पता नहीं बहू मेरे लिए क्यों इतना विष उगलती है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज रंजना ने बेटे गौरव से कहा बेटा जाकर बहू और बच्चों को लिवा लाओ घर , कुछ पूजा पाठ करवा लेते हैं । बच्चा हुआ है तबसे घर में कुछ हुआ नहीं है । मैंने बहू से कहा भी था कि बच्चा होने के चालीस दिन जब घर में पूजा हो जाएगी तब जच्चा-बच्चा … Read more

पैसों का गुरूर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

तुमको भी लेना है तो भाई तीन सौ की कोई साड़ी ले सकती हो अंजलि मैं पैसा दे दूंगी। भई हम तो इतनी सस्ती साड़ी पहनते नहीं है तुम तो ऐसी ही साड़ी पहनती हो ।हम तो पांच हजार से नीचे की साड़ी पहनते नहीं है नीलम बोली अपनी देवरानी अंजलि से । नहीं भाभी … Read more

अनकहा दर्द – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

दरवाजे पर ताला लगाते ही मेघना के आंख से आंसू बह निकले ।चाभी ने मकान मालिक अधिराज जी को पकड़ा दिया।और बाहर से ही खड़े खड़े मकान और उसकी चारदीवारी को निहारे जा रही थी।पांव ही नहीं आगे बढ़ रहे थे घर छोड़कर जाने की कितनी पीड़ा थी मन के अंदर ।एक अनकहा सा दर्द … Read more

मां बाप का आशीर्वाद से बड़ा कुछ भी नहीं है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मांजी सूप पी लीजिए ,अरे बेटा मन भर गया है अब तो सूप वूप से । कितना पीऊं अब तो ऊब गई हूं मैं इस बिस्तर पर पड़े पड़े।ऊपर वाला मेरी सुनता क्यों नहीं है ।नहीं मांजी ऐसा न कहें, आपके आशीर्वाद की आपके साथ की तो अभी हम लोगों को बहुत ज़रूरत है । … Read more

बट्टा लगाना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

एक थप्पड़ लगाते हुए शकुन अपने बेटे कमल को डांट रही थी। तुमने तो मेरी इज्जत मिट्टी में मिला दी, बट्टा लगा दिया मेरी इज्जत को।अरे कितनी मिन्नतें की थी भाई से अपने तेरी नौकरी को लिए कहीं काम नहीं मिल रहा था तुझे। आवारा की तरह इधर-उधर घूम रहा था।ढंग से काम करता तो … Read more

जीवन की सांझ – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज सुबह सुबह ही कमला नीरजा भाभी को बता गई कि सरस्वती बहन जी आ गई है और आपको याद कर रही थी ।अरे इतनी जल्दी कैसे आ गई भाभी जी, कोई भारत में थोड़े ही थी कि इतनी जल्दी आ गई । अमेरिका गई थी ।और मुझे तो ये भी लगा कि  शायद लौटकर … Read more

घर की इज्जत – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अरे साक्षी ये क्या हैं मैक्सी पहनकर आंटी के सामने आ गई घर की इज्जत का कुछ ख्याल है कि नहीं।अरे साक्षी छत पर क्यों उघाड़े सिर घूम रही हो इस पड़ोस के लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे घर की कुछ इज्जत है कि नहीं।अरे साक्षी बाहर दूध लेने के लिए ऐसे ही खड़ी हो … Read more

बड़ा दिल – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज सिलाई मशीन की खट खट शांत हो गई थी। कौशल्या की निर्जीव शरीर फर्श पर पड़ा था। रौशनी मां के पार्थिव शरीर के पास बैठी आंसू बहा रही थी।और सोंच रही थी अब क्या करूंगी कहां जाएगी , मां ही तो आखिरी सहारा थी अब वो भी न रही ।बाप तो बहुत पहले ही … Read more

तिरस्कार बना वरदान – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अब मैं मंच पर बुलाना चाहता हूं श्री मति सुमन गुप्ता जी को,उनका सम्मान करने के लिए प्लीज़ मंच पर आए श्री मति संगीता अग्रवाल जी । संगीता जी ने सुमन जी को शाल पहना कर माल्यार्पण कर स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।और फिर सुमन जी ने मंच से सुंदर सा काव्यपाठ किया। तालियों … Read more

मैं तो बेटी के मोह में बहू के साथ बहुत ग़लत किया – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

खबरदार जो घर में पांव रखा, चली जाओ यहां से इस घर में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है। मम्मी समझाओ न दीक्षा और रक्षा को मैंने नीतू से शादी की है और अब ये तुम्हारी बहू है।कैसी बहू और किसकी मर्जीसे शादी की है । बिना मेरी और घर के लोगों के मर्जी के … Read more

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