“एक किलो सोना ” – कविता भड़ाना

मीरा बुआ अपने बड़े भाई के घर राखी पर आई हुई थी  संपन्न परिवार की बहू “मीरा बुआ” को पैसों का घमंड भी बहुत था और हर जगह बस अपने मुंह मियां मिट्ठू बनी रहती … उनके भैया अपनी बड़ी बेटी के लिए रिश्ता देख रहे रहे थे पर कही भी बात नही बन पा … Read more

“सब मोह माया है” – कविता भड़ाना

“मम्मा जल्दी से मैंगो शेक बना दो, उफ्फ कितनी गर्मी है आज बाहर”…  ट्यूशन से आते ही पंद्रह वर्षीय माही ने अपनी मम्मी आरती को आवाज लगाई…. आरती ने जल्दी से एसी ऑन किया और पनीर सैंडविच के साथ मेंगो शेक विद आइसक्रीम टेबल पर रख दिया.. माही टीवी देखते हुए मजे से खाने लगी.. … Read more

“आवरण” – कविता भड़ाना

नए साल के स्वागत में आज सोसाइटी की रौनक बस देखते ही बन रही थी…खाने – पीने के स्टॉल , कपड़ो के स्टाल, आर्टिफिशियल जूलरी और गेम्स के स्टाल बड़े तरीके से सुंदर से पार्क में लगे हुए थे, वहीं एक तरफ लाइव संगीत और डीजे पर बच्चे, महिलाएं और पुरुष थिरक रहे थे… प्रिया … Read more

“बेटे की वेदना” – कविता भड़ाना

बोझिल, वेदना से भरी रात के बाद, सुबह का सूरज भी दिल के अंधेरे को भर पाने में असमर्थ हो रहा है… कल तक जो सुबह पापा की रोबीली आवाज से होती थी, आज वहा सांय सांय करता सन्नाटा पसरा हुआ है, दिल में हूक उठ रही है की काश!! पापा की कही से आवाज … Read more

“थप्पड़ की गूंज ” – कविता भड़ाना

“सुमन बाहर निकल” डर मत तु, देख ये में हूं स्वाति… मैं हूं तेरे साथ , तू दरवाजा तो खोल…स्वाति ने बाथरूम का दरवाजा जोर जोर से खटखटाते हुए तेज आवाज में कहा.. डरी सहमी सुमन ने बाथरूम का दरवाजा खोला और बाहर अपनी प्रिय सहेली को देख,  उसके गले लगकर रोने लगी.. स्वाति ने … Read more

बहु हो तो ऐसी ” – कविता भड़ाना

“दुल्हन आ गई, दुल्हन आ गई” का शौर करते हुए बच्चे घर के अंदर भागते हुए आए, तो सुमित्रा जी ने जल्दी से पूजा की थाली तैयार करी और द्वार पर बहु का स्वागत करने आ गई, रीति रिवाजों से सारी रस्में निभाई गई और  इस तरह सुमित्रा जी भी आज बहु वाली हो गई … Read more

“सास हो तो ऐसी” –  कविता भड़ाना

घर का माहौल आज बड़ा बोझिल सा हो रहा था  कांता जी कई दिनों से ये बदलाव महसूस तो कर रही थी की दोनों बहुएं आपस में ना तो बात कर रही है और ना ही पहले की तरह घर के कामों में खुशी खुशी सहयोग ही कर रही है,पर उन्हें समझ नही आ रहा … Read more

“जिंदगी एक जंग है” – कविता भड़ाना

“शांति ओ शांति अरे भाग्यवान कहां हो?…मोहनलाल जी बहुत खुशी खुशी मिठाई का डब्बा हाथ में लिए बाहर से ही आवाज लगाते हुए घर में दाखिल हुए”… अजी क्या हुआ क्यों इतना चहक रहे हो, शांति जी रसोई घर से पसीना पोंछते हुए निकली…बस शांति अब तुम्हे और खटने की जरूरत नहीं है, जिस उम्र … Read more

“यादों की अलमारी” – कविता भड़ाना

बात थोड़ी पुरानी है हम जिस कॉलोनी में रहते थे वहां के सभी परिवारों में बहुत ही प्यार,भाईचारा और मेलजोल था किसी की भी बहन बेटी जब अपने ससुराल से आती तो वो पूरी कॉलोनी की मेहमान होती थी और शादी ब्याह चाहे किसी के भी घर में हो, पूरी कॉलोनी की रौनक देखते ही … Read more

“नसीब से मिला सुंदर परिवार” –  कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “नैना तुम भी आ रही हो ना आज अपनी सोसाइटी की किट्टी पार्टी में” सीमा ने फोन पर पूछा तो नैना ने “नहीं” में जवाब दिया… क्या यार कभी तो अपने लिए भी समय निकाल लिया कर, सभी आ रही है, तू भी आएगी तो मजा आयेगा और सब को … Read more

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