असली मूल्य रिश्तों का होता है – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

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दिव्या जी के पति के बड़े ताऊ जी का निधन हो गया था और उनकी तेरहवीं में शामिल होने के लिए सभी परिवारजनों को बुलाया गया था। दिव्या जी के मना करने के बावजूद उनके पति ने उन्हें समझाया कि यह केवल एक दिन का ही तो मामला है, शाम तक सबसे मिलकर, दावत खाकर … Read more

नजरंदाज – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 35

सुरुचि का मन इस समय बहुत विचलित है। रोज शाम को वह अपने बेटे सोनू का इंतजार करती है, लेकिन वह आता है, अपनी माँ को एक हल्की मुस्कान देकर, सीधे अपने कमरे में चला जाता है। सुरुचि को महसूस होता है कि सोनू का ध्यान अब पूरी तरह से उसकी पत्नी की ओर ही … Read more

बदलाव – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 37

सुजाता जी अपने पोते-पोतियों का ख्याल रखते हुए पूरे दिन भाग-दौड़ में लगी रहती हैं। जब से उनके बेटे ने काम छोड़ दिया और बहू ने नौकरी शुरू की, सुजाता जी का पूरा दिन बच्चों के आसपास घूमते हुए ही बीतता है। सुबह से लेकर शाम तक वह बच्चों को तैयार करना, स्कूल भेजना, उनके … Read more

रिश्तो मे पैबंद जरूरी है – मीनाक्षी सिंह  : Moral Stories in Hindi

New Project 78

सुरभि की आज ससुराल में पहली रसोई थी, और वह बेहद घबराई हुई थी। रसोई में उसके चारों ओर सब कुछ नया था: बर्तनों की चमक, मसालों की खुशबू, और सबसे बढ़कर, एक अलग तरह की जिम्मेदारी का अहसास। उसके सामने रोटियों का आटा तैयार रखा था, और वह मंत्रमुग्ध सी खड़ी थी। मन ही … Read more

खिचड़ी – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 44

82 वर्षीय विपुल जी अपनी सुबह की दिनचर्या में व्यस्त थे। आज उन्हें खिचड़ी का बहुत मन था। लेकिन सिर्फ खिचड़ी नहीं, बल्कि उस खिचड़ी के साथ ढेर सारी चीजें जो उनकी पत्नी सुनीता बहुत अच्छे से बनाती थीं। वह सुबह जल्दी उठकर रसोई में जाकर बोले, “सुनीता… आज खिचड़ी, दही के बड़े, वो हरी … Read more

बहू का डर – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 37

एक दिन ऐसा ही हुआ। रात में मनोहर जी को फिर से पेशाब निकल गया, और वह जल्दी से उठकर बिस्तर को साफ करने लगे, यह सोचकर कि सुबह होने से पहले ही बहू-बेटा देख लें तो नाराज़ हो जाएंगे। काजल ने बीते दिन ही नई चादर बिछाई थी, और पहले ही चेतावनी दे रखी … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-15) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

New Project 2024 04 29T211239.414

अब आगे… किसी तरह पुलिस से छुटकारा पाकर प्रथम उसके बाऊजी दीनानाथ और भाई पिंटू भगवान का शुक्र मानते हैं … और जल्दी ही अपने गांव की ओर रवाना होना चाहते हैं … वह तीनों ऑटो में बैठते हैं..कि तभी ऑटो में भी निहारिका ही होती है जो उसे चला  रही थी … प्रथम उसे … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-14) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

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अब आगे… निहारिका,,प्रथम के बाऊजी दीनानाथ जी को और उसके भाई पिंटू को एक सुनसान जगह पर लेकर आई है… उसने  उन्हें मिट्टी पर बैठा दिया है… चारों तरफ से कई लोगों के  हंसने की जोर-जोर से आवाज आ रही है …ऐसे लग रहा था मानो   एक साथ कई लोग हंस रहे हो…. इधर … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-13) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

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अब आगे…. प्रथम के कमरे पर पुलिस आई है… प्रथम और उसके बाऊजी आपस में बैठे बात ही कर रहे थे … कि तभी पुलिस को देखकर दोनों घबरा जाते हैं … जी क्या हुआ सर…?? देवेश का मर्डर हो गया है … यह सुन प्रथम हक्का-बक्का  रह गया … यह देवेश को है लला…?? … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-12) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

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अब आगे….. प्रथम जैसे ही देवेश और निहारिका के घर से बाहर गेट पर  आता  है .. तभी निहारिका उसकी बाजू पकड़ लेती है… उसे रोकती हैं… प्रथम  नहीं रुकता है .. वह कहती है कि आओ  देवेश … मैं तुम्हें दिखाती हूं…. कि मैं मिट्टी में क्या खोज रही हूं… वह प्रथम  को  खींचकर … Read more

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