माफी से रिश्ते सुधर गए – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

जानकी जी गोदी में मोनू को बिठाकर नवरात्रि में माता रानी   का धन्यवाद कर रही थी।        आइए आपको जानकी जी के परिवार से मिलवाएं। जानकी जी के पति वर्मा जी सेवानिवृत  सरकारी आफिसर थे। उनके परिवार में उनका बड़ा बेटा जतिन एक कंपनी में सिविल इंजीनियर,  उसकी पत्नी राधिका और उनके 5 वर्ष की … Read more

कर्मो का फल – मधू वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

वृद्धाश्रम की संचालिका की कुर्सी पर बैठी कमला जी सामने बैठी अपनी ही दुनिया  में खोई हुई जेठानी को देखकर एकदम हतप्रभ रह गईं। तभी सामने खड़े चपरासी मदन ने बताया बहन जी कोई लोग गाड़ी में आए थे और हाईवे के मेरठ कॉफी हाउस में इन्हें बिठाकर खाने के कुछ पैसे कॉफी हाउस वाले … Read more

बहू और बेटी – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

—————- आपको तो अपनी बहू की अच्छाई के सिवाय कुछ दिखाई ही नहीं देता। अपनी हालत देखो जरा? इस उम्र में जबकि आप और पापा को निश्चिंत होकर आराम से रहना चाहिए था उस समय बैठकर बच्चों की आयागिरी कर रहे हो। पार्क में घूमने के लिए पापा जाते हैं तो बाकि सब लोग तो … Read more

आत्मसम्मान – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————– बेटा यह फैसला मैंने अपने आत्म सम्मान के लिए लिया है।  मेरा संबल तुम्हारे पापा ही है। आज भी उनकी पेंशन आती है और मेरी बीमारी पर मेरा इलाज आराम से हो जाता है । क्या वृद्ध होने पर माता-पिता की बच्चों पर निर्भरता की कीमत उनका आत्मसम्मान है? क्यों वृद्धजन अपना आत्मसम्मान बनाए … Read more

अगर आपकी बेटी होती तो? – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————–         आज मानसी की जगह सीढ़ियों से उतरकर पवन को रसोई की ओर आते देख भावना जी बर्तनों को और जोर-जोर से फेंकने लगी। इससे पहले कि पवन कुछ बोलता भावना जी चिल्ला कर बोली महारानी अभी सो ही रही है। सुबह उठकर सारे घर का काम करना मेरी ही जिम्मेदारी है। उसे पता नहीं … Read more

बड़ी बहू – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

बचपन से ही ताई का रुबाब देखा था मम्मी तो मम्मी दादी भी उनकी बात को काट नहीं पाती थी बस कोने में माला लेकर बैठ जाती थी। जब मेरे विवाह की बात चली और मुझे पता चला कि घर में मुझे बड़ी बहू बनना होगा तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। घर … Read more

गहने – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————–         रात को 2:00 बजे फोन पर रमेश जी की माता जी की रोने की आवाज आ रही थी और रमेश जी केवल एक ही बात दोहरा रहे थे तो मैं क्या कर सकता हूं?  मैं तो आपके किसी भी लेने देने में नहीं हूं ना।अगर आप चाहो तो मैं तो आपको बैंगलोर ला सकता … Read more

जिम्मेदारी – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

 उस दिन के बाद टूटे रिश्ते जुड़ने लगे और आज आभा विवाह के बाद विदा होते हुए जब मानसी से गले मिलकर फुटकर रोई तो मानसी का दुलार वाला हाथ उसे अपनी मां का सा हाथ प्रतीत हो रहा था ।        लगभग 12 वर्ष पहले मानसी इस घर में बहू बनकर आई थी। घर में … Read more

आत्मग्लानि – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

—————————- बेटा इतने जतनो से पाला पोसा और इस कल की आई के लिए तू हम सब को छोड़कर जा रहा है?     जतिन ने पीछे मुड़कर अपनी मां की तरफ देखा, भाभी भी भतीजे को गोद में उठा निर्विकार रूप से जतिन की ओर देख रही थी और पिताजी को पूरी उम्मीद थी की हमेशा … Read more

संस्कार – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

    ताईजी  आपने हर वस्तु ,हर रिश्ते से ऊपर पैसे रखे है मुझे मम्मी और पापा ने पैसों से ज्यादा इंसानियत को महत्व देना सिखाया है । गगन की बात सुनकर आशा जी कुछ सोच में पड़ गई। सच ही तो है आज गगन को नहीं अपितु उनको ही गगन की जरूरत है। अच्छा चलता हूं … Read more

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