एहसास बुढ़ापे का- लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : – नहीं अविनाश जी आपकी मां तो बहुत बूढ़ी हैं आप उनको संभाल कर ले आईएगा हो सके तो ।अगर बुढ़ापे की वजह से नहीं जाना चाहती तो वैसी व्यवस्था कर लेंगे वैसे अगर उन्हें आप अपने साथ ना ही लाएं तो अच्छा है आने जाने में कहीं कुछ ऊंच … Read more

अपना अपना अधिकार ( भाग 3) – लतिका श्रीवास्तव : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : आज बिना कहे ही  शालू तुरंत सबके लिए बढ़िया चाय बना कर ले आई थी हां हां पापा और क्या ये भी घर ही है आप लोगों का पर वहां गांव में भी तो देखना तो पड़ेगा ही जरूरी है वहां जाकर देखना …! शालू की बात पर सुनंदा … Read more

अपना अपना अधिकार ( भाग 2) – लतिका श्रीवास्तव : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : इनका यहां पर ..सारी दिक्कत हो रही हैं मुझे मेरा कमरा इन लोगों को दे दिया था मैंने ये सोच कर कि वैभव के मां पापा हैं यहां आए हैं कोई कष्ट ना हो आराम से रह लें कुछ दिनों बाद तो चले ही जायेंगे लेकिन कुछ ज्यादा ही … Read more

अपना अपना अधिकार – लतिका श्रीवास्तव : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : राघव जी मंदिर की सीढ़ी चढ़ते चढ़ते हांफने लग गए तो थोड़ी देर के लिए बैठ गए बस हो गई हिम्मत खत्म अरे क्यों इतनी कठिन मनौती मान लेते हो जब पूरी करनी इतनी कठिन हो सुनंदा ने भी साथ में ही बैठते हुए टोक दिया था अरी बावरी … Read more

अनुसरण..! –  लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुबह पांच बजे का अलार्म  जोर जोर से बज रहा था लेकिन सुरभि की हिम्मत ही नहीं हो रही थी बिस्तर छोड़ने की… ठिठुरन भरी ठंड इतनी कि रजाई से बाहर निकालते ही हाथ की उंगलियां भी मानो बाहर की अनदेखी हवा से मिलने की हिम्मत नही बटोर पाती  थीं … Read more

तुम्हारे लिए …!! –  लतीका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बधाई हो विष्णु आज तेरी वर्षों की तपस्या त्याग और मेहनत  सफल हो ही गई शिवदयाल ने विष्णुप्रताप को गले लगाते हुए जोर से बधाई दी तो बेटा भड़क उठा हुंह..!पापा की कौन सी त्याग तपस्या मेहनत अंकल!!इन्होंने आज तक किया ही क्या है मेरे लिए ये सब मेरी मेहनत … Read more

तुम्हारे लिए …!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बधाई हो विष्णु आज तेरी वर्षों की तपस्या त्याग और मेहनत  सफल हो ही गई शिवदयाल ने विष्णुप्रताप को गले लगाते हुए जोर से बधाई दी तो बेटा भड़क उठा हुंह..!पापा की कौन सी त्याग तपस्या मेहनत अंकल!!इन्होंने आज तक किया ही क्या है मेरे लिए ये सब मेरी मेहनत है.. पिता हैं  तो बेटे … Read more

 बंधते रिश्ते – लतिका श्रीवास्तव : Short Stories in Hindi

पापा इस बार मैं घर तभी आऊंगी जब भाभी घर से जाएंगी  वो नहीं दिखना चाहिए मुझे घर में……!नेहा बेटी का वही जिद्दी स्वर …. पर बेटा सुनो तो मेरी बात ….कैलाश नाथजी कहते रह गए और नेहा ने कॉल काट दिया। ………नेहा उनकी इकलौती बिटिया … बहुत ज्यादा लाडली …बचपन से अपनी हर ज़िद … Read more

आशीर्वाद की लाज..!! – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

दादी आज मेरा फाइनल मैच है… सर पर कैप लगाए और हाथों में क्रिकेट का बेट लिए हुए शानू ने पैर छूते हुए कहा …जोरदार वाला आशीर्वाद  दीजिएगा दादी प्लीज इस बार ट्रॉफी लेकर आना है…” अरे बेटा दादी के आशीर्वाद से नहीं तेरे जोरदार खेलने से ही ट्रॉफी मिलेगी….सुधीर जी ने हंसते हुए कहा। … Read more

जोरू का गुलाम (भाग -2)- लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बिचारी आनंदी दुखी हो जाती है सुन सुन कर उसे ऐसा लगता है जैसे जोरू का गुलाम एक इल्जाम है जो उसके कारण मेरे ऊपर लगाया जाता रहता है। अरे भाभीजी पलाश भइया पर क्या जादू किया है आपने हमें भी सीखा दीजिए पलाश के मित्रों की पत्नियां अक्सर उसे छेड़ती थीं। घर पर कोई … Read more

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