न्यूजपेपर – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सर्द हवाओं ने सबको अपनी गिरफ्त में ले लिया है हाथ पैर नाक कमर सब मानो ठिठुरन की जकड़न में आ गए हैं।धूप भी जैसे ठंड से कोई मित्रता निभा रही है और सूरज की तपन को क्षीण करने के लिए पैतरे बदल बदल कर बुढ़ापे के शरीर को तंग करनेकी साजिश कर रही है। … Read more

मेरी बहु मेरे घर का हिस्सा है – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

तनु… कहां है ओहो, वहां किचन में क्या कर रही है? दो दिनों के लिए मायके आई है, चैन से बैठ ले। आ, मेरे पास बैठ। तब तक बहू गाजर हलवा बना कर यहीं ले आएगी। रागिनी जी ने जोर से आवाज लगाई, अपनी बेटी को ढूंढते हुए। रागिनी जी की आवाज में एक गहरी … Read more

यह भी तो शहादत ही है!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बोर्ड परीक्षाएं नजदीक हैऔर क्लास में उपस्थिति इतनी कम..!! प्रभास सर आप क्लास टीचर हैं ध्यान क्यों नहीं देते ??प्रिंसिपल शाश्वत जी ने क्लास में घुसते ही टोका। सर मेरी सुनते ही कहां हैं …दो बारहवी के छात्र हैं सर पूरी क्लास में आतंक मचाए रहते है किसी को पढ़ने नहीं देते ना ही पढ़ाने … Read more

कुछ करिए – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

नहीं मैने नहीं फेंका यह कचरा मुझे क्या पता किसने फेका है क्या मैं किसी खोजी विभाग में नौकरी करता हूं.. आप लोग भी ज्यादा करमचंद जासूस बनने की कोशिश मत कीजिए वरना मुझसे बुरा कोई ना होगा कहे देता हूं… हमेशा की तरह बांह चढ़ाता शिवदयाल सबको परास्त किए दे रहा था। मॉर्निंग वॉक … Read more

“बदले हुए अहसास” – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मोहन जी के घर पर आज खुशियों का माहौल था। उनके बेटे शिशिर को एक प्रतिष्ठित पद पर नियुक्ति मिली थी। पूरे मोहल्ले में इस खबर ने मानो उत्सव का माहौल बना दिया था। पड़ोसी, रिश्तेदार, सब उनके घर बधाई देने आ रहे थे। समर्थ जी, जो मोहन जी के पुराने दोस्त थे, विशेष रूप … Read more

एक कमरा बहू का…. !! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

…रमोला की कार आ चुकी थी और किरण अपनी ऊहापोह में अभी तक तैयार नहीं हो पा रही थी। .. भाभी भाभी ये देखो ये सूट आपके लिए लेकर आई हूं आप पर ये कलर खूब फबेगा मीतू ने कई सारे सूट के पैकेट किरण की ओर बढ़ाते हुए कहा तो किरण आश्चर्य से उसे … Read more

अचूक फार्मूला – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

शिनी , मोनू सब आ जाओ डाइनिंग टेबल पर खाना लग गया है शिनी जरा अपने पापा को भी आवाज दे दो लैपटॉप में व्यस्त होंगे प्रीति ने जोर से आवाज लगा सबको बुलाया लेकिन कोई टस से मस ही नहीं हुआ। छुट्टी का दिन तो जैसे और भी लंबा हो जाता है प्रीति के … Read more

बालभोज – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बालदिवस है कुछ खास करो वरिष्ठ शिक्षक रामप्रसाद जी ने बालदिवस आयोजन की मीटिंग शुरू होते ही उपस्थित छात्र प्रतिनिधियों की तरफ देखते हुए कहा। जी सर … वो …हम लोग भोज का आयोजन करना चाहते हैं जिसे हम बच्चे ही बनाएंगे छात्र प्रतिनिधि रोहित ने जल्दी से अपनी बात रखी। बहुत बढ़िया प्रस्ताव है … Read more

मूवी का टिकट – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

कम्मो आज केवल मां पिताजी का ही डिनर बनाना उनसे पूछ लो उन्हें क्या खाना है वहीं बना दो हम लोग बाहर जा रहे हैं राजन ने मेड के आते ही बताया। जी साब कहती कम्मो मांजी के पास पहुंच गई थी। अम्मा बताए दो क्या बना दूं खाने में आप और बाबूजी के लाने..कम्मो … Read more

मिट्टी के दीये – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

दिन भर घूम घूम कर दीवाली की  सारी खरीददारी करने के बाद  अरूणा थक गई थी।खरीददारी करना भी कितना कठिन काम होता है सबकी पसंद की चीजे सबकी फरमाइश की गिफ्ट्स दुकान दुकान जाकर  खरीदने में पसीने छूट जाते हैं ।ऊपर से दुकानदार भी हर सामान की ऊंची ऊंची कीमत वसूलना चाहते हैं त्यौहार आए … Read more

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