दोस्ती का दुश्मन – कुमुद मोहन   : Moral stories in hindi

New Project 57

Moral stories in hindi : सुमित और समर बचपन से साथ-साथ बड़े हुए,,पढ़ लिखकर शहर के नामी गिरामी कालेज में टीचर हो गए!  नौकरी मिल जाने पर दोनो ने एक छोटा सा टू बेडरुम का घर किराए पर ले लिया!खाना बनाने और घर की साफ-सफाई के लिए एक नौकरानी रख ली! दोनो दोस्त अपनी नौकरी … Read more

सौतेलेपन का दंश -कुमुद मोहन : hindi kahaniya

New Project 2024 04 29T211239.414

hindi kahaniya : “अरी ओ महारानी!उठकर चाय बनाओगी या दिन भर किताबों में घुसी रहोगी?तुम्हारी मां तो भाग गई अपने यार के साथ मेरी छाती पे मूंग दलने को तुझे छोड़ गई,अपने साथ ही ले जाती तो मेरी जान छूटती!अरे मैं भी कितनी मूरख हूं तुझे क्यों भला साथ ले जाती,उसकी अय्याशियों में कांटा ना … Read more

“और पासा पलट गया” – कुमुद मोहन : Moral stories in hindi

New Project 40

Moral stories in hindi : विराट रईस परिवार की इकलौता बिगदा हुआ औलाद!  जाने कितनी फैक्ट्रियां, सैकडों बीघा जमीनें,ऑईल मिलें,भट्टे और भी जाने क्या क्या? बड़ी सी हवेली नुमा कोठी,हर तरफ घूमते नौकर चाकर,कतारबद्ध खड़ी चमचमाती नये से नये मॉडल की गाडियां,वर्दीधारी शोफर! धन दौलत पैसे रूपये की भरमार!  ऐसे माहौल में पल बढ़कर ,अपने … Read more

“पत्नी के स्वाभिमान से समझौता?कभी नहीं!” – कुमुद मोहन 

New Project 48

पापा! चुप रहिये! जब देखो आप रीमा को किसी ना किसी बात पर टोकते रहते हैं, वह बेचारी आगे से आगे दिन भर आप लोगों की खिदमत में लगी रहती है फिर भी आप लोगों को उसे सुनाऐ बिना चैन ही नहीं आता! विनय सुबह सुबह गुस्से से अपने पचहत्तर साल के पिता रमेश जी … Read more

मायके का पहला सिंधारा – कुमुद मोहन

New Project 58

बहूजी! कोई कमी ना होनी चाहिए,बेटी का पहला सिंधारा जा रहा है,हम जानती हैं तुम हर चीज में हाथ खींच कर चलती हो,भगवान के वास्ते आज अपनी कंजूसी ना दिखाना” दादी की कड़कती आवाज सुन नीरा का मुँह उतर गया! दो महीने पहले ही नीरा और अशोक की बेटी सुमा का ब्याह सुधीर से हुआ … Read more

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