सरस्वती का गाँव – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

सरपंच रामहित का पूरे गांव पर अच्छा खासा प्रभाव था। सरपंच होने के साथ साथ वो बहुत बड़ा जमीदार ओर दयालु इंसान भी था। जरूरत होने पर गांव वालों को कर्जा देकर अपने एहसान तले दबा लेता था। उसकी बात कोई नहीं टाल सकता था, कुछ लोग सम्मान की बजह से तो कुछ अहसानो की … Read more

बटुआ – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

अमन दिल्ली में एक एन एम सी में कार्यरत था और ऑफिस की ही एक लड़की अंजलि से प्यार हो गया, ओर वो भी उसे प्यार करने लगी।  अंजलि के घर वाले इस शादी के लिये  तैयार नहीं थे, उन्हें डर था पता नहीं परिवार वाले कैसे होगे, इसी शहर के जाने पहचाने लोग होते … Read more

एक मॉ ऐसी भी – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

बिन बाप की बेटी आशा को मॉ के लाड़ प्यार ने बिगाड़ दिया था। उसकी हर जायज नाजायज जिद पूरी करती थीं। बड़ा भाई मॉ से बहुत कहता कि थोड़ा कंट्रोल करो, कल ससुराल जाएगी तो परेशानी हो सकती है। मॉ बोलती, मैं अपने पैसे खर्च करती हूं, तेरे पेट में क्यों दर्द होता है। … Read more

वृद्ध आश्रम – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

मिसिस एन्ड मि. राहुल गुप्ता का इकलौता बेटा रोहन, पढ़ लिख कर यू एस में जॉब करता था। पिछले 5 साल में 2 बार भारत आया था। पहली बार अपनी शादी करवाने और दूसरी बार अब, पिताजी के गुजरने पर। पिताजी के जाने के बाद, मॉ एकदम अकेली हो गई थी, इसलिए रोहन चाहता था … Read more

शादी – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

मि. अभय एक प्राइवेट कंपनी में क्लर्क थे, उनकी पत्नी हाउस वाइफ थीं, ओर उनके 2 लड़के थे। बड़ा बेटा रोहन इंजीनियर था और आगरा में प्राइवेट कंपनी में नोकरी करता था। संडे के सन्डे घर आता था। छोटा बेटा मोहन बी.कॉम करके यही दिल्ली में ही काम करता था और माता पिता के साथ … Read more

दूसरी औरत – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

रामू ईट भट्ठे पर काम करता था। रोज ट्रक भरता ओर रोज ही पैसा मिल जाता। शाम को घर जाते समय जरूरी सामान लेकर जाता, तभी रात का खाना बनता ओर बचे हुए पैसे अपनी पत्नी कमला को दे देता। कमला लोगो के घरों में काम करती और घर खर्च में हाथ बटाती। बेटी लीला … Read more

सिंदूर – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

पढ़ लिख कर कनिका ने नोकरी शुरू की ओर साथ ही शुरू हुई सपनो की उड़ान। छोटे शहर से आई और कारपोरेट में जॉब, जेब में ढेर सारे पैसे, अकेले रहना, पूरी मर्जी की मालिक, कोई रोकटोक नही, बस एकदम आजाद पंछी, पर हर काम एक सीमित दायरे में। उसकी खूबसूरत मुस्कान ओर सूंदर कद … Read more

कर्मा (जीवन का सार) – एम.पी. सिंह : Moral Stories in Hindi

बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज के दूसरे साल में था। कॉलेज के बाहर एक टपरी पर चाय पी रहा था औऱ फर्स्ट ईयर के एक लड़के का इंट्रो ले रहा था। तभी देखा कि एक लड़का साइकिल पर तेजी से आता हुआ अनबेलेन्स होकर हमारे सामने गिर गया। ढलान की वजह से … Read more

पड़ोसी या परिवार? – एम. पी. सिंह : Moral Stories in Hindi

सुमित ओर उसकी बीवी डिफेंस कॉलोनी में रहते थे ओर दोनो काफी मिलनसार थे।कहने को तो उनका पूरा परिवार था, 2 भाई, 1 बहन और उनके बच्चे। उनका बेटा अतुल, उनकी बहू ओर उनकी बेटी। सुमित के दोनो भाई नोकरी करने दूसरे शहर चले गऐ ओर वही सैटल हो गए। बहन भी शादी दूसरे शहर … Read more

परिवार – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

पंडित रमाकांत के दो बेटे थे, रामलाल और मोहन लाल। पढ़ने में राम ठीक ठाक था ओर आज्ञाकारी था ओर मोहन पढ़ने में तेज पर नटखट ओर कामचोर था, पर दोनों भाईओ में खूब पटती थी। मां हमेशा मोहन को ही डांटती रहती और राम जैसा बनने के लिये कहती। मॉ हमेशा कहती कि मैं … Read more

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