आज तो मॉम ने पूरी इंसल्ट करा दी मेरी…. – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जल्दी जल्दी सलोनी बेटी मनीषा का हाथ पकड़े स्कूल के गेट में आगे  बढ़ती जा रही हैँ… मॉम प्लीज…. आप कुछ बोलना नहीं मैम से… बस चुप रहना… मैं वैसे ही प्रीबोर्ड में फेल हो गयी हूँ… मैम गुस्से में होंगी… आप कुछ बोलोगो तो मैम मुझे कहीं प्रैक्टिकल में फेल ना कर दे…. आपको … Read more

बहु की शादी – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

आज रमाकांत की बहू की शादी थी… आपने सही सुना, बहू की शादी थी… ये शब्द जैसे पूरे मोहल्ले में गूंज गए थे। लोग हैरान थे, खुश थे, और एक नई मिसाल की तारीफ कर रहे थे। यही वह पल था, जब रमाकांत जी ने दुनिया को एक ऐसी बात दिखाई थी, जिसे शायद बहुत … Read more

वचन – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

चलिये गोविन्द जी गाड़ी तैयार हैँ…. हां चल तो रहे हैँ संजय जी लड़के वालों के घर … पर मन बहुत दुविधा में हैँ कि लड़की कहीं गलत जगह ना फंस जायें … जैसा तुमने बताया कि लड़के वाले  किराये के घर में रहते हैँ…. दो बेटी दो बेटे हैँ…. कोई बाप दादाओं की कमाई … Read more

#पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यों..?? – मीनाक्षी सिंह’ : Moral Stories in Hindi

ए री छुटकी.. यहां कैसे,,तू  बाहर गेट पर खड़ी है… दुपट्टा नहीं ले सकती .. जा अंदर जा.. साँझ  हो गई … ऐसे ही  चली आती है गेट पर.. बड़े भईया छुटकी से बोले… अगले दिन छुटकी अपनी मां से बाल बनवा रही थी … यह कैसे बैठी है… ठीक से कपड़े करके नहीं बैठ … Read more

“प्यार भरी झप्पी का जादू” – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

रीमा की शादी को तीन साल हो चुके थे। वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती थी और ऑफिस की जिम्मेदारियों के बीच घर की देखभाल भी उसकी प्राथमिकताओं में थी। रीमा के ससुराल में उसकी सासू माँ, ससुर जी, और पति रोहन रहते थे। सासू माँ, शारदा देवी, पारंपरिक मूल्यों को मानने वाली एक … Read more

मां-बाप की दुआओं में भगवान के आशीर्वाद से भी ज्यादा शक्ति होती हैं.. – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

ले लाडो .. ले आया तेरे लिए साइकिल … इतने दिनों से तू साइकिल की जिद कर रही थी… तो इस महीने की तनख्वाह से तेरी साइकिल ही ले आया.. लाल रंग की चमकती  हुई  साइकिल को देखकर 14 साल की लाडो की आंखों में चमक आ गई… ए बापू.. तुम तो बड़े प्यारे  हो … Read more

असली मूल्य रिश्तों का होता है – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

दिव्या जी के पति के बड़े ताऊ जी का निधन हो गया था और उनकी तेरहवीं में शामिल होने के लिए सभी परिवारजनों को बुलाया गया था। दिव्या जी के मना करने के बावजूद उनके पति ने उन्हें समझाया कि यह केवल एक दिन का ही तो मामला है, शाम तक सबसे मिलकर, दावत खाकर … Read more

नजरंदाज – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

सुरुचि का मन इस समय बहुत विचलित है। रोज शाम को वह अपने बेटे सोनू का इंतजार करती है, लेकिन वह आता है, अपनी माँ को एक हल्की मुस्कान देकर, सीधे अपने कमरे में चला जाता है। सुरुचि को महसूस होता है कि सोनू का ध्यान अब पूरी तरह से उसकी पत्नी की ओर ही … Read more

बदलाव – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

सुजाता जी अपने पोते-पोतियों का ख्याल रखते हुए पूरे दिन भाग-दौड़ में लगी रहती हैं। जब से उनके बेटे ने काम छोड़ दिया और बहू ने नौकरी शुरू की, सुजाता जी का पूरा दिन बच्चों के आसपास घूमते हुए ही बीतता है। सुबह से लेकर शाम तक वह बच्चों को तैयार करना, स्कूल भेजना, उनके … Read more

रिश्तो मे पैबंद जरूरी है – मीनाक्षी सिंह  : Moral Stories in Hindi

सुरभि की आज ससुराल में पहली रसोई थी, और वह बेहद घबराई हुई थी। रसोई में उसके चारों ओर सब कुछ नया था: बर्तनों की चमक, मसालों की खुशबू, और सबसे बढ़कर, एक अलग तरह की जिम्मेदारी का अहसास। उसके सामने रोटियों का आटा तैयार रखा था, और वह मंत्रमुग्ध सी खड़ी थी। मन ही … Read more

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