मां बाप का आशीर्वाद से बड़ा कुछ भी नहीं है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मांजी सूप पी लीजिए ,अरे बेटा मन भर गया है अब तो सूप वूप से । कितना पीऊं अब तो ऊब गई हूं मैं इस बिस्तर पर पड़े पड़े।ऊपर वाला मेरी सुनता क्यों नहीं है ।नहीं मांजी ऐसा न कहें, आपके आशीर्वाद की आपके साथ की तो अभी हम लोगों को बहुत ज़रूरत है । … Read more

बट्टा लगाना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

एक थप्पड़ लगाते हुए शकुन अपने बेटे कमल को डांट रही थी। तुमने तो मेरी इज्जत मिट्टी में मिला दी, बट्टा लगा दिया मेरी इज्जत को।अरे कितनी मिन्नतें की थी भाई से अपने तेरी नौकरी को लिए कहीं काम नहीं मिल रहा था तुझे। आवारा की तरह इधर-उधर घूम रहा था।ढंग से काम करता तो … Read more

जीवन की सांझ – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज सुबह सुबह ही कमला नीरजा भाभी को बता गई कि सरस्वती बहन जी आ गई है और आपको याद कर रही थी ।अरे इतनी जल्दी कैसे आ गई भाभी जी, कोई भारत में थोड़े ही थी कि इतनी जल्दी आ गई । अमेरिका गई थी ।और मुझे तो ये भी लगा कि  शायद लौटकर … Read more

घर की इज्जत – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अरे साक्षी ये क्या हैं मैक्सी पहनकर आंटी के सामने आ गई घर की इज्जत का कुछ ख्याल है कि नहीं।अरे साक्षी छत पर क्यों उघाड़े सिर घूम रही हो इस पड़ोस के लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे घर की कुछ इज्जत है कि नहीं।अरे साक्षी बाहर दूध लेने के लिए ऐसे ही खड़ी हो … Read more

बड़ा दिल – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज सिलाई मशीन की खट खट शांत हो गई थी। कौशल्या की निर्जीव शरीर फर्श पर पड़ा था। रौशनी मां के पार्थिव शरीर के पास बैठी आंसू बहा रही थी।और सोंच रही थी अब क्या करूंगी कहां जाएगी , मां ही तो आखिरी सहारा थी अब वो भी न रही ।बाप तो बहुत पहले ही … Read more

तिरस्कार बना वरदान – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अब मैं मंच पर बुलाना चाहता हूं श्री मति सुमन गुप्ता जी को,उनका सम्मान करने के लिए प्लीज़ मंच पर आए श्री मति संगीता अग्रवाल जी । संगीता जी ने सुमन जी को शाल पहना कर माल्यार्पण कर स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।और फिर सुमन जी ने मंच से सुंदर सा काव्यपाठ किया। तालियों … Read more

मैं तो बेटी के मोह में बहू के साथ बहुत ग़लत किया – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

खबरदार जो घर में पांव रखा, चली जाओ यहां से इस घर में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है। मम्मी समझाओ न दीक्षा और रक्षा को मैंने नीतू से शादी की है और अब ये तुम्हारी बहू है।कैसी बहू और किसकी मर्जीसे शादी की है । बिना मेरी और घर के लोगों के मर्जी के … Read more

मैं किसी की मोहताज नहीं होना चाहती – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो , हां बेटा क्या कर रही हो मम्मी झाड़ू लगा रही हूं बेटा। क्या मम्मी जब भी आपको फोन करों तो कभी झाड़ू लगा रही हैं कभी पोंछा लगा रही है तो कभी कपड़े धो रही दिनभर काम ही काम कभी फुर्सत में बैठती है कि नहीं। मुझसे भी बात करने का समय नहीं … Read more

बच्चों को अकेले रहने की आदत ना डालें – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी पापा आप लोगों को आज रात की गाड़ी से ही वापस जाना होगा , क्यों बेटा अभी तीन दिन पहले ही तो हम लोग आए हैं । सोचा था दस पंद्रह दिन रहेंगे तुम्हारे पास । अकेले रहते हो खाना पीना भी ठीक से नहीं मिलता बाहर का खाते हो सोचा था कुछ दिन … Read more

भाभी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो दीपिका कैसी हो , हां ठीक हूं भाभी।तुम लोग तो अपनी भाभी को जैसे भूल ही गई हो ।आज मैंने गीतिका को भी फोन लगाया था । जबसे सासूमां इस दुनिया से गई हैं तुम लोग तो मुझे और भइया को जैसे भूल ही गई हो अरे अभी भाभी भइया की भी खोज खबर … Read more

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