घर की मिठास (भाग 2) – लतिका श्रीवास्तव: hindi stories with moral

hindi stories with moral : तीन दिनों बाद ही पापा का जन्मदिन है इस बार पापा पचास वर्ष पूरे कर लेंगे … भैया मैने पापा की इस पचासवीं सालगिरह के लिए एक सरप्राइज़ प्लान किया है सुबह सुबह ही वीना वरुण के पास फुसफुसाकर कह ही रही थी तभी मां हाथ में आरती की थाली … Read more

यह घर भी तुम्हारा है – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

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ऑटो रुक गया था जैसे ही सोनाली ने बैठने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए ऑटो के अंदर किसी को  देख तत्काल कदम भी मानो बाहर आने को तत्पर हो उठे थे..। मैडम बैठना है कि नहीं बैठना मेरा टेम खोटी मत करो ऑटो ड्राइवर की तीखी प्रतिक्रिया और घर जल्दी पहुचने की विवशता ने … Read more

समय का खेल निराला – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in hindi

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ये भाग्य वाग्य सब फालतू बातें हैं निकम्मों के बहाने हैं मैं नहीं मानता ये सब मैं तो खुद अपनी तकदीर का मालिक हूं … परिमल जी ने सिगार का कश लेते हुए थोड़े दर्प से कहा तो और तो किसी की हिम्मत नही हुई कुछ कहने की लेकिन उनकी पत्नी मधु जी रोक नही … Read more

मां का दिल (भाग 2) – लतिका श्रीवास्तव

तीन भाई …… एक सबसे छोटा मानसिक विक्षिप्त सा है  एक बार पागलपन में बाड़ी में बने कुएं में कूद गया था उसीको बचाने में पिता जी भी बिना आगा पीछे सोचे कुएं में कूद गए सिर कुएं की सख्त दीवाल से टकराया और तुरंत मृत्यु हो गई थी भाई को तो सुरक्षित निकाल लिया … Read more

मां का दिल (भाग 1) – लतिका श्रीवास्तव

…..अचानक शहर से खबर मिली कैलाश को पुलिस पकड़ ले गई है …..शहर में जिन लोगो के साथ उसका उठना बैठना था उन्हीं लोगों ने उसे जालसाजी में फंसा दिया था….मां तो रोने ही लग गई मेरा लाड़ो पला बेटा जेल में रहेगा कसाई होते हैं ये पुलिस वाले मार मार के मार ही डालेंगे … Read more

अंधश्रद्धा – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : अरे दीदी कहां की तैयारी हो रही हैं..!! बाबा जी के आश्रम जा रही हूं जया तू भी चल इस बार बाबाजी का आशीर्वाद ले आना तेरे बेटे की नौकरी भी लग जायेगी और तेरे पति के साथ तेरे मनमुटाव का हल भी दे देंगे बाबाजी मालती दीदी ने इतनी … Read more

जीने का मकसद (भाग -2) : लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अशक्त मां शक्तिमान सी पास ही खड़ी थी उसके स्नेहिल हाथों का स्पर्श उसे अपने बालों पर कंधों पर महसूस हो रहा था … मां कह उसकी ओर मुड़ा ही था कि हॉस्पिटल बेड पर अपने कमर के नीचे की रिक्तता की पीड़ा से स्तब्ध हो उठा … दोनों पैर … Read more

जीने का मकसद (भाग – 1) : लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सच है मुसीबत कभी अकेले नहीं आती ना जाने उसे भी कई संगी साथियों के साथ ही आना रास आता है…! प्रत्यूष की जिंदगी भी ठीक ठाक चल रही थी..बस एक ही अड़चन थी या यूं कहें कि मुसीबत थी कि उसे अभी तक नौकरी नहीं मिल पाई थी और … Read more

घर की मिठास – लतिका श्रीवास्तव: hindi stories with moral

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hindi stories with moral : मैंने होटल में रूम बुक करवा लिया है अपने लिए . मैं एयरपोर्ट से वहीं चला जाऊंगा शाम को तुम्हारे घर सबसे मिलने आ जाऊंगा… लैपटॉप पर उंगलियां दौड़ाते अनिमेष उर्फ एनी ने कहा तो वरुण आश्चर्य में पड़ गया। होटल में रूम क्यों बुक किया तुमने एनी हम घर … Read more

 स्वाद अपनेपन का….! (भाग 2)- लतिका श्रीवास्तव

…….एक बार सोमेश ने अपने दोस्तों को घर पर डिनर के लिए बुलाया था कालिंदी से पूछ कर ही तय किया गया था….उसी दिन सुबह कालिंदी की मां का फोन आ गया था बेटा तेरी मौसी सीढ़ियों से गिर पड़ी है तू आजा मेरे साथ चलना तेरे पापा नहीं जाएंगे….कालिंदी ने तुरंत सोमेश को फोन … Read more

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