अहमियत रिश्तों की (भाग-1) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

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कहां मर गए सबके सब….?? ओ रे.. पिंटू  मिंटू रिंकु… कोई ना दिख  रहा… आज दशहरा है… ये  ना बच्चों को ले जाएके दशहरा को  मेला दिखाए  लाये…. खुद से ही बड़बड़ाते हुए दीनानाथजी बरामदे में चकरघिन्नी से घूम रहे थे…. ए जी… क्या हुआ ….?? काहे बड़बड़ा रहे हो अकेले में …. जब से … Read more

यह फ्लैट वाली जिंदगी… – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

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काजल अभी कुछ ही दिन पहले अपने नए फ्लैट में शिफ्ट हुई थी… इससे पहले वह किराए पर कमरा लेकर बाहर रहा करती थी… उसके  मकान मालिक भी रहते थे साथ में…. कभी बीमार हो जाती थी … तो मालकिन खुद ही आकर दूध का डब्बा ले जाती… और जाकर दूध ले आती… उन्हें पता … Read more

यही जीवन की सच्चाई है – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

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उमा ,,उमा उठो … देखो शायद दरवाजे पर कोई खड़ा है … जी आपको तो पता है ना… मेरी तबीयत ठीक नहीं है… आप ही जाकर देख लीजिये कौन है… हो सकता है ऐसे ही बच्चे हो कोलोनी के… वह भी दरवाजा खटखटा के चले जाते हैं… उमा जी फिर करवट कर लेट गई … … Read more

सुख दुख का संगम – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

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 वाह  कैलाश भाईसाहब… बहुत खूब…. इतने समय पहले ही भाभी हम सबको छोड़कर   करके चली गई थी जब शुभी बिटिया ने दुनिया में कदम रखा ही था … फिर भी आपने शुभी  की परवरिश इतने ढंग से की… कि  एक मां क्या करेगी… और आज विदाई के समय आपकी आंखें इतनी नम है… ये … Read more

एकाकीपन – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

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सुनो  रवि… देखो तो पापा अपनी चारपाई पर दिख नहीं रहे …. इतनी रात कहां गए होंगे…?? कोई आहट  भी नहीं हुई…. रवि को उठाते हुए उसकी पत्नी रागिनी बोली…. सकपका कर जल्दी से रवि उठा … और वह बाहर आया …. उसने पापा को चारपाई पर न पाकर आसपास ढूंढा… कहां गए रागिनी … … Read more

ज़ड़ें : मीनाक्षी सिंह Moral Stories in Hindi

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क्या काका… आप भी बुढ़ापा आ गया … काकी भी छोड़ कर चली गई … अकेले इस  टूटे-फूटे घर में पड़े रहते हो… पिछली बार भी तुम्हारा बेटा पिंटू आया…. बोला भी कि… चलो पापा  हमारे साथ… चल कर रहो …. लेकिन तुम तो काका अपनी ज़िद  के पक्के… कभी जाते ही नहीं … कितने … Read more

अशांति – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

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अविनाश को जैसे ही पता चला कि…. बाऊजी की तबीयत बिगड़ रही  है…. वह बिना सोचे समझे ,,जल्दी ही दौड़ पड़ा उन्हें देखने…. अपने बड़े भाई साहब देवेंद्र के यहां …. अंदर जाते ही जो नजारा देखा… उसे देख वो बुत बन गया…. बेचारे बाऊजी …. बाहर आंगन में खाट पर हाथ में बीजना (हाथों … Read more

नाजायज रिश्ता (भाग -35) अंतिम भाग – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

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जैसा कि अभी तक आपने “कहानी नाजायज रिश्ता ” में पढ़ा कि  विभू  और रिया अपनी बेटी को टीका लगवाने हॉस्पिटल आए हैं…वहीं सुबोध और रोशनी भी अपने बच्चों को दिखाने आए हुए हैं …सुबोध  मौका पाकर रिया को पार्क में बुलाता है…दोनों के बीच बातचीत होती है…रिया सुबोध को अपने रिश्ते के बारे में … Read more

नाजायज रिश्ता (भाग -34)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

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जैसा कि अभी तक आपने कहानी “नाजायज रिश्ता” में पढ़ा कि विभू  और रिया के घर रिया की सहेली सुरभि आई हुई है ….उसकी हालत ठीक नहीं है …उसने अपनी  आपबीती रिया  को सुनायी…सुरभि ने  विभू और रिया से माफी मांगी…उसने यह भी बताया  कि उसने ही रिया को सुबोध  से बात करने के लिए … Read more

नाजायज रिश्ता (भाग -33)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

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जैसा कि अभी तक आपने कहानी “नाजायज रिश्ता” में पढ़ा कि विभू और रिया का रिश्ता तलाक की दहलीज पर पहुंच चुका है…लेकिन शायद मन से दोनों नहीं चाहते कि उनका तलाक हो….दोनों के ही मन में उलझन है…इधर सुबोध और रोशनी का रिश्ता भी कुछ सही राह पर जाता हुआ  नजर आ रहा है….घर … Read more

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