वो ईनाम कुल्फी का – लतिका श्रीवास्तव

कॉलेज की सर्वश्रेष्ठ  वक्ता की ट्रॉफी मिली थी स्वाति को आज…. इस बेमिसाल इनाम के बारे में अपने विचार व्यक्त करने के लिए उसे मंच पर आमंत्रित किया जा रहा था..,सभी ये जानने को उत्सुक थे कि आखिर इस वक्तृत्व कला की प्रेरणा क्या है..!! प्रेरणा हैं वो दो कुल्फियां स्वाति ने हंसते हुए कहा … Read more

 सम्मान की मुस्कान – लतिका श्रीवास्तव

नेहा बहुत तत्परता से अपने काउंटर के सभी कार्य निबटा रही थी,उसकी कार्यकुशलता के साथ उसका अपने कार्य के प्रति निष्ठा और रुझान भी स्पष्ट परिलक्षित हो रहा था…एकमात्र उसका ही काउंटर ऐसा था जहां प्रतीक्षा कर रहे लोगो की लंबी कतार नही थी….वो बहुत शांति से अपने कार्य कर रही थी…भाव हीन सा चेहरा … Read more

सुंदर बहू – लतिका श्रीवास्तव

देख तुषार मुझे एकदम सुंदर स्मार्ट हीरोइन जैसी बहू चाहिए…. यही लड़की मेरी बहू बनेगी कितनी सुंदर है ये मुझे बहुत पसंद है क्या नाम है इसका …..माला जी तुषार के सामने ढेर सारी फोटो रख कर उत्साहित हो रही थी …कई फोटो देखने के बाद एक यही फोटो उन्हे बहुत ज्यादा पसंद आ रही … Read more

स्नेह का जुड़ाव – लतिका श्रीवास्तव

आज ऑफिस में काम ही इतना ज्यादा था कि श्रुति थक के चूर हो गई थी ऐसा मन हो रहा था घर पहुंचते ही कोई इलायची वाली गरम गरम चाय बना कर दे दे फिर थोड़ी देर कमर सीधी कर लूं…..घर में घुसते ही ड्राइंग रूम से बातें करने हंसने की आवाजे सुनाई पड़ी श्रुति … Read more

अस्तित्व की तलाश …(भाग 2) – लतिका श्रीवास्तव 

..क्या नौकरी लग गई तुम्हाई तुम्ही बता दो मुझे नही पढ़ना तुम्हारा ये बकवास नियुक्ति पत्र… अवाक और कुछ नाराज पिता के पूछने पर मानस ने जैसे ही शिक्षक की नौकरी मिलने की बात  बताई राघव जी तो आगबबूला ही हो गए …शिक्षक की नौकरी करोगे अब  !! इतनी वर्षो की हमारी जमी जमाई इज्जत … Read more

कुछ कहते रहिए – लतिका श्रीवास्तव 

हेलो बेटा हेलो….शैलजा जी मोबाइल पर कहती जा रही थीं….पर शायद उधर से कोई उनकी बात सुनकर भी अनसुना करता जा रहा था….मनोहर जी के गुस्से का  पारा बढ़ता जा रहा था….क्या हो गया है इसे जवाब क्यों नहीं देता हम लोगों की बात ही नही सुनता …इतना व्यस्त हो गया है वहां जाकर..!!जब से … Read more

अस्तित्व की तलाश ( भाग 1 ) – लतिका श्रीवास्तव 

..मां देखो मेरी ट्रॉफी और ये ढेर सारे पुरस्कार सब में मैं ही फर्स्ट आया हूं मिस ने मेरी बहुत तारीफ की खूब तालियां बजीं बजती ही रही …ये देखो सर ने मुझे ये चॉकलेट का डब्बा भी दिया है …. मानस अभी अभी स्कूल से घर आया था और आज स्कूल में मिले ढेरों … Read more

जिंदगी जीने के लिए है…… – लतिका श्रीवास्तव 

शालिनी तुमसे एक काम ठीक से नहीं होता दिमाग कहां रहता है तुम्हारा आज कल…..मैने तुमसे फाइल लाने को कहा था तुमने ये कोई सी किताब लाकर दे दी है….शांतनु झुंझला कर कह रहा था तभी शालिनी ने धीरे से फाइल उसकी ओर बढाते हुए कहा ये लीजिए आपकी फाइल …. सॉरी जल्दी जल्दी में … Read more

भक्ति का शोषण – लतिका श्रीवास्तव 

सुनंदा ने सुबह सुबह जैसे ही दरवाजा खोला …अचानक पैर किसी चीज से टकराया …नीचे देखा तो जमीन पर एक नारियल लाल सिंदूर,कुछ चावल के दाने, काला तिल लाल रंगव का कपड़ा और कुछ लाल फूल बिखरे थे…ये क्या है पड़ा है जमीन पर…लगता है किसी का पूजा का सामान जल्दी जल्दी में गिर गया … Read more

दिल की दुआ – लतिका श्रीवास्तव 

वो कुछ नहीं करता है… वो कौन..!मेरा बेटा सूरज …! हां वो कुछ ऐसा नहीं करता जो आज कल की दुनिया में कुछ करने लायक की परिभाषा में फिट हो सके..मसलन मेरे   भाई का लड़का पूरी यूनिवर्सिटी में टॉप किया है और अभी विदेश में जॉब ऑफर मिला है….करोड़ों का ऑफर है….अब वो वहीं … Read more

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