मीठी – लतिका श्रीवास्तव   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  मीठी ए मीठी….सुधाकर लगातार आवाजे दिए जा रहा था हां हां आई ….आ रही हूं बाबा क्यों बुलाए जा रहे हो मीठी हाथों में बेसन लगाए ही आ गई क्या है बताओ जल्दी सुधाकर कड़ाही जल रही है …आकर सुधाकर के सामने खड़ी हो गई थी मीठी। बेसन वाले हाथों … Read more

कर्म की रेखा – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शहर के सबसे बड़े शिक्षण संस्थान का भूमि पूजन समारोह हो रहा था अविनाश पिछले दस दिनों से दिन रात इसके लिए जुटा था गुड्डी के साथ सभी बड़े कार्यालयो में भागदौड़ करके सारे कागज दस्तावेज भली भांति तैयार करवाए थे उसने …आजकल छोटी सी दुकान खोलना कितना कठिन है … Read more

कोशिशें बाकी हैं अभी…! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “हेलो… हां बेटी कैसी है क्या खाना मिला आज हॉस्टल में ..!फिर नहीं खाया आज खाना बेटा ये तो गलत है ऐसे रोज रोज खाना नही खाओगी तो पढ़ाई कैसे कर पाओगी ….मीरा भाभी अपनी बेटी प्रीति से मोबाइल पर बात कर रही थी मम्मा एकदम गंदा खाना है यहां … Read more

तुमसे नहीं होगा..!!- लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : तुम बीच में बोलती ही क्यों हो जब तुम्हे इस बारे में कुछ पता ही नही है अपना काम करो जाओ जाकर चाय बना लाओ सबके लिए हम लोगो के काम में टांग ना अड़ाया करो तुमसे ना होगा ये हमारा काम है.. सुधीर की उपहास पूर्णआवाज से शांता का … Read more

लाल बॉर्डर की साड़ी – लतिका श्रीवास्तव

मेघना जी जड़ सी हो गई जब उनके पति शिशिर ने उन्हें देखते ही कहा,ये क्या पहन लिया तुमने!!ये रंग तुम पर सूट नहीं करता,इतने चटक रंग की साड़ी पहनने की तुम्हारी उम्र है क्या??जाओ मेहमानों के आने से पहले चेंज करके आओ!!और हां इस बार ध्यान रखना ……अरे अकल नहीं है तो पूछ लेना … Read more

असली ट्रॉफी!! – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : विनी प्रथम पुरस्कार की ट्रॉफी ले रही थी पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था विनी के माता पिता को भी मंच पर आमंत्रित किया गया था फूलों के गुलदस्ते भेंट किए गए फोटोग्राफी भी हुई….गणेशोत्सव के आयोजन हो रहे थे रोज एक प्रतियोगिता होती थी आज समापन … Read more

 मन से मन मिले तो दीप जल उठे – लतिका श्रीवास्तव 

…थोड़े दिनों बाद ही दिवाली है…..सुमेर अत्यधिक उत्फुल्लित और उत्साहित था …इस बार आराम से अपनी पत्नी और बच्चों के साथ स्वतंत्रता पूर्वक दिवाली मनाऊंगा….पिछली दिवाली पर मां पिताजी थे….हर बात पर टोका टाकी….ये ऐसा करना था ..वो वैसा करना चाहिए था….!! उसकी तो बहस हो गई थी  पिता जी से….. साफ कह दिया था … Read more

बस इतना ही तो चाहिए…!! – लतिका श्रीवास्तव: Moral Stories in Hindi

358584 Moral Stories in Hindi : अरे अम्मा जी भी हैं क्या आशी जी आपने बताया नहीं ..तो फिर कल शाम को आप अम्माजी को लेकर आइयेगा हमने घर पर कान्हा के जन्मदिन का उत्सव रखा है अम्माजी का आशीर्वाद भी हमें मिल जायेगा….रीमा बहुत विनम्रता और आदर से हाथ जोड़ कर निमंत्रित कर रही … Read more

उम्मीद भरे हाथ – लतिका श्रीवास्तव

..आज फिर उम्मीद लगा बैठी थी सुरम्या कि कोई उसे मनाने आयेगा बिना बताए ही समझ जायेगा कि उसके मन को कौन सी बात मथ रही है लेकिन सुबह से शाम और रात हो गई सब अपने अपने में व्यस्त हैं रात में उसने खाना भी नहीं खाया विराग ने कुछ चिंता से पूछा था … Read more

असली पुरस्कार – लतिका श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : कितनी इज़्ज़त कितना सम्मान है मेरा यहां इतना कहीं और कभी नहीं मिल सकता… सुमेधा का प्रमोशन हो गया था और विदाई का भव्य समारोह शहर के प्रतिष्ठित स्कूल के विशाल सभागार में संपन्न हो रहा था….सुमेधा का मन मस्तिष्क गर्व  सम्मान और संतुष्टि पूर्ण प्रसन्नता से आप्लावित हो रहा … Read more

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