अब तो शर्मसार करना बंद करो- मनीषा सिंह। : Moral stories in hindi

“नहीं मम्मी, आप रहने दो—–! मुझे अभी शादी नहीं करनी है! “पापा प्लीज समझाइए ना मम्मी को, संजना अपने पापा कैलाश जी से बोली। ” पर बेटा यह रिश्ता अच्छा है” तभी तो तेरी मां इतनी जिद कर रही है कैलाश जी अपनी पत्नी पुष्पा जी के बात का समर्थन करते हुए कहा। ” हां … Read more

मेरे बीमार होने से किसी को फर्क नहीं पड़ता – मनीषा सिंह  : Moral stories in hindi

शैली —!  चल अब घर जाने का टाइम हो गया है‌‌——- क्या तू अब ओवर टाइम करेगी ! शैलजा की सहकर्मी श्रेया ने, शैलजा को  धीरे से कहा । शैलजा चाय की आखिरी घूट लेते हुए कहा “यार—- ओवर टाइम ही कर लूंगी” लेकिन अभी घर जाने का मूड नहीं है मेरा।  ” क्या हुआ … Read more

फैसला – मनीषा सिंह : Moral stories in hindi

अंजलि चल जल्दी-जल्दी ,अपना लंच बॉक्स बैग में डाल ले 9: बजे से तेरी क्लास स्टार्ट हो जाती है।  चेहरा बनाते हुए अंजलि बोल पड़ी, ” मां देखो ना,  मेरे सर के अंदर से कुछ अजीब सी आवाजें आ रही हैं, साथ में चक्कर भी आ रहा है।  इतना सुनते ही कावेरी झट से  बेटी … Read more

तुम पर सिर्फ मेरा अधिकार है – मनीषा सिंह : Moral stories in hindi

रवि विश्वविद्यालय में फिजिक्स का प्रोफैसर था उसकी शादी  4 साल पहले रागिनी के साथ हुई थी। रवि  अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता । शादी के पहले रागिनी एक प्राइवेट स्कूल की टीचर थी पर शादी के बाद रवि ने रागिनी को जॉब के लिए मना कर दिया, रागिनी भी पति की आज्ञा को … Read more

दायित्व – मनीषा सिंह : Moral stories in hindi

“बेटा बहुत दूर है हॉस्पिटल ।काफी भीड़ और ट्रैफिक वाली जगह भी है  गाड़ी चलनी मुश्किल हो जाएगी।  इसलिए हम मोटरसाइकिल से ही चलते हैं जल्दी निकल जाएंगे । सुरेंद्र जी अपने बेटे जतिन से कहा  “नहीं बाबूजी आप इतने बीमार हैं! मोटरसाइकिल आपके लिए सही नहीं रहेगा और बाहर गर्मी भी काफी है।  हम … Read more

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