सर्वगुण सम्पन्न बहुएं : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : सरला तेरी दोनों बहुएं सर्वगुण सम्पन्न हो गयी हैं…. ऐसा तू कैसे कर पायी??मेरी बहुओं को तो ससुराल आयें 16 साल हो गए …अभी तक ढंग नहीं आया उन्हे काम करने का…मेरी राजू की बऊ तो भी ठीक से काम करती हैं पर छोटे की तो अभी तक कुछ ना … Read more

माँ का अपमान  – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : रवि – पापा ,,हमारा भी तो कुछ सोचिये !! रजनीश जी  ( रवि के पापा ) – सोच की मुद्रा से बाहर आते हुए,,किसकी बात कर रहे हो बेटा,,मैं कुछ समझा नहीं !! रवि – इतने भी नासमझ मत बनिये पापा,,आपको अच्छे से पता हैं मैं माँ के विषय में … Read more

यहीं तो हैं हैं अमर प्रेम – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रमा देखो,, भगवानदास आया हैं… कुछ कहना हैं शायद उसे… 80 वर्षीय विनोद जी अपनी पत्नी से बोले… भगवानदास का नाम सुन आंगन बुहारती रमाजी के पूरे शरीर में बिजली कौंध गयी… क्या भगवानदास … आज इतने सालों के बाद यहां क्यूँ आय़ा हैं… उस निर्लज्ज को अब मुझसे क्या … Read more

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अधिकार – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मंजू अभी दो 6 माह पहले ही सुमित्रा जी के घर उनके बड़े बेटे की अर्धांगिनी बनकर आयी थी …. सुमित्रा जी स्वभाव की बहुत ही कड़क और हमेशा बुलंद आवाज में बात करने वाली , हर बात पर टोका टाकी करने वाली एक तेज तर्रार सास थी .. य़हाँ … Read more

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वसीयत ( अंतिम भाग ) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अभी तक आपने पढ़ा कि विमल जी अपने बच्चों को अपनी वसीहत में किये गए फैसले सुनाते हैं… हर फैसले पर बेटों , बहुओं को कुछ ना कुछ आपत्ति होती हैं… जैसे ही घर के जेवरों की बात चलती हैं तो दोनों बहुएं रानी और काजल बिल्लियों की तरह लड़ने … Read more

वसीयत ( भाग – 3 ) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अभी तक आपने पढ़ा कि विमल जी को एहसास हो रहा था कि वो अब इस दुनिया में ज्यादा दिन के मेहमान नहीं हैं.. यह देख उन्होने अपने दोनों बेटे नितिन, अनुज और बेटी राखी को अपनी वसीहत सुनाने के लिए बुलवा लिया…. सभी निर्धारित समय पर आ गए … … Read more

वसीयत ( भाग – 2 ) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अभी तक आपने पढ़ा विमल जी अपनी दिन प्रतिदिन बिगड़ती हुई तबियत देखकर अपनी पत्नी सुशीला से कहकर अपने दोनों बेटों अनुज और नितिन को बुलवा लेते हैं.. बच्चों को देख विमल जी भाव विभोर हो ज़ाते हैं… तभी अचानक से फिर से उनकी तबियत बिगड़ती हैं… पत्नी से बेटी … Read more

वसीयत – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : एक बार विमल जी बीमार हो गए… उन्हे लगा अब अंत समय पास ही हैं… सोचा… मेरे मरने के बाद मेरे बच्चे घर की जमीन जायदाद का लेकर झगड़ने ना लगे.. क्युंकि ये पैसा सगे भाईयों में भी दरार पैदा कर देता हैं… उनके जाने के बाद कहीं बच्चे ,,उन्होने सालों … Read more

अब और अन्याय बर्दाश्त  नहीं – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : राजेश जी कृषि विभाग में बाबू के पद पर कार्यरत थे ! घर में पत्नी ,छह  बेटियां  और एक बेटा था ! बेटा विजय सबसे छोटा था ! बेटे की चाह में पांच बेटियां हो गयी ! वो जमाना भी ऐसा था,अगर बेटा एकलौता हो तो वंश  बढ़ाने के  लिए … Read more

दाग – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : लड़की जात हैं पुत्तु तेरी छोरी..तुझे दिखता नहीं सयानी हो गयी हैं … कहीं ऊँच नीच हो गयी ,चरित्र पर कोई दाग लग गया तो पूरी बिरादरी में नाक कट जायेगी.. फिर चांट लेना इसकी पढ़ाई … बड़ा आया इसे कलेक्टर बनाने वाला… खूब पढ़ ली ये रिशु…. इतना तो … Read more

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