खिचड़ी – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

82 वर्षीय विपुल जी अपनी सुबह की दिनचर्या में व्यस्त थे। आज उन्हें खिचड़ी का बहुत मन था। लेकिन सिर्फ खिचड़ी नहीं, बल्कि उस खिचड़ी के साथ ढेर सारी चीजें जो उनकी पत्नी सुनीता बहुत अच्छे से बनाती थीं। वह सुबह जल्दी उठकर रसोई में जाकर बोले, “सुनीता… आज खिचड़ी, दही के बड़े, वो हरी … Read more

बहू का डर – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

एक दिन ऐसा ही हुआ। रात में मनोहर जी को फिर से पेशाब निकल गया, और वह जल्दी से उठकर बिस्तर को साफ करने लगे, यह सोचकर कि सुबह होने से पहले ही बहू-बेटा देख लें तो नाराज़ हो जाएंगे। काजल ने बीते दिन ही नई चादर बिछाई थी, और पहले ही चेतावनी दे रखी … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-15) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे… किसी तरह पुलिस से छुटकारा पाकर प्रथम उसके बाऊजी दीनानाथ और भाई पिंटू भगवान का शुक्र मानते हैं … और जल्दी ही अपने गांव की ओर रवाना होना चाहते हैं … वह तीनों ऑटो में बैठते हैं..कि तभी ऑटो में भी निहारिका ही होती है जो उसे चला  रही थी … प्रथम उसे … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-14) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे… निहारिका,,प्रथम के बाऊजी दीनानाथ जी को और उसके भाई पिंटू को एक सुनसान जगह पर लेकर आई है… उसने  उन्हें मिट्टी पर बैठा दिया है… चारों तरफ से कई लोगों के  हंसने की जोर-जोर से आवाज आ रही है …ऐसे लग रहा था मानो   एक साथ कई लोग हंस रहे हो…. इधर … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-13) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे…. प्रथम के कमरे पर पुलिस आई है… प्रथम और उसके बाऊजी आपस में बैठे बात ही कर रहे थे … कि तभी पुलिस को देखकर दोनों घबरा जाते हैं … जी क्या हुआ सर…?? देवेश का मर्डर हो गया है … यह सुन प्रथम हक्का-बक्का  रह गया … यह देवेश को है लला…?? … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-12) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे….. प्रथम जैसे ही देवेश और निहारिका के घर से बाहर गेट पर  आता  है .. तभी निहारिका उसकी बाजू पकड़ लेती है… उसे रोकती हैं… प्रथम  नहीं रुकता है .. वह कहती है कि आओ  देवेश … मैं तुम्हें दिखाती हूं…. कि मैं मिट्टी में क्या खोज रही हूं… वह प्रथम  को  खींचकर … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-11) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे… देवेश उठ चुका है… वह प्रथम के कमरे में आता है.. उसे निहारिका अपने कमरे में दिखाई नहीं देती  है … वह प्रथम का कॉलर पकड़ लेता है … कि तभी प्रथम अपने कॉलर से उसका हाथ हटाकर,,बाहर खिड़की की ओर देखता  है … निहारिका फिर से कुछ मिट्टी में खोद रही है … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-10) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे… सुबह का समय था … प्रथम सो रहा था … निहारिका रोते हुए  प्रथम के कमरे में आती है … और अंदर से दरवाजा बंद कर लेती है… प्रथम घबराकर उठ जाता है… निहारिका प्रथम के सीने से लग जाती है … प्रथम झटककर निहारिका को खुद से अलग  करता है … निहारिका  … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-9) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे… निहारिका का फोन प्रथम  के पास आता  है … देवेश निहारिका को मार  रहा है… यह सुन प्रथम जल्दी ही अपने कमरे से बाहर निकल आता है… रात के 1:00 बज रहे थे… प्रथम समझ नहीं पा रहा था.. मैं क्या कर रहा हूं …?? क्यूँ कर रहा हूँ..?? कुछ भी हो.. बस … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-8) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे… कविता अपने बाबा दीनानाथ जी का हाथ पकड़ अंदर वाले कमरे में आ गई… ऐसी का बात है गई लाली… तू  मोये  अंदर लेकर आई हैं … मेरा मन घबराए रहो है… बता तो सही… वो ना  बाऊजी प्रथम ,,जो लड़का है…ज़िसे भाभी ने देखा था मेरे साथ… मैं उसे पसंद करती हूं … Read more

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