रिश्ते बराबर वालों से बनाए – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

ये क्या आंटी जी आप झाड़ू लगा रही हैं काम वाली नहीं आई क्या। अरे आप खाना भी बना रही है और कपड़े भी खुद ही फैला रही है ।तो क्या हुआ बेटा सुलोचना बोली घर के काम तो घर की महिलाओं को ही करने पड़ते हैं न।हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा।                 अरे आप … Read more

छोटा मुंह बड़ी बात – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

आज दरवाजे पर दस्तक हुई तो रंजना ने पूछा कौन तो बाहर से आवाज आई कोरियर,। रंजना ने जब कोरियर का लिफाफा खोला तो भतीजे की शादी का कार्ड था । रंजना बहुत खुश हुई और भाभी को फोन लगाया ।और भाभी कैसी हो ठीक है रंजना और भाभी सुमित की शादी का कार्ड मिला … Read more

तकऱार – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

उर्मिला अग्रवाल और मीरा जायसवाल दोनों अड़ोसी पड़ोसी थे । दोनों की उम्र में कोई आठ दस साल का अंतर होगा मतलब मीरा छोटी थी अग्रवाल भाभी से । उर्मिला भाभी का ऐसा सोचना था कि मैं जो काम करती हूं वैसा मुहल्ले में कोई कर ही नहीं सकता। वैसे तो वो बहुत फ़ूहड़ किस्म … Read more

ऐसे शब्द सुनकर मेरा खून खौल गया – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

मम्मी जी आपने मेरा कमरा भइया भाभी को क्यों दे दिया, अरे शिल्पी कैसी बात कर रही हो कौन सा तुम्हारा कमरा हमेशा के लिए दे दिया भइया भाभी को बस रात को सोने के लिए ही तो दिया है । शिल्पी बोली फिर भी मैं बहू हूं इस घर की अब मैं कहां इधर … Read more

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क्यों देते हैं लोग तनाव – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

सुनीता के घर में तनाव की कमी नहीं थी। कहते हैं न कि घर में पति पत्नी हो और कोई झंझट न हो और बच्चे घर से बाहर हो तो तनाव की स्थिति नहीं रहती । पति पत्नी में कुछ सालों तक अनबन और विवाद हो सकता है क्योंकि दो लोग अलग-अलग परिवार और परिवेश … Read more

औकात दिखाना – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

यार मम्मी कल पार्टी में आपने ये क्या कर दिया, क्या कर दिया मैंने मधु बोली बेटे से ।बेटा रोहन बोला आप कल आप श्वेता और उनके और जो रिश्तेदार आए थे उनसे मिलने नहीं गई ।मैं क्यों मिलने जाती उनसे  जो लोग कल पार्टी में आ रहे थे वो लोग खुद ही मुझसे मिलने … Read more

रंगों का त्योहार – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

होली का त्योहार नजदीक था लेकिन गायत्री जी के मन में कोई उत्साह नहीं था। गायत्री जी सोच रही थी क्या फर्क पड़ता है अब कोई त्यौहार आए या जाए । जैसे सब दिन बीतते हैं वैसे ये भी दिन बीत जायेंगे।अब कैसी होली और कैसी दीवाली।                    चाय पीते पीते अतीत में खो गई गायत्री … Read more

जिंदगी सुख कम और दुख ज्यादा देती है – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

आज संजय की मृत्यु हो गई थी वहां से आकर मन बहुत उदास था । संजय मेरे पति के दोस्त थे बहुत ज्यादा प्रगाढ़ता थी आपस में बिल्कुल घर जैसे संबंध थे हम दोनों के परिवार में। हमारी और संजय की शादी भी साथ साथ चार महीने के अंतर पर हुई थी । दोनों के … Read more

समय का बदलाव – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

ये समय चक्र है हमेशा एक सा नहीं रहता कभी किसी का पलड़ा भारी तो कभी किसी का। लक्ष्मी आंटी का बड़ा रूतबा था अपने घर पर , अपने बहुओं पर , रिश्तेदारों में , मुहल्ले पड़ोस में।हर समय बस वो अपनी अपनी ही कहती रहती है घर के बाहर थोड़ी देर को खड़ी हो … Read more

इंजीनियर बनना है – मंजू ओमर: Moral stories in hindi

आज नरेंद्र जी भारी मन से बेटे पियूष का बोरिया बिस्तर समेटकर दिल्ली के कालेज से लेकर घर आ गये । पत्नी ने दरवाजा खोला तो बोले नरेन्द्र जी लो आ गया तुम्हारा गधा बेटा तीन साल बर्बाद करके । पत्नी भी उदास हो गई थी क्योंकि नरेन्द्र जी और उनकी पत्नी दोनों चाहते थे … Read more

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