिल – नीलम शर्मा  : Moral Stories in Hindi

नीलिमा देखो अब हमारा-तुम्हारा गुजारा एक साथ नहीं हो सकता। दीपक तो अब कुछ कमाता नहीं। ऐसा लगता है जैसे वह दूसरी नौकरी करना ही नहीं चाहता। नहीं तो क्या दो महीने होने को आए उसे नौकरी नहीं मिलती। नहीं दीदी ऐसी बात नहीं है, वह पूरी तरह कोशिश कर रहे हैं। इंटरव्यू भी दिए … Read more

पछतावे के आसूं – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

अरे श्रीधर देर मत कर, जल्दी से आजा। एक बार लड़का देख ले बहुत अच्छा लड़का है। सुंदर, पैसे वाला, एकलौता और क्या चाहिए। मधुलिका के लिए बहुत अच्छा रहेगा। बुआ जी लड़के की प्रशंसा के पुल बांधे जा रही थी।  ठीक है दीदी मैं घर में बात करके आपको बताता हूं। हां, हां कर … Read more

भाभी – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

अरे रत्ना जरा जल्दी कर। देख बारात दरवाजे तक आने ही वाली है। निर्मला चाची परेशान सी रत्ना से बोली। निर्मला चाची रत्ना की चचेरी सास थी। आज रत्ना की छोटी नंद विभा की शादी थी। वही रत्ना को सब कामों और रीति-रिवाजों के बारे में बता रही थी। क्योंकि रत्ना की सास का उसकी … Read more

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