छतरी – लतिका श्रीवास्तव   : Moral Stories in Hindi

नहीं …..हमारे खानदान में ऐसा कभी  नहीं हुआ और जब तक मैं जिंदा हूं मैं किसी को ऐसा करने नही दूंगा.. हमेशा की तरह मैंने गुर्रा कर सबको चुप कराने की कोशिश कर दी थी। लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग दिखी मुझे ।आज पहली बार अपने घर में अपनी बात का विरोध करने के … Read more

जिद – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मुझे भी किसी हिल स्टेशन पर घुमाने ले चलो मां की दस दिनों से जारी यह जिद समझ से परे थी।पता नहीं अचानक मां पर ये घूमने जाने का भूत कैसे सवार हो गया था लेकिन इस भूत भगाने के चक्कर में पिता जी के सारे तंत्र मंत्र बेकार हुए जा रहे थे। हमेशा की … Read more

अभिनय की कसौटी – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

आज फिर ढाक के वही तीन पात …नौकरी नहीं …!! कितनी एडियां रगड़ी कितनी मिन्नतें की पर बिना सिफारिश बिना ऊंची पहुंच के आज के जमाने में मुझे कौन नौकरी दे देगा।प्रतिभा है मेरे अंदर आखिर तीन वर्षो तक लगातार  पूरे कॉलेज का बेस्ट एक्टर मुझे ही चयनित किया जाता रहा है स्कूल में भी … Read more

पुलकन – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अरे भई श्रीमती जी कहां हैं आप लीजिए मॉर्निंग टी हाजिर है सुबोध जी ने चाय की केतली टिकोजी सहित लाकर बेड की साइड टेबल पर रख दी। शामली जी  वाश रूम से निकल रहीं थीं…! अरे सॉरी मुझे उठने में देर हो गई मैं बनाती ना आप क्यूं बना लाए कुछ शर्मिंदगी के एहसास … Read more

परिधान – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

.. तुमने कुछ कहा ही नहीं इतनी सुंदर ड्रेस मैने पहनी है …तुम्हारा ध्यान कीधर रहता है सुमेर…. रिया कुछ नाराज हो गई थीऔर आखिरी के शब्दो को कहने की तीव्रता इतनी अधिक थी कि रेस्तरां में कई लोग पलट कर उसकी ओर देखने लगे थे। यह सुंदर ड्रेस उसने कल ही खरीदी थी कल्पना … Read more

अभागी या सुभागी..!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सब लोग कहते थे निधि तू अभागन है अरे भगवान ने तुझे एक बेटा नहीं दिया तीन तीन लड़कियां है तेरी ऊपर से तेरा पति .. निठल्ला.. बेकार..!! क्या होगा तेरा मुन्नी.. मां भी सिर पर हाथ मार कर कह उठती थी हे ईश्वर मैं बड़ी अभागी हूं मेरी ही बिटिया के साथ सब कुछ … Read more

मान जाओ ना..!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

नहीं नही मेरा बच्चा शानू बच जायेगा इसे कुछ नही हो सकता….माता सुलभा का हृदय चीत्कार कर उठा था। शाम का समय था हॉस्पिटल से फोन आया । शानू के पापा विकास का फोन था.. सुभा…जल्दी यहां आ जाओ संक्षिप्त कथन था उनका परंतु गहरा लंबा उतर गया था दिल में ।घर से हॉस्पिटल का … Read more

परहेज – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अनीशा का दिल आशंकाओं से घिर गया था लेकिन कोई अपराध बोध नहीं था उसे। बात बस इतनी हुई कि आज लड़के वाले उसे देखने आए थे।हालांकि इस तरह देखना दिखाना जैसी बातों से वह परहेज ही करती थी लेकिन पिता के बहुत समझाने पर अनिकेत से एक अनौपचारिक मुलाकात अपने ही घर पर माता … Read more

ब्रांडेड सोच – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

#गुरूर# ब्रांडेड सोच जब पंद्रह लाख की कार दरवाजे पर खड़ी हुई तो मिताली के चेहरे की पुलक आंखों की चमक और ठसक देखते बनती थी। एक गुरूर सा छा गया था उसके चेहरे पर ही नहीं शरीरके हर हाव भाव पर भी। कार के आते ही मानो सब कुछ बदल ही गया था।चलने का … Read more

मां तुम बेस्ट हो!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

क्या मां आज नारियल वाली चटनी एकदम खराब बनाई थी आपने …..अपनी सहेलियों के जाते ही मोना मां के ऊपर खीज पड़ी और ये इतनी मुसी मुसी सी साड़ी आपकी..!! जानती हो मेरी सहेली नीरा कह रही थी कि तुम्हारी मां से ज्यादा ढंग से तो  मेड रहती हैं…..! मां खामोश थी..उसकी आंखें पनियाली हो … Read more

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