मैं किसी की मोहताज नहीं होना चाहती – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो , हां बेटा क्या कर रही हो मम्मी झाड़ू लगा रही हूं बेटा। क्या मम्मी जब भी आपको फोन करों तो कभी झाड़ू लगा रही हैं कभी पोंछा लगा रही है तो कभी कपड़े धो रही दिनभर काम ही काम कभी फुर्सत में बैठती है कि नहीं। मुझसे भी बात करने का समय नहीं … Read more

बच्चों को अकेले रहने की आदत ना डालें – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी पापा आप लोगों को आज रात की गाड़ी से ही वापस जाना होगा , क्यों बेटा अभी तीन दिन पहले ही तो हम लोग आए हैं । सोचा था दस पंद्रह दिन रहेंगे तुम्हारे पास । अकेले रहते हो खाना पीना भी ठीक से नहीं मिलता बाहर का खाते हो सोचा था कुछ दिन … Read more

भाभी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो दीपिका कैसी हो , हां ठीक हूं भाभी।तुम लोग तो अपनी भाभी को जैसे भूल ही गई हो ।आज मैंने गीतिका को भी फोन लगाया था । जबसे सासूमां इस दुनिया से गई हैं तुम लोग तो मुझे और भइया को जैसे भूल ही गई हो अरे अभी भाभी भइया की भी खोज खबर … Read more

पछतावे के आंसू – मंजू ओमर  : Moral Stories in Hindi

शिवम् के पिता बचपन में ही एक एक्सीडेंट में गुजर गए थे ।शिवम् की मां सुजाता जी ने स्कूल में टीचर की नौकरी करके शिवम् को अकेले ही पाला था।और पढ़ा लिखा कर लायक बनाया था ।आज शिवम् किसी प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता था।शिवम् अट्ठाइस का हो चुका था । सुजाता अब शिवम् की … Read more

काश,,? मेरे जैसी सास सबको मिले – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

और मनीषा कैसी हो ,बस ठीक हूं आंटी । क्या बात है मनीषा अब बिल्कुल दिखाई नहीं देती है , हां आंटी जबसे मम्मी गई है किसी से मिलने जुलने का मन ही नहीं करता है। हां वो तो है बेटा तुम्हारी मम्मी का जाना तो हम लोगों को भी बहुत खलता है ।हम लोग … Read more

अपमान – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

बुआ जी आप मेरे मम्मी पापा का इस तरह से अपमान नहीं कर सकती। मम्मी ने तो आपसे कोई रिश्ता बताने को कहा था मेरे लिए वो भी इस लिए कि आप समाज के बीच में रहती है ,आप ऐसा करेगी कभी सोचा न था।मैं अपनी मम्मी पापा के आंख में आंसू नहीं देख सकती … Read more

सपनों का घर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

राजेन्द्र और उनकी पत्नी इंदु की उनके दोनों बेटे मनीष और आशीष से बहस चल रही थी पर नतीजा कुछ भी नहीं निकल रहा था। बात घर को लेकर हो रही थी।इंदु जी के दोनों बेटे कह रहे थे कि मम्मी पापा इस घर को बेच दो और किसी अच्छी कालोनी में दूसरा अच्छा सा … Read more

भाभी कैसे बर्दाश्त करती हो ये सब – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मुफ्त की रोटियां खाने सब आ जाते हैं तेरे मायके से क्या धर्मशाला खुला है क्या यहां ‌।जब देखो तब कोई न कोई आया ही रहता है तेरे घर से शकुन्तला देवी अपनी बहू साधना पर चिल्ला रही थी।घर के ऊपर के हिस्से में शकुन्तला जी की देवरानी रहती है उनकी बेटी नयना सब सुन … Read more

मन से मन का रिश्ता – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज सुबह सुबह ही खबर लगी कि पुष्पा भाभी जी नहीं रहीं । नाश्ता बनाने जा रही थी तो सबकुछ छोड़कर बैठ गई । आंखें भर आईं बहुत पुराना रिश्ता था उनसे । नहीं नहीं खून  का नहीं,अपनों का नहीं , रिश्तेदारी का नहीं ,मन से मन का रिश्ता ।और शायद इससे बड़ा कोई रिश्ता … Read more

आवाज उठाना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज सिया के ऊपर दीपक ने जैसे ही हाथ उठाया सिया ने दीपक का हाथ कसकर पकड़ लिया और जोर से झटक दिया, अचानक इस झटके से दीपक वहीं जमीन में गिरते गिरते बचा।वो बड़े आश्चर्य से फटी आंखों से सिया को देख रहा था और सोचने लगा इतनी हिम्मत कहां से आ गई आज … Read more

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