क्यों हो जाते हैं लोग इतने स्वार्थी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अपने आप बिस्तर से न उठ पाने की स्थिति में नर्मदा जी की बार बेटे को और पति को आवाज दे चुकी थी बाथरूम जाने के लिए लेकिन कोई सुन ही न रहा था । अपनी बेबसी पर खीज जाती नर्मदा जी और कह उठती है भगवान उठा क्यों नहीं लेता मुझे , बुला क्यों … Read more

मेरी आत्मा को तकलीफ़ देकर तुम कैसे खुश रह सकती हो – मंजू ओमर

अपने नन्ही पोती को देखकर सुमन की आंखों से आंसू बह निकले। क्या जिंदगी बना दी है भगवान तूने मेरी बच्ची को देखने को छूने को तरस रही हूं , उसकी एक मुस्कुराहट को तरस रही हूं। क्यों तूने मेरे सारे अरमानो पर पानी फेर दिया है। क्या कुसूर था मेरा और सुमन चेहरे को … Read more

 बाप से मुंह मोड़ लिया बच्चों ने – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज बद्रीनाथ जी की मृत्यु हो गई थी। बड़ा ही कष्टकारी जीवन था उनका। वहां मौजूद हर व्यक्ति कह रहा था बेचारे बद्रीनाथ जी की तो आज जिंदगी सुधर गई।हर वक्त भगवान को कोसते रहते थे कि सबको तो बुलाते हो अपने पास मुझे कब बुलाओगे, कबतक ये अंधकार मय जीवन जीता रहूंगा। भरा-पूरा परिवार … Read more

 औलाद की खातिर सब सह गई – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ये क्या मम्मी ये आप अपना बैग और सामान लेकर कहां जा रही है ,मैं जा रही हूं बेटा यहां से , मगर कहां जा रही है, वृद्धाश्रम, वृद्धाश्रम पर क्यों ?अब बाकी की जिंदगी में वही गुजार लूंगी ।अब यहां रहकर बहू का अपमान और तेरा सब नजरंदाज करना मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा … Read more

दिखावे की जिंदगी – मंजू ओमर  : Moral Stories in Hindi

मुझे तो अपने बेटे की शादी का रिसेप्शन उसी महंगे होटल से करना है जहां से मेरे भाई ने किया था एक ही तो बेटा है मेरा ,नीता जिद पर अड़ी हुई थी । मोहन जी उनके पति नीता को बहुत समझाने की कोशिश कर रहे थे पर वह सुन ही नहीं रही थी । … Read more

पैसा अच्छे अच्छों का दिमाग खराब कर देता है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी आज निकिता कह रही थी देखो तो दीदी जीजाजी हमारे साथ गाड़ी से निधी की शादी से वापस आ गए और ये भी न हुआ कि दीदी से कि गाड़ी में पेट्रोल ही डलवा दें। फिर हमने भी रास्ते में एक महंगे होटल में गाड़ी रोक दी खाना खाने को कि चलो यहां खाना … Read more

नफरत की दीवार – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज मोहन जी अपने बड़े भाई गोपाल जी के गले लगकर रो पड़े। फिर भाभी के भी पैर छूकर आशीर्वाद लिया। अपने भतीजों को भी गले लगाया।आज इतने बरसों बाद सबको सामने देख कर मोहन जी के आंसू नहीं रूक रहे हैं। कुछ बोलना चाह रहे थे लेकिन गला बार बार रूंध जा रहा था।मन … Read more

लें देन से ज्यादा रिश्तों में प्यार जरुरी है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

नित्या जब मायके से ससुराल आईं तो उसने सास सुनयना के सामने तीन चार बड़े बड़े गिफ्ट के पैकेट रख दिए , और एक छोटी डिब्बी में एक सोने की चेन और अंगुठी भी थी ।ये क्या हैं नित्या सुनयना ने पूछा। नित्या बोली वो भतीजी का मुंडन कराया था न तो पापा मम्मी ने … Read more

एक माफी मांग लेने से यदि रिश्ते बच रहे हैं तो बचा लीजिए – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ये क्या बहू आज फिर से तुमने राजमा बना दिया अभी परसों ही तो बनाया था , मुझसे हजम नहीं होता पेट भारी भारी हो जाता है बहुत गरिष्ठ होता है मेरा पेट साफ नहीं होता है ‌। नहीं आज फिर से राजमा नहीं बनाया है परसों का ही है बच गया था तो क्या … Read more

पापा की शादी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

प्रकाश जी 54 वर्ष के विधुर पति थे ।पेशे से इंजीनियर थे वो।दो साल से विधुर का जीवन बीता रहे थे वो।एक बेटी थी जिसकी पत्नी के जाने के बाद शादी हुई थी। बेटी एम बीए करने के दौरान साथ पढ़ने वाले सहपाठी मयंक को पसंद करती थी। मां को बेटी मेघा ने बताया था … Read more

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