सुख दुख का संगम – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

माँजी आज कितनी देर तक सो रही हैं आप ,टाइम देखा है ,पिंकी को स्कूल बस पर छोड़ने जाना है आपको ,भूल गई क्या आप? मालती आँखों को मलती हुए हड़बड़ातीं सी उठी,देखा चाय का कप हाथ में लिए सिप करते हुए उनकी बहू रेखा का तीखा स्वर उनके कानों में सुनाई दिया। चाय पीने … Read more

आत्मसम्मान – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जैसे जैसे रामदीन काका का गांव , पास आता जारहा था सेठ गिरिधर दास जी केदिल की धड़कन तेज होती जारही थी और ऐसी की कार में बैठे हुए भी उनको पसीना आरहा था।यह सोच सोच कर उनको शर्मिन्दगी महसूस हो रही थी कि किस तरह बेइज्जत करके उन्होंने अपनी बहू नमिता केकहने पर रामदीन … Read more

बहन – माधुरी गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

इरा ने कलैंडर पर नजर डाली अरे उन्नीस तारीख़ का तो ररक्षाबंधन का त्योहार है,सोच कर मन उदास हो गया। मन में भाईे के साथ बिताए प्यार के पल किसी चलचित्र की तरह याद आने लगे।बस दो साल ही तो बड़ा हैउसका भाई नमन उससे।बचपन में जब भी वह उसे राखी बांधती थी तो हमेशा … Read more

दूसरे के महल से अपने घर की झोपड़ी में स्वाभिमान से रहना अच्छा है, – माधुरी गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

रमा जी आज पार्क में घूमने आई तो उनके हाथ में मिठाई का डिब्बा था।सैर करने के बाद जबगपशप का दौर चला तो उनसे पूछा कि किस खुशी में आज मिठाई खिला रही हो,।रमा जी मुस्कराते हुए कहने लगी एक गुड न्यूज़ है आज मन बहुत खुश है सोचा इस खुशी को अपनी सारी सखियों … Read more

रीयूनियन मीट – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जैसे ही निधि ऑफिस पहुंची,उसने देखा उसके केबिन की टेबिल पर एक गुलावी लिफाफा रखा है साथ ही बड़ी सी चॉकलेट भी,एक कार्ड पर छोटा सा कैप्सन लिखा नजर आया‘‘ इस खुशी के मौके पर कुछ मीठा हो जाए,, निधि ने उत्सुकता कि लिफाफा जैसे ही खोला, पीछे से वॉस कीआबाज सुनाई पड़ीं, बधाई हो … Read more

मतभेद – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तुनकमिजाज सरिता का मायके में एक सप्ताह में दूसरा चक्कर था , ससुराल लोकल था ,सो थोड़ा सा भी कुछ ऊपर नीचे होता , तुरंत मायके आ धमकती। शुरू शुरू में तो मां ने सोचा कि अभी शादी को दो ही महीने हुए हैं कुछ समय बाद ससुराल में रच बस जायगी।लेकिन आज उसको देख … Read more

छोट छोटी बातों में खुशियों को तलाश करना सीखो – माधुरी गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

खुशियों का न तो कोई तय शुदा पैमाना होता है और न खुशियों की कोई एक्सपायरी डेट होती है। परंतु ये हमारा बावरा मन कभी कभी पूरी उम्र खुशियों की तलाश में भटकता रहता है और खुशियां हमारे आसपास ही टहलती रहती हैं।बस हम लोग किसी बड़ी खुशी की आस में छोटी छोटी खुशियों को … Read more

कड़वाहट – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

योगिनी हर रोज की तरह रसोई में अपने बच्चों व पति के लिए नाश्ता बना रही थी कि उसकी बेटी गौरी उछलती कूदती उसके पास आई और कहने लगी,मां देखो, चाची ने आज मेरा कितना अच्छा हेयर स्टाइल बनाया है।तुम तो हर रोज वही सीधी मांग निकाल कर दो चोटियां बना देती थी। क्लास में … Read more

रोते रोते बस अपनी किस्मत को कोसती जा रही थी – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

सुमन को पार्क में आए तीन घंटे हो चुके थे,रोज की तरह सुबह सात बजे सैर के लिए घर से निकली थी और अब दस बज रहे थे ,सैर भी कितनी करती आखिर।थक चुकी थी,घर वापस जाने को मन ही नही कर रहा था,सोचने लगी कैसा घर किसका घर।पहले घर पति का था अब घर … Read more

घड़ियाली आंसू बहाना – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पूरे पन्द्रह दिन अस्पताल में रहने के बाद कमला जी कीने आज सुबह-सुबह अन्तिम सांस ली,इस समय उनके पास उनकी सहायिका रामकली के अलावा कोई नहीं था देखरेख करने के लिए।हांलांकि जिस दिन उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था उसके दूसरे दिन ही कमला जी के तीनों बच्चों को अड़ोस पड़ोस की मदद लेकर … Read more

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