प्रायश्चित – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

New Project 41

इतने बड़े वर्मा निवास के पीछे वाले कमरे में राजेश जी उपेक्षित से अपने बिस्तर पर अकेले ही लेटे हुए थे। डॉक्टरी रिपोर्ट के अनुसार अब उनको डायलिसिस के लिए प्रत्येक  15 दिन में जाना पड़ेगा। रोज सुबह एक अटेंडेंट उनको नित्यकर्म से निवृत करवाकर रात के लिए डायपर बांधकर चला जाता था। आज जब … Read more

अनकहा दर्द – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T105042.754

मैंने भावना से कभी प्रेम नहीं किया था परंतु आज वह ही मेरी बिटिया रिया और अपने बेटे गौतम को बहुत अच्छे  से संभाल रही है। मेरी माता जी अब उसी के ही साथ रहती है।        भावना हमारे पड़ोस में ही रहती थी। मेरी माता जी उसको बचपन से ही बहुत प्यार करती थी। अपने … Read more

ढ़लती शाम – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

New Project 35

पूरा घर अस्त व्यस्त कपड़ों से फैला हुआ था। असली घी के मेवा डालकर बनाए हुए लड्डू यूं ही परात में रखे हुए थे। माधवी अंधेरे कमरे के अंधेरे कोने में बैठकर पुरानी यादों में खोई आंसू बहा रही थी।     कितने समय से वह राजेश के दुबई से आने का इंतजार कर रही थी। … Read more

मातमपुर्सी – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

New Project 57

 रात के 11 बज रहे थे। पत्नी और बच्चे सो चुके थे, मैं अभी भी अपने ऑफिस का काम कंप्यूटर पर चैक कर रहा था। काम करने के बाद कंप्यूटर बंद करने से पहले यह मेरी आदत ही थी कि मैं व्हाट्सएप पर मैसेज देखता था। अपनी सोसाइटी के वेलफेयर एसोसिएशन के ग्रुप में मैसेज … Read more

समस्या – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

New Project 98

 मिनी और राघव का विवाह हुए 7 साल बीत गए थे लेकिन उनके घर अभी तक कोई शिशु का आगमन नहीं हुआ था। हालांकि उन दोनों को इस बात से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता था लेकिन पड़ोसी रिश्तेदार आने जाने वाले और अब तो कामवाली भी——-। जी हां यहां तक कि घर की कामवाली … Read more

नाराज़ – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104905.495

खुशी-खुशी माताजी ने घर में प्रवेश करा। उनकी आवाज सुनकर शोभा अपनी कमरे से बाहर निकली और मुस्कुराते हुए उनका स्वागत करके चाय बनाने रसोई में चली गई। उनकी बेटी राधिका कॉलेज गई हुई थी। बाबूजी भी खाना खाकर दुकान पर चले गए थे। विनय दोपहर को दुकान से खाना खाने घर आया था। नियम … Read more

जैनरेशन गैप – मधु वशिष्ठ   : Moral Stories in Hindi

New Project 38

स्कूल के स्टाफ रूम में लंच टाइम में सारी टीचर्स चाय की चुस्कियां लेती हुईं अक्सर अपनी बहुओं या सासों की बुराई करती हुई देखी जा सकती थीं। भावना मैडम को ऐसा करना बिलकुल अच्छा नहीं लगता था, वह यही सोचती थी कि बहु या सास का अच्छा या बुरा होना केवल और केवल हमारे … Read more

विश्वासघात – मधु वशिष्ठ  : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104946.819

राघव की दो बहने और एक भाई और भी था लेकिन  राघव के माता पिता ने सब बच्चों को बराबर मात्रा में अधिक गहने गढ़वाए थे। जब राघव की सिलेक्शन हैदराबाद के लिए हुई तो नीता ने अपने सारे गहने सासु मां के पास रखवा दिए थे ।अपना बहुत सारा सामान भी जो कि वह … Read more

शिकायत नहीं – मधु वशिष्ठ  : Moral Stories in Hindi

New Project 67 1

आज शाम को विनय को ऑफिस के काम से मुंबई जाना था। शताब्दी की बुकिंग थी और ट्रेन रात को 9:30 बजे। स्टेशन तक पहुंचने के लिए लगभग 8:00 बजे तक तो निकलना ही था ना। 6:00 बज गए थे पर विनय का कोई अता पता न था। जब भी विनय को कहीं बाहर जाना … Read more

अपना घर… – मधु वशिष्ठ   : Moral Stories in Hindi

New Project 2

दरवाजा खुलते ही मीना ने देखा कि सामने माताजी भी अपने फ्लैट में वापस आ गई थीं। हैरानी और खुशी से माताजी को मिलने के लिए गई। माताजी उसके सामने वाले फ्लैट में ही अकेली रहती थीं। 10 साल पहले जब सरकारी विभाग में कार्यरत वर्मा जी संसार छोड़ कर गए थे| माता जी के … Read more

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