“बहू हो तो ऐसी” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

New Project 56

मघु जी के पति भरी जवानी में उन्हें और उनके दोनों बच्चों मयंक और मीनू को छोड़कर चल बसे थे जब वे केवल आठ और छः साल के थे! पति की सरकारी नौकरी के कारण उनके जाने के बाद उन्हें पेंशन मिलने लगी!उनके ससुराल का घर था!यही गनीमत थी! उन्होंने उसी स्कूल में नौकरी कर … Read more

आत्मसम्मान – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

New Project 35

“आज शाम को जरा ढंग से तैयार हो जाना बड़ी बुआ आऐंगी लड़के वालों को लेकर” मां मीना ने फरमान सुनाया! सुनकर सांवरी का चेहरा गुस्से से तमतमा उठा!फिर वही नुमाईश फिर वही आवभगत,लडके की मां-बहन की एक्सरे के समान चीरती नज़रें,उनके व्यंग्य बाण”चेहरे का फेशियल वगैरह करवाया करो,उबटन लगाया करो थोड़ा-बहुत रंग निखरेगा” और … Read more

“मन-आंगन ” – कुमुद मोहन   : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104946.819

आज मेरे पास अपना खूबसूरत सा आशियाना है ,सब सुख सुविधाऐं हैं!बेहद प्यार करने वाला ससुराल है,नाज नखरे उठाने वाला हमसफ़र है!नौकर-चाकर घोड़ा गाड़ी सबकुछ है! फिर भी मेरे मन का मयूर गाहे-बगाहे ससुराल की जिम्मेदारियों को छोड़,रीति-रिवाजों के बंधन तोड़ मायके की चौखट लांघ बाबुल के आंगन में उन खट्टी मीठी यादों का चुग्गा … Read more

नाराज – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

New Project 57

सुधा अपने बेटे शलभ से बेहद नाराज थी क्योंकि उसने उनकी मर्जा के खिलाफ सिया से लव मैरिज की थी!वे उठते-बैठते अपने जहरीले वाक्य बाणों के तीरों से बेचारी सिया का दिल छलनी किया करतीं! सिया चुपचाप उनकी नाराजगी और हर अत्याचार को बर्दाश्त करती !शलभ से बेइंतिहा प्यार जो करती थी! सिया हर वक्त … Read more

हक – कुमुद मोहन   : Moral Stories in Hindi

New Project 46

“मम्मा मम्मा कहां हो?”चिल्लाती हुई पीहू जल्दी जल्दी घर में घुसी! किचन में से गीले हाथ पोंछती राधा ने बताया “दीदी तो नानी के फ्लैट पर गई हैं नाना ने बुलाया था!” ” आप भी जानती हैं ना मम्मा तो मेरे हस्पताल से लौटने तक घर से कहीं हिलती भी नहीं चाहे कितना भी जरूरी … Read more

गैरों पे रहम-अपनों पे सितम – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104516.742

“अम्मा! क्या हुआ क्यों मुँह फुलाए बैठी हो? संजय ने ऑफिस से आकर शीला जी से पूछा!  “कुछ नहीं बस सब ठीक है” अम्मा ने बेटे के सामने बेबस सा होने का दिखावा किया!  संजय”कुछ तो है मुझे तो बताओ ना! मधु ने कुछ कहा है क्या?” अम्मा ने साड़ी का पल्ला मुँह पर रख … Read more

“प्रायश्चित ” – कुमुद मोहन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “साहब!मेरे बच्चे की सहायता करना,मेरे बाद इसका इस दुनिया में कोई नहीं है!मैंने भी हमेशा आपके परिवार को ही अपना समझा है,मेरे मरने के बाद इसका क्या होगा,सोचकर मेरा दम निकला जा रहा है”हाथ जोड़कर रो रोकर ड्राइवर रामसिंह अपने साहब महेश जी से विनती कर रहा था!महेश जी ने … Read more

“प्रायश्चित ” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

New Project 69

“साहब!मेरे बच्चे की मदद करना,मेरे बाद इसका इस दुनिया में कोई नहीं है!मैंने भी हमेशा आपके परिवार को ही अपना समझा है,मेरे मरने के बाद इसका क्या होगा,सोचकर मेरा दम निकला जा रहा है” हाथ जोड़कर रो रोकर ड्राइवर रामसिंह अपने साहब महेश जी से विनती कर रहा था! महेश जी ने वादा किया कि … Read more

मेरा घर -मेरे बच्चे- कुमुद मोहन : Moral stories in hindi

New Project 69

moral stories in hindi : देविका जी उम्र के आठवें दशक  में अपने आलीशान मकान के  बरामदे में अकेली बैठी बाहर होती घनघोर बारिश देख रही थी!बिजली चमकने और बादलों की घड़घड़ाहट से उनका बूढ़ा शरीर डर के मारे रह रह कर कांप जाता! आंघी की वजह से लाईट भी चली गई थी! बैठे बैठे … Read more

“मैं तो भूल चली बाबुल का देस”- कुमुद मोहन : Moral stories in hindi

New Project 87

moral stories in hindi : मम्मा !जब देखो दादी भैया का पक्ष लेकर मुझे नीचा दिखाती हैं,भले ही गल्ती भाई की हो वे मुझे ही कसूरवार ठहरा देती हैं,आप और पापा भी चुपचाप देखते हैं ,कुछ नहीं कहते ,अब मैने सोच लिया है मैं ही दादी को पलटकर जवाब देने लगूंगी तभी उन्हें समझ आऐगा” … Read more

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