बेवजह का तनाव – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

रवि आज भूख नहीं लगी तुझे  क्या कर रहा है चित्रा जी ने आवाज लगाई तो हंसते हुए रवि आ गया क्योंकि आज ठंडा वाला नाश्ता करना है मां ये लो स्पेशल आइसक्रीम लेकर आया हूं लार्ज कोन एक आपके लिए आपकी फेवरेट एक मेरे लिए ..!! अरे वाह मैं तो सोचती ही रह गई … Read more

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सबकी खबर रखता हूं!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

श्रीमती जी की दोपहर की नींद के बाद मैं दोनो के लिए मसालेदार चाय बनाने की तैयारी में था ।चाय चढ़ाई ही थी कि … आप रहने दीजिए ये चाय वाय ।आप भी दिन भर घर में ही घुसे रहते हैं ।शाम का समय होता है बाहर घूमने का चार लोगो से मिलने जुलने का … Read more

टेसू के रंग – लतिका श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

विशाल दालान सूना पड़ा खिलखिलाहटों की बाट जोह रहा था आम्र वृक्षों के नवोदित बौर से सुवासित इस दालान को उन दिनों की मधुर स्मृतियां गुदगुदा रहीं थीं जब फागुन आते ही यह दालान गुंजासुमान हो जाता था नीले पीले लाल हरे बैंगनी ना जाने कितने ही रंगो से किनारे बनवाए गए सीमेंट के टैंक … Read more

धिक्कारिए नही …स्वीकारिए !!- लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

एक डर था जो धीरे धीरे आकार ले रहा था मेरे अंदर जो अचानक  नहीं हुआ था नवागंतुक नहीं था यह शायद यह तभी मेरे अंदर प्रस्फुटित हो गया था जब मेरी मां मुझे एक पुत्री को जन्म देने वाली थी वो भी उस समय जबकि पूरा खानदान घर के चिराग की एक अदद पुत्र … Read more

तलवार की धार – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

..हल्के पीले रंग उड़े सा कुर्ता सलवार … करीने से पूरी तरह फैला कर ओढ़ा हुआ दुपट्टा कमर तक लटकती गुथी हुई एक चोटी पैरों में एकदम साधारण चप्पलें पहनी हुई वह सामान्य लेकिन आकर्षक सी लड़की बस का इंतजार कर रही थी…शायद परीक्षा देकर आ रही थी और उसका पेपर भी शायद बहुत बढ़िया … Read more

परिवार का साथ जरूरी है – लतिका श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

पीहू की पीर कौन समझेगा!! जान से ज्यादा प्यारा था उसे अपना कैरियर।हो भी क्यों ना बचपन से एक स्वप्न जो उसके दिल में दिमाग ने बुन लिया था वह आकार लेने को छटपटाता रहता था। और इतने बरसों की अथक मेहनत संघर्ष के बाद आज जब वह मौका आया कि वह विदेश में अपने … Read more

वीणा के स्वर -लतिका श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

….बीथिन में ब्रज में नबेलिन में बेलिन में बनन में बागन में बगरो बसंत है… सृष्टि के मुंह से निकलते हुए शब्द वीना को देख थम गए थे….क्या बात है वीना … पूरा बसंत तो आज तुझमें ही उतर आया है अभी भी इस शादी से इंकार की वजह ढूंढ रही हो क्या.!!पर वो तेरा … Read more

घर की मिठास (अंतिम भाग) – लतिका श्रीवास्तव: hindi stories with moral

hindi stories with moral : कल पापा का जन्मदिन है याद है ना आज क्या क्या करना है अरुण वीना को याद दिला रहा था गुलदस्ता कहां है!! अरे भैया मैने तो फूलों का गुलदस्ता नहीं पूरी ये माला ही बना ली है आइए दिखाती हूं आपको कहती वीना अत्यधिक उत्साह से उसका हाथ पकड़ … Read more

वादा – लतिका श्रीवास्तव   : Moral stories in hindi

बचपन में थोड़ा बड़ा हुआ तो मां मुझे खरीददारी के लिए बाजार भेजने लगी थी।सब्जी लाना हो फल लाना हो मां अब मुझे ही कहती और जितने रुपए देती पूरा हिसाब पूछती और फिजूल खर्ची उसके बर्दाश्त के बाहर थी।पहले पहल तो बहुत बुरा लगता था मुझे बाजार जाना और सब्जी मंडी में घुस कर … Read more

अपनी अहमियत – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

आज से मैं भी कुछ नहीं बोलूंगी सुबह से हर किसी से पूछते रहो क्या खाना बनाएं क्या नाश्ता करोगे क्या सब्जी खाना है स्कूल में क्या किया ऑफिस में क्या हुआ ….. पर क्या मजाल जो कोई ढंग का जवाब मिल जाए ..!! एक तो खुद अपने आप कोई कुछ बताता ही नहीं और … Read more

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