“मर्यादित रिश्ते” – कविता भड़ाना: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : चीखने की तेज आवाज़ के साथ कई लोगों की निगाहें उसी ओर उठ गई, एक सुंदर सी महिला ने एक पुरुष को कालर से पकड़ा हुआ था और बेहद गुस्से में बोल रही थी.. “आखिर दिखा ही दिया ना तुमने अपना असली रंग, अपनी बीवी के होते हुए भी अपने … Read more

“कही देर ना हो जाए” – कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: “क्या कहूं अब तुमसे जानेमन, मैं तो “आनंद” फिल्म की “राजेश खन्ना” हो गई, वो तीन घंटे की फिल्म थी और मेरी तो जिंदगी ही सिर्फ तीन महीने की रह गई बाबू मोशाय…पति अमित को ऐसा कहकर कनिका ने राजेश खन्ना के स्टाइल में ठहाका लगाया पर इस हसीं में दबा … Read more

“परिपूर्ण प्रेम” –  कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi:सुहानी आजकल बहुत खुश रहने लगी है, बेपरवाह सी लड़की अब सलीके और थोड़ा सज संवर कर भी रहने लगी,  अभी-अभी नहा कर निकली सुहानी ने अपने गीले बालों को झटककर तौलिए से सुखाना शुरू ही किया था की मैसेंजर पर आया एक मैसेज देख उसकी धड़कने तेज हो गई और जल्दी … Read more

“मेरे आंगन की लक्ष्मी” – कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : प्रिया का रोते रोते गला सूख चुका था और आंखें पथरा गई थी , उसे यकीन ही नहीं आ रहा था की ये वही भाई है जो उसे थोड़े से भी कष्ट में देखकर बैचेन हो जाता था।  दो साल पहले बहुत ही धूमधाम से प्रिया की शादी राजीव से … Read more

“नर रूप में नारायण” – कविता भड़ाना   : Short Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “ओ बिरजू कैसे बजा रहा है बे” थोड़ा जोश और एक दो ठुमके मार कर मस्त बजा, वरना तो पैसे काट लूंगा।  बैंड मास्टर की डांट पड़ते ही बिरजू ने “आज मेरे यार की शादी है” गाने को दूसरे बाजे वालो के साथ तालमेल से बजाना शुरू कर दिया, बारात … Read more

मेरी ससुराल – कविता भड़ाना: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मुझे तो शुरू से ही “ससुराल” शब्द बहुत लुभाता था, कॉलेज में आई तो मेरी सारी सहेलियां भविष्य में क्या करना है, विषय पर बात करती और मैं तो बस एक ही सपना देखती की जल्दी से ग्रेजुएशन पूरी करके शादी करू और ससुराल पहुंच जाऊं। पढ़कर आप सभी को … Read more

“जान की कीमत” – कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सोसाइटी के मुख्य गेट पर उत्तेजित स्थानीय लोगों की बढ़ती भीड़ से डर कर सभी बिल्डिंग के गार्ड को भी सुरक्षा हेतु बुला लिया गया था, लेकिन हालात और भी बद्तर हो गए, जब मृतक की नई नवेली दुल्हन, जिसकी मात्र पंद्रह दिन पहले ही शादी हुई थी, बदहवास रोती … Read more

 “थोड़ी सी ज़मीन, थोड़ा सा आसमां” – कविता भड़ाना

“देख छोटे एक बार फिर से सोच ले” ना तो वो हमारी हैसियत के लोग है और ना ही उनका समाज में हमारे जैसा रुतबा… अमीरी के दंभ में किशनलाल अपने छोटे भाई दिलीप से बोले… तेरी बेटी है तो फैसला भी तुझे ही लेना है लेकिन मुझे छोटी सी कॉलोनी का ना तो उनका … Read more

जीवन धारा –  कविता भड़ाना

“कितना समय है मेरे पास डॉक्टर साहब” सीमा ने केबिन में बैठे डाक्टर आशुतोष से पूछा तो उन्होंने बेहद गंभीर आवाज में कहा.. अधिक से अधिक 6 महीने ही है आपके पास क्योंकि ये ब्रेन ट्यूमर बहुत तेज़ी से फैलता जा रहा है … गहन विचार करने के बाद सीमा ने बड़ी शांति से पूछा… … Read more

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