बेटे का प्यार – मंजू ओमर   : Moral Stories in Hindi

मम्मी मैंने नया फ्लैट ले लिया है पुनीत ने मम्मी को फोन किया । बहुत अच्छा किया बेटा अपना घर होना जीवन में तो बहुत जरूरी है ‌‌ बहुत बढ़िया, बहुत बढ़िया ।अब आप और पापा को हमारे और स्वाति के साथ ही रहना है। बहुत रह लिए अकेले अकेले । हां, हां बेटे क्यों … Read more

अपना घर ही स्वर्ग है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

बहुत दिन हो गए अमृता से बात नहीं हुई नीलिमा ने अमृता को फोन लगाया हेलो अमृता कैसी है तू।सब सेट हो गया वहां पर और सब ठीक है । अरे नहीं नीलिमा अपने घर में हूं दीदी के यहां नहीं हूं , क्यों क्या हुआ । कुछ नहीं अब मिलती हूं तो बात करती … Read more

क्यों अशांति फैलाते हो – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

क्यों अशांति फैलाएं हुए हैं तुम लोग इस घर में कितनी शांति से जीवन बीत रहा था हम दोनों का जबसे तुमलोग आए हो रोज कुछ न कुछ बबाल मचा रहता है। मोहिनी जी आज बहू मुक्ता और बेटे अमित पर चिल्ला पड़ी।                 घर में मोहिनी जी और उनके पति राघवेन्द्र जी का हंसी खुशी … Read more

सास बिना कैसा ससुराल – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज शिखा को किटी पार्टी में जाना है ।वो अपने तीन साल के बेटे को तैयार कर रही है साथ ले जाने को । तैयार करते करते बार बार झुंझला जा रही है देर हो रही है घर में कोई है भी तो नहीं कि मोनू को उसके पास छोड़ दूं । फिर भी जब … Read more

कंलक लग जाता – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

राजन खोसला को स्टेज़ पर देख कर दीक्षा कहीं खो सी गई थी।वो अपने जीवन के 10 साल पहले के बीते समय में खो गई थी। तभी कानों में उसके आवाज आई दीक्षा भार्गव प्लीज़ स्टेज पर आएं । आपने ,(छोटी बच्चियों पर गलत निगाह रखने वाले पर क्या कार्रवाई हो )इस विषय पर प्रतियोगिता … Read more

मतभेद – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

नमिता घर के कामों में मशगूल थी तभी डोर वेल बजी । नमिता ने दरवाजा खोला तो देखा सामने कोरियर वाला था। उसने एक  लिफाफा पकड़ाया नमिता को और चला गया । नमिता ने जब अंदर आकर लिफाफा खोला तो देखा दूसरे भतीजे की शादी का निमंत्रण कार्ड था ।र्काड देखकर नमिता थोड़ी असमंजस में … Read more

मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो बेटा प्रतिमा निपट गई जेठानी के लड़के की शादी से फ्री हो तो  बात करूं , हां मम्मी निपट गई। इतनी उदास सी क्यूं है निपटाया तो सब तूने ही होगा तेरी जेठानी तो कुछ कर नहीं पाती शरीर बेकार कर रखा है लेकिन ठसक अभी भी बहुत है । हां मम्मी सही कह … Read more

कमरे की सीमा रेखा – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

क्या मम्मी आपसे कितनी बार कहा है कि कमरे में रहा करों बाहर मत आया करो वही पर आपको सब चीजें खाने पीने कि मिल जाया करेगी फिर भी आप  पता नहीं क्यों सुनती नहीं हो ।बार बार आ जाती है बाहर ।ओ बेटा जरा चाय पीने कि इच्छा हो रही थी,,,। मिल तो जाती … Read more

छोटी छोटी बातों में ढूंढ खुशियां – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ज़ोर से खिलखिला कर हंसते हुए कल्पना को देखकर श्रुति आश्चर्य चकित थी ।वो कुछ लोगों के बीच में बैठी ज़ोर ज़ोर से हंस रही थी ।ये क्या हो गया कल्पना को कुछ ज्यादा ही हंस रही है। कुछ हो तो नहींगया मसलन दिमाग,विमाग खराब,,,,,,। फिर श्रुति ने अपने विचारों को झटका और सोचा चलकर … Read more

रिश्तों की कड़वाहट – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

प्रेम प्यार से बने रिश्ते कभी कभी कड़वाहट की इस हद तक पहुंच जाते हैं कि एक पल भी साथ रहना मुश्किल हो जाता है। सुमेधा और सुमित के रिश्ते में भी आज इस कदर कड़वाहट आ गई है कि सुमेधा तो सुमित की शक्ल भी देखना नहीं चाहती  और न ही बात करना चाहती … Read more

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