चाहत को मिले पंख – लतिका श्रीवास्तव

अरे सुधांशु ए सुधांशु….पापा की अनवरत आती हुई आवाजों ने सुधांशु को बेचैन कर दिया वो लपक कर कमरे से बाहर निकल आया .. हां पापा क्या हुआ !!!ऐसे क्यों आवाज़ दे रहे हैं आप..!बताइए क्या हो गया बहुत परेशान दिख रहे हैं….!!बेटा बैंक से मेरे रुपए कोई निकालता जा रहा है .. ये देखो … Read more

  नेकी का बदला – लतिका श्रीवास्तव 

आकाश हतप्रभ था स्तब्ध था …विशाल का बेजान शरीर उसके समक्ष था कितना भरोसा था विशाल को अपने सिद्धांतों पर …हमेशा कहता था अच्छा करोगे तो अच्छा ही मिलेगा…अपने कर्तव्यों को निष्ठा से करोगे तो निष्ठा ही मिलेगी…समाज भ्रष्ट नहीं  होता है कमी है भ्रष्ट लोगों के स्थान पर सदनियत लोगों के सामने आने की…..! … Read more

विरोध बना पुष्पहार – लतिका श्रीवास्तव

….मीटिंग बहुत लंबी और उबाऊ होती जा रही थी…इतने शानदार होटल में सारी व्यवस्था की गई है ….अधिकांश तो पल पल में परोसे जा रहे शीतल और गरम पेय पदार्थों का आनंद उठाने में तल्लीन थे ….सुस्वादु भोजन का काल्पनिक स्वाद रह रह कर सभी को मीटिंग के शीघ्र खत्म होने का शिद्दत से एहसास … Read more

छालू नहीं शालू – लतिका श्रीवास्तव 

….सहमी सहमी सी थी वो जब मैंने उसे बुलाया तो बहुत झिझक रही थी काफ़ी कुरेदने के बाद जब उसने मुंह खोला तो सारे बच्चे ठहाका लगा कर हंस पड़े ….वो फिर से सहम कर अपने में सिमट गई थी….. शालू नाम था उसका …बहुत ही शालीन पर सहमी सी वो लड़की पूरी क्लास के … Read more

सही राह – लतिका श्रीवास्तव

वृद्धाश्रम के दरवाजे पर ही पिता रमानाथ जी को उतार कर राजन चलने लगा तो वृद्ध अशक्त पिता ने कोई शिकायत नहीं की बस आंसू भरी आंखों और रुंधे गले से हमेशा की तरह सदा खुश रहो बेटा का आशीष जरूर दिया जिसे सुनने के लिए बेटा राजन रुका ही नहीं….तुरंत कार स्टार्ट करके घर … Read more

सिर्फ अपने लिए नहीं….. – लतिका श्रीवास्तव 

डॉक्टर की बातें रामदयाल जी के दिमाग में भूचाल पैदा कर रही थीं कि एन मौके पर अगर आप यहां नहीं आते तो हार्ट अटैक हार्ट फेल में बदल गया होता!!….रमा ने संक्षिप्त में बताया था कि आज अदिति और अमीश के कारण ही फ्लाइट बुक हो पाई और आपको यहां लाना संभव हो पाया……..!! … Read more

मर्यादा का उल्लंघन – लतिका श्रीवास्तव

……मेट्रो ट्रेन अपनी रफ्तार से आगे बढ़ती जा रही थी….. आज कुछ ज्यादा ही भीड़ थी….सुदीप्ता काफी बेचैनी महसूस कर रही थी खड़े खड़े आज उसके पैर भी दर्द करने लगे थे…तभी अचानक उसे अपने एकदम नजदीक कुछ अनचाहा सा स्पर्श महसूस हुआ…एकदम छिटक कर उसने देखा तो एक स्मार्ट सा बंदा भीड़ का फायदा … Read more

करवाचौथ सरप्राइस गिफ्ट – लतिका श्रीवास्तव 

…. पलाश का दिल मीठी सी आनंदानुभूति में मग्न था….आज शरद पूर्णिमा का चांद है तीन दिनों बाद करवाचौथ का चांद दिखेगा…..अभी ही उसकी शादी हुई है नई नवेली दुल्हन तूलिका उसके लिए करवाचौथ का व्रत रखेंगी …उसके लिए …!सोच सोच कर वो आनंदित हो रहा था….जैसे मां पिताजी के लिए रखती हैं….वो बचपन से … Read more

 हरसिंगार खिल उठे ……. – लतिका श्रीवास्तव

….देर रात  बगल के मकान से आती खटर पटर की आवाजों ने मुझे बिस्तर छोड़ने पर विवश कर दिया ….चोरी की नित बढ़ती वारदातों ने हम सब कॉलोनी वालों को अतिरिक्त सतर्कता प्रदान कर दी थी..!थोड़ी आहट लेते हुए धीरे से दरवाजा खोल कर मैने जायजा लेने की कोशिश की तो देखा  बगल के नवनिर्मित … Read more

error: Content is protected !!