अहमियत रिश्तों की (भाग-7) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे… प्रथम अपने बेड पर सोने के लिए जा ही रहा था… कि तभी वह बालकनी से क्या देखता है… कि नीचे निहारिका जमीन पर कुछ खोज रही है … उसे देखकर प्रथम चुपचाप नीचे बैठ जाता है … और निहारिका को गौर से देखता  है… वह क्या देखता  है कि निहारिका अपने सर … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-6) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे… पीजी में पुलिस की रेड   पड़ी है …. यह सुनकर प्रथम बाऊजी से बात पूरी किए बिना ही अपना सारा सामान समेट बाहर आ गया था… सभी लड़कों को भागता देख  उसने भागने का बहुत प्रयास किया… लेकिन फिर भी  वह पकड़ा गया… पुलिस ने उसे  पकड़ लिया था… सभी लोगों को … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-5) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे … जैसे ही प्रथम  बाहर प्लेटफार्म  पर आया…. उसके भईया  पिंटू और वह उतरे ही थे … कि तभी सामने से एक आदमी ,एक लड़की आए… लड़की बोली… हेलो प्रथम जी…. मैं निहारिका… प्रथम एक पल को तो आश्चर्य में रह गया… कौन निहारिका…?? उसके मन में एकदम से  सवाल कौंधा …. शायद … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-4) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे… घर में सभी की आंखें नम देखकर दीनानाथ जी बोले…. ए रे  लला…. मुझे कुछ ठीक ना लग रहा … तू यहां से पढ़ाई काहे   ना कर रहो …? कहीं दूर काहे जाये  रहो  है…?? पूरा घर सुनो है जाएगो…. क्या  बाऊजी जाते-जाते क्यों छोटे को  इमोशनल कर रहे हैं…. दिल मजबूत … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-3) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे … कविता बाऊजी के कमरे में आई है … बाऊजी आप भईया  को पढ़ने क्यों नहीं भेज देते…. तू भी अपने भाइयों की तरह  अलग ही बोल रही छोरी…. तू तो नेक समझदारी से काम ले … दीनानाथजी  सख्त लहजे में बोले… बाऊजी जरा मेरी बात ठंडे दिमाग से सुनो… कविता ने दीनानाथ … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-2) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

बाऊजी.. सुनियो… धीरे से, पीछे से धक्का देते हुए मंझले  बेटे मिंटू ने पिंटू भाई साहब को आगे की ओर किया …. क्या कर रहा हैं… आगे गिरायेगा क्या बाऊ जी के उपर मुझे… भाई साहब … आप ही बड़े हैं … आप ही पहल कीजिए … पीछे से रिंकु के फुस्फुसाने  की आवाज आई … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-1) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

कहां मर गए सबके सब….?? ओ रे.. पिंटू  मिंटू रिंकु… कोई ना दिख  रहा… आज दशहरा है… ये  ना बच्चों को ले जाएके दशहरा को  मेला दिखाए  लाये…. खुद से ही बड़बड़ाते हुए दीनानाथजी बरामदे में चकरघिन्नी से घूम रहे थे…. ए जी… क्या हुआ ….?? काहे बड़बड़ा रहे हो अकेले में …. जब से … Read more

यह फ्लैट वाली जिंदगी… – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

काजल अभी कुछ ही दिन पहले अपने नए फ्लैट में शिफ्ट हुई थी… इससे पहले वह किराए पर कमरा लेकर बाहर रहा करती थी… उसके  मकान मालिक भी रहते थे साथ में…. कभी बीमार हो जाती थी … तो मालकिन खुद ही आकर दूध का डब्बा ले जाती… और जाकर दूध ले आती… उन्हें पता … Read more

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यही जीवन की सच्चाई है – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

उमा ,,उमा उठो … देखो शायद दरवाजे पर कोई खड़ा है … जी आपको तो पता है ना… मेरी तबीयत ठीक नहीं है… आप ही जाकर देख लीजिये कौन है… हो सकता है ऐसे ही बच्चे हो कोलोनी के… वह भी दरवाजा खटखटा के चले जाते हैं… उमा जी फिर करवट कर लेट गई … … Read more

सुख दुख का संगम – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

 वाह  कैलाश भाईसाहब… बहुत खूब…. इतने समय पहले ही भाभी हम सबको छोड़कर   करके चली गई थी जब शुभी बिटिया ने दुनिया में कदम रखा ही था … फिर भी आपने शुभी  की परवरिश इतने ढंग से की… कि  एक मां क्या करेगी… और आज विदाई के समय आपकी आंखें इतनी नम है… ये … Read more

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